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कैडेवर लिवर से मिल सकता है दो मरीजों को जीवनदान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सामान्य तौर पर देखने में आता है कि ब्रेनडेड मरीज से मिलने वाले कैडेवर लिवर को सिर्फ एक मरीज को ही ट्रांसप्लांट किया जाता है। यह लिवर दो मरीजों को भी ट्रांसप्लांट किया जा सकता है और अपने देश में ऐसा हुआ भी है, लेकिन 100 में ऐसे 2 ही मामले होते हैं। अंगदान करने वाले ब्रेनडेड मरीज की विभिन्न जांचें ठीक होनी चाहिए, क्याेंकि ब्रेनडेड होने के कारण अन्य चोटों की वजह से संकट खड़ा हो जाता है। यह बात लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. गौरव गुप्ता ने बताई। वह सोमवार को वोक्हार्ट अस्पताल में पत्र-परिषद अस्पताल में पहले लिवर ट्रांसप्लांट की जानकारी देते समय बोल रहे थे, उनके साथ हॉस्पिटल की प्रमुख सुजाता उपस्थित थीं।
डॉ. गौरव ने बताया कि लिवर की बीमारी के चलते देश में करीब 3 लाख मृत्यु होती हैं जो कुल मृत्यु का 3 फीसदी है। लिवर ट्रांसप्लांट के बाद पहले साल में 95-96 फीसदी मरीज सर्वाइव करते हैं। 10 साल में यह प्रतिशत 70 फीसदी हो जाता है। भारत में लिवर जैसे संवेदनशील ऑपरेशन के लिए संक्रमण ही एक बड़ी समस्या बनी हुई है। यह ऑपरेशन हम 10 माह पहले भी कर सकते थे, लेकिन हमें सफल ऑपरेशन करना था जिसके लिए हमनें प्रेशर रूम तैयार किया।
हॉस्पिटल प्रमुख सुजाता ने बताया कि विगत 5 जून को 45 वर्षीय महिला को अस्पतााल का पहला लिवर ट्रांसप्लांट किया गया जो वर्धा में 33 वर्षीय ब्रेनडेड मरीज से मिला था। लिवर ट्रांसप्लांट की टीम में डॉ. अनुराग श्रीमल, डॉ. अंजलि पत्की, डॉ. सौरभ कामत, डॉ. स्वानंद मेलाग, डॉ.अमित गुप्ते आदि शामिल थे।
Created On :   20 Jun 2018 5:56 PM IST