कोविड मरीजों की पसंद निजी अस्पताल, जहाँ बेड के लिए मची है भारी मारा-मारी

The choice of Kovid patients is a private hospital, where beds have been hit heavily
कोविड मरीजों की पसंद निजी अस्पताल, जहाँ बेड के लिए मची है भारी मारा-मारी
कोविड मरीजों की पसंद निजी अस्पताल, जहाँ बेड के लिए मची है भारी मारा-मारी

 मेडिकल में 63 बेड खाली पर वहाँ अव्यवस्थाओं के कारण कोई जाना नहीं चाहता
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
कोविड-19 मरीजों की संख्या साढ़े तीन हजार को पार कर चुकी है, साढ़े आठ सौ से ज्यादा एक्टिव केस हैं और 70 लोग जान गवाँ चुके हैं पर जहाँ मेडिकल कॉलेज  हॉस्पिटल में 63 बेड खाली हैं, वहीं प्राइवेट हॉस्पिटल में एक-एक बेड के लिए मारा-मारी की स्थिति निर्मित हो गई है। हर सक्षम मरीज निजी अस्पताल जाना चाहता है और उसकी इसी मानसिकता के कारण यह स्थिति निर्मित हो गई है। यह बात और है कि कई निजी अस्पतालों में न तो वेन्टीलेटर है और न ही आईसीयू, फिर भी उन्हें कोविड मरीज रखने की अनुमति मिल गई। वहीं मेडिकल में भर्ती मरीजों की शिकायत है कि वहाँ अव्यवस्थाओं का आलम है। 
कुछ निजी अस्पताल ओवरलोड7निजी अस्पतालों में भी कोरोना के मरीज भर्ती होने लगे हैं, लेकिन अधिकांश में एचएफएन और वेन्टिलेटर का अभाव है। इसी तरह कुछ में आईसीयू भी नहीं है, लेकिन जहाँ भी सुविधाएँ हैं वहाँ एक-एक बेड के लिए मारा-मारी की स्थिति निर्मित हो गई है। सभी निजी अस्पतालों में कुल 224 बेड हैं। मेट्रो में 27 बेड हैं, लेकिन मरीज 30 हैं, इनमें 7 ऑक्सीजन सपोर्ट पर और 7 वेन्टिलेटर सपोर्ट पर हैं। सिटी हॉस्पिटल में 36 की क्षमता है और 45 मरीज हैं, जिनमें से 2 ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। लाइफ मेडिसिटी में 15 की क्षमता और 25 मरीज हैं, जिनमें 18 ऑक्सीजन पर और 4 वेन्टिलेटर पर हैं। आदित्य हॉस्पिटल में 10 बेड हैं और 10 ही भरे हैं, जिनमें से 1 वेन्टिलेटर पर है। स्वास्तिक हॉस्पिटल में 10 बेड की क्षमता और 21 पॉजिटिव मरीज हैं, जिनमें 5 सस्पेक्ट हैं जिनमें 2 ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। यहाँ केवल ऑक्सीजन सपोर्ट बेड हैं। 

Created On :   27 Aug 2020 9:18 AM GMT

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