नेता-मंत्री खुद कहें की अवैध होर्डिंग पर मत लगाओ हमारी तस्वीर, आदेश का नहीं हो रहा पालन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि अवैध होर्डिंग का संकट तभी खत्म होगा जब राजनेता व मंत्री खुद अपने समर्थकों से सामने आकर कहेंगे कि होर्डिंग में उनकी तस्वीरे न लगाई जाए। जब तक ऐसा नहीं होगा तब तक हर जगह अवैध होर्डिंग की लगाने की परेशानी जारी रहेगी। इसलिए जरुरी है कि नेता व मंत्री सीधे जनता के बीच जाए और उन्हें अवैध होर्डिंग न लगाने के लिए कहे। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने अवैध होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई को लेकर जारी आदेश न लागू किए जाने को लेकर भी कड़ी नाराजगी जाहिर की। खंडपीठ ने कहा कि अदालत के आदेश को लागू करना प्रशासनिक काम है। जब तक प्रशासन की ओर से आदेश को लागू करने को लेकर सच्चा इरादा नहीं दिखाया जाएगा तब तक आदेश नहीं लागू होंगे। इस दौरान सरकारी वकील भुपेश सावंत ने स्वीकार किया कि आदेश को लागू करने में कमी रह गई है। आदेश के न लागू होने से जुड़ा सत्य कठोर है। लेकिन हम इसे स्वीकार करते है।
इस बीच खंडपीठ ने सुझाव स्वरुप कहा कि महानगरपालिकाएं व जिला परिषद प्रभाग अधिकारियों व पुलिस स्टेशन के साथ होर्डिंग लगाने की अनुमति को साझा करे। इसके साथ ही खंडपीठ ने कहा कि यदि होर्डिंग लगाने के लिए एक अधिकृत क्षेत्र रखने की दिशा में भी कदम बढाया जाए तो इससे अवैध होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई करने में असानी होगी।
सरकार बताए इस समस्या से कैसे निपटगीॽ
खंडपीठ ने अब राज्य सरकार को अगली सुनवाई के दौरान रिपोर्ट देकर बताने को कहा है कि वह अवैध होर्डिंग के मुद्दे से कैसे निपेटेगी। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने अवैध होर्डिंग को लेकर दिए गए आदेश पर कार्रवाई न करने के लिए मुंबई महानगरपालिका को भी फटकार लगाई। खंडपीठ ने कहा कि अदालत के आदेश को लागू करना कार्यपालिका का काम है। न्यायाधीशों से आदेश को लागू करने के लिए सड़कों पर उतरना अपेक्षित नहीं है। खंडपीठ ने अब 12 अगस्त को इस याचिका पर सुनवाई रखी है। अवैध होर्डिंग के मुद्दे को लेकर सुस्वराज्य फाउंडेशन सहित कई संस्थाओं ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। जिस पर सुनवाई के बाद अदालत ने कई आदेश जारी किए है। जिसका पालन न किए जाने की जानकारी खंडपीठ को दी गई है।
Created On :   28 July 2022 9:35 PM IST