बड़ा ही खतरनाक है यह पेपर, नागपुर में बिक रहा बेहद घातक पदार्थ

This paper is very dangerous, selling in Nagpur city recklessly
बड़ा ही खतरनाक है यह पेपर, नागपुर में बिक रहा बेहद घातक पदार्थ
बड़ा ही खतरनाक है यह पेपर, नागपुर में बिक रहा बेहद घातक पदार्थ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ‘कैप्टन गोगो’ से सावधान। शहर में यह कब का पैठ बना चुका है, गंभीरता के साथ आश्वस्त हों कि कहीं आपके घर में भी तो इसने दस्तक नहीं दे दी है। इसकी उपस्थिति की पुुष्टि का सबसे आसान तरीका है-अपनों को करीब से देखें। अगर, आपके यहां का कोई सदस्य, खासकर किशोरवयीन खोया-खोया रहता है, तो गंभीर पड़ताल की जरूरत है। वह ‘कैप्टन गोगो’ को चाहने वाला हो सकता है और यह बात सच हुई तो यकीन मानें वह परिवार से दूर अलग-अलग रहने की फिराक में अक्सर रहता होगा। हैरत यह है कि शहर के नारकोटिक्स विभाग को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं।  

जानें, क्या है कैप्टन गोगो? 
‘कैप्टन गोगो’ या ओसीबी के नाम से बिकने वाला यह पेपर पान की दुकानों पर आसानी से मिल जाता है। पतले पारदर्शी कागज के साथ इसमें एक मोटे कागज की स्ट्रिप भी होती है। इस कागज को रोल कर सिगरेट का रूप दिया जाता है। पान की दुकानों पर यह 10 और 15 रुपए की पैकिंग में मिलता है। यह केवल एक बार उपयोग में आता है।

युवा कर रहे सबसे ज्यादा उपयोग 
युवाओं में गांजे को आजकल फैशन स्टेटमेंट की तरह देखा जाने लगा है। लड़कियां भी इसे ट्रेंड के रूप में अपनाने लगी हैं। पार्टी हो या घूमने का प्लान, युवा शराब से ज्यादा गांजे का सेवन करने लगे हैं। ‘कैप्टन गोगो’ का आसानी से उप्लब्ध होना, ऐसे माथक पदार्थों के सेवन को और सरल बना रहा है। 

कहां से आता है यह
‘कैप्टन गोगो’ दरअसल कनाडा की कंपनी है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस पेपर का व्यापार कर रही है। कनाडा ने इसी वर्ष अक्टूबर में गांजे के उपयोग को वैध करार दिया है, मगर यह कंपनी कई सालों से पेपर बना रही है। भारत में यह पेपर नई दिल्ली में बना कर देश भर में पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा फ्रांस की कंपनी ‘ओसीबी’ भी भारतीय बाजार में अपने कदम जमा चुकी है। भारत में भी कई कंपनियां इस तरह का पेपर बना रही हैं। इस पेपर की पैकिंग इस तरह की जाती है, जैसे वह मेडिकल उपयोग में आने वाली वस्तु लगे।

मामूली कागज नहीं यह
देखने में मामूली सा कागज नजर आने वाले ‘कैप्टन गोगो’ दरअसल, नशेड़ी बनाने का नवीनतम साधन है। कनाडा से भारत पहुंची एक पतली सी रोलिंग पेपर का इस्तेमाल गांजा, चरस, भांग, अफीम और स्मैक भरकर पीने के लिए किया जा रहा है। अब इसका उत्पादन भारत में भी कई कंपनियां कर रही हैं। इनकी पैकिंग इस तरह से की जाती है कि िकसी को विश्वास नहीं होता कि इसका उपयोग नशीले पदार्थोें के सेवन के लिए किया जाता है। 

गांजा विक्रेताओं पर रोक नहीं
गांजे का व्यापार शहर में लगातार बढ़ता जा रहा है। शहर के विभिन्न इलाकों में इसे खुलेआम बेचा जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि कई घरों की महिलाएं और बच्चों समेत पूरा परिवार ही इस धंधे में लगा हुआ है। यहां तक कि इसे सुनियोजित रूप से प्लास्टिक पैकिंग करके बेचा जा रहा है। बाहर से गांजा लाकर विक्रेता इसमें केमिकल मिलावट भी करते हैं, जो गांजे के सेवन को और हानिकारक बनाता है।

इस प्रकार के उपयोग की जानकारी नहीं
गांजा पीने के लिए सामान्यत: चिलम का उपयोग किया जाता है, लेकिन पेपर के उपयोग की कोई जानकारी नहीं है। अब हम इसके बारे में जांच करेंगे। -राजेंद्र निगम, पुलिस निरीक्षक, नारकोटिक्स विभाग

Created On :   3 Jan 2019 8:11 AM GMT

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