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स्वर्ण पदक पाकर खिल उठे स्टूडेंट्स के चेहरे
डिजिटल डेस्क जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में बुधवार को ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड में 33वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। दीक्षांत समारोह के प्रारंभ में राज्यपाल एवं कुलाधिपति मंगुभाई पटेल, डॉ. अतुल कोठारी, राष्ट्रीय सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली एवं माननीय कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र, कुलसचिव प्रो. बृजेश सिंह, सभी संकायाध्यक्ष एवं कार्यपरिषद सदस्यगणों की उपस्थिति में कुलपति कार्यालय से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दीक्षांत यात्रा आरंभ होकर पं. कुंजीलाल दुबे प्रेक्षागृह पहुंची। दीक्षांत यात्रा की समाप्ति के पश्चात बैंड की धुनों पर सुमधुर राष्ट्रगान से समारोह का शुभारंभ हुआ।
कुलसचिव प्रो. बृजेश सिंह ने कुलाधिपति की अनुमति से समारोह की शुरूआत की। सर्वप्रथम कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए विवि की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, रोजगार एवं नवाचारों की जानकारी दी गयी। इसके पश्चात एक के बाद एक सभी संकाय के संकायाध्यक्षों को दीक्षांत के मंच पर अपने-अपने संकाय के उपाधिधारकों के नाम विषयवार प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया। विवि दीक्षांत के मंच से 1 डी.लिट्, 175 पीएच.डी. धारकों को उपाधियां एवं 64 छात्र-छात्राओं को कुल 128 स्वर्णपदक प्रदत्त किये गये।
दीक्षांत भाषण-
विवि दीक्षांत समारोह में डॉ. अतुल कोठारी, राष्ट्रीय सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली ने दीक्षांत भाषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि दीक्षांत प्रत्येक वि़द्यार्थी के जीवन का स्वप्न होता है। वास्तविक ज्ञान वो है, जो आचार व्यवहार में परिलक्षित हो। विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास और चरित्र निर्माण ही भारतीय शिक्षा का उद्देश्य है।
वर्चुअल संदेश-
विवि दीक्षांत समारोह में वर्चुअल माध्यम से जुड़े मुख्य अतिथि माननीय डॉ. मोहन यादव, उच्च शिक्षामंत्री मप्र शासन ने अपने ऑनलाईन संदेश में कहा कि दीक्षांत समारोह ज्ञान, आत्मविश्वास और आकांक्षाओं को अभिव्यक्त करने वाला अप्रतिम अवसर है। स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि अगली शताब्धि भारत की होगी और उनके शब्दों को चरितार्थ करते हुए देश सक्षम नेतृत्व के चलते विश्व में अग्रणी पंक्ति में खड़ा है।
माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति-
विवि के 33वें दीक्षांत समारोह में उपाधिधारकों एवं स्वर्णपदक विजेताओं को आर्शीवचन प्रदान करते हुए माननीय महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल ने युवाओं से आव्हान किया कि ज्ञान को हमेशा आचरण में रखना है। दीक्षांत में श्रेष्ठ विद्यार्थियों को उपाधि एवं पदक प्रदान कर अपनी बौद्धिक परंपरा और उत्कृष्टता की संस्कृति को विश्वविद्यालय समाज में प्रवाहित करता है। आज आवश्यकता जनजातीय समाज में जागरूकता लाने की है। समाज के उत्थान में सभी के प्रयास होना जरूरी है। उन्होने अपने उद्बोधन में जनजातीय समाज में अनुवांशिकी रोग सिकल सेल को लेकर चिंता जताई और उसके रोकथाम की दिशा में प्रयास किये जाने पर जोर दिया। उन्होने कहा कि सरकार के साथ विश्वविद्यालय अपने स्तर पर इसके लिए अभियान चलाए और हर विश्वविद्यालय को पांच-पांच गांव गोद लेने हैं।
मिनिट टू मिनिट चला कार्यक्रम-
ऑनलाइन/ऑफलाइन मोड में कोरोना की नई गाइड लाईन का पालन करते हुए आयोजित दीक्षांत समारोह का कार्यक्रम निर्धारित समय में मिनिट टू मिनिट चला। दीक्षांत समारोह में कार्यपरिषद सदस्य श्रीमती कांति रावत मिश्रा, श्री पंकज सिंह तेकाम, सुश्री सीमा पटैल, डॉ. श्रीमती लीला सिंह भलावी, संकायाध्यक्ष प्रो. राकेश बाजपेयी, प्रो. धीरेन्द्र पाठक, डॉ. अमित कुमार गुप्ता, प्रो. रामशंकर, प्रो. एस.एस. पांडे, प्रो. अलका नायक, प्रो. सुरेन्द्र सिंह, डॉ. अधिकेश राय, विवि छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. विवेक मिश्रा, प्रो. एन.जी. पेण्डसे, प्रो. एस.एस. संधु, प्रो. दिव्या चंसोरिया, प्रो. दिव्या बागची, प्रो. ममता राव, डॉ. अश्विन जायसवाल, डॉ. देवीलता रावत, सहायक कुलसचिव श्रीमती सुनीता देवड़ी, सुश्री मिनाल गुप्ता, विवि स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक डॉ. संजय श्रीवास्तव, विवि यंत्री विनोद जारोलिया, डॉ. रजनी शर्मा, डॉ. हरेकृष्ण पाण्डेय, ओपी यादव आदि मौजूद रहे।
दीक्षांत समारोह का वर्चुअल प्रसारण-
33 वें दीक्षांत समारोह के आयोजन हेतु कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुये शासन/प्रशासन द्वारा जारी कोविड-19 के बचाव के समस्त दिशा निर्देशों का अक्षरश: पालन सुनिश्चित करने हेतु कुंजीलाल दुबे प्रेक्षाग्रह (भूतल) में केवल दीक्षांत शोभा यात्रा प्रतिभागी पी.एच.डी. उपाधि धारक, वी.वी.आई.पी. प्रेस प्रतिनिधि एवं वालेन्टीयर को प्रवेश दिया गया था। वहीं कुंजीलाल दुबे प्रेक्षाग्रह (प्रथम तल बालकनी) में बैण्ड दल एवं स्वर्ण पदक धारी प्रतिभागी उपस्थित रहे। वहीं विवि महिला अध्ययन केन्द्र, भौतिक शास्त्र विभाग, डी.आई.सी. कान्फ्रेन्स हॉल में वि.वि. के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, विद्यार्थी अन्य आगन्तुकों द्वारा डिजिटल माध्यम से वर्चुअल लाइव प्रसारण देखा।
Created On :   12 Jan 2022 9:01 PM IST