शोर से परेशान शख्स ने मुंबई मेट्रो से मांगा रोजाना 10 हजार का मुआवजा, हाईकोर्ट में याचिका

शोर से परेशान शख्स ने मुंबई मेट्रो से मांगा रोजाना 10 हजार का मुआवजा, हाईकोर्ट में याचिका
शोर से परेशान शख्स ने मुंबई मेट्रो से मांगा रोजाना 10 हजार का मुआवजा, हाईकोर्ट में याचिका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मेट्रो के तीसरे कॉरिडोर के निर्माण कार्य से हो रहे शोर से परेशान मुंबई में रहने वाले एक व्यक्ति ने बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि मुंबई मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (MMRCL) को निर्देश दिया जाए कि वह रात के समय मेट्रो का काम न करे। मेट्रो के काम से हो रही परेशानी के लिए याचिकाकर्ता ने प्रति दिन (जब से मेट्रो के काम की शुरुआत हुई है) 10 हजार रुपये मुआवजे की मांग की है। 

काेलाबा में रहने वाले राबिन जयसिंघानी ने बुधवार को Chief judge मंजुला चिल्लूर व Justice नितीन जामदार की बेंच के सामने याचिका का उल्लेख किया। याचिका के मुताबिक मेट्रो रेल के निर्माण कार्य के दौरान MMRCLध्वनि प्रदूषण से जुड़े नियमों का उल्लंघन कर रही है। कई शिकायतों के बावजूद किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। निर्माण कार्य को लेकर तय की गई शर्तों का भी पालन नहीं किया जा रहा है। बेंच ने शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई रखी है।

इन नियमों का हो रहा है उल्लंघन 

याचिकाकर्ता का कहना है कि नियमानुसार रात के समय काम नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा निर्माण कार्य से जुड़े मशीनों में ऐसे उपकरण लगाए जाने चाहिए, जिससे ध्वनि का स्तर नियंत्रित किया जा सके। लेकिन निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इससे स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। निर्माण कार्य के तेज शोर के कारण लोग रात के समय सो नहीं पा रहे है। दिन के समय रिहायशी क्षेत्रों में ध्वनि का स्तर 55 डेसिबल होना चाहिए, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि फरवरी से मेट्रो के तीसरे कॉरिडोर का काम जारी है। तब से मुझे तेज शोर से दिक्कत हो रही है, इसलिए 10 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मुझे मुआवजा दिया जाए।

Created On :   9 Aug 2017 3:35 PM GMT

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