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पूरे शबाब पर सुपरमून की रोशनी, दिखा 14 प्रतिशत ज्यादा बड़ा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मंगलवार की शाम शहर समेत दुनिया भर में चांद ने लोगों का ध्यान अपनी ओर बरबस ही खींच लिया। कुछ देर नहीं, बल्कि पूरी रात बड़े गोलाकार और अधिक रोशनी देते चांद को सभी ने निहारा और आनंद उठाया। यह सुपर मून है। आम लोगों द्वारा लगाए जा रहे कयास सही रहे। चांद की पृथ्वी से दूरी 3 लाख 82 हजार 900 किलोमीटर की मानी जाती है। चांद पृथ्वी के सबसे दूर जब होता है तब उसे ‘एपोगी’ कहते हैं, वहीं सबसे करीब की स्थिति को ‘पेरिगी’ कहा जाता है। इसी पेरिगी के दौर में जब चांद पृथ्वी से सबसे करीब होता है उसे सुपर मून की उपाधि दी जाती है। यह आम पूर्णिमा के पूरे चांद के मुकाबले 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत अधिक रोशनी प्रदान करता है। नगर में चांद के इस विशेष नजारे का नागरिकों ने जमकर लुत्फ उठाया।
3 जनवरी को भी दिखेगी आभा
खगोलीय घटनाओं पर विशेष नजर रखने वाले नासा के मुताबिक 2 जनवरी की रात सुपर मून की रोशनी अपने शराब पर थी। स्पेस डॉट कॉम के मुताबिक यह 3 जनवरी को भी अपनी आभा बिखेरता नजर आएगा। माना जाता है कि 414 दिन के बाद सुपर मून की स्थितियां पैदा होती हैं, लेकिन इस साल 2 और 3 जनवरी के अलावा यह 31 जनवरी को भी दिखाई देगा।
सुपरमून से जुड़ी दिलचस्प बातें
चांद पृथ्वी के सबसे करीब होता है, तो सामान्य से 14-30 फीसद ज्यादा चमकदार होता है। इसे ही सुपरमून कहते हैं।
चांद पृथ्वी के सबसे करीब होता है। दोनों के बीच की दूरी करीब 3,56,508 किलोमीटर होती है, तब नजारा देखने वाला होता है।
नासा के मुताबिक सबसे शानदार और नायाब नजारा दोबारा देखने के लिए साल 2034 तक का इंतजार करना पड़ सकता है।
चांद पृथ्वी के बेहद करीब होता है। इसके कारण ये कहीं ज्यादा बड़ा और चमकीला नजर आता है।
Created On :   3 Jan 2018 4:52 PM IST