गोरेवाड़ा में बाघ की मौत, चंद्रपुर से रेस्क्यू कर लाया गया था

डिजिटल डेस्क, नागपुर. चंद्रपुर से रेस्क्यू कर लाए गए एक बाघ की गोरेवाड़ा बचाव केंद्र में मौत हो गई। तीन दिन से बाघ की तबीयत खराब थी। बचाव केंद्र की टीम ने मिलकर बाघ का अंतिम संस्कार किया। पूरी कार्रवाई विभागीय व्यवस्थापक शतानिक भागवत के मार्गदर्शन में की गई। मिली जानकारी के अनुसार उपरोक्त बाघ की उम्र 4 वर्ष थी। यह बाघ आदमखोर बन गया था। इसने सावली वन परिक्षेत्र अंतर्गत 4 से ज्यादा लोगों की जान ली थी। यह इंसानों के लिए घातक बन गया था। 5 जनवरी को चंद्रपुर की टीम ने बाघ को ट्रैक्युलेट कर रेस्क्यू किया, जिसके बाद बाघ को नागपुर के गोरेवाड़ा बचाव केंद्र में लाया गया था। यहां लाने के बाद बाघ को क्वारेंटाइन किया गया था। बाघ को जब लाया गया, तो वह ठीक था, लेकिन 13 जनवरी से उसकी तबीयत खराब हो गई थी। सूत्रों की मानें तो बाघ को डायरिया हो गया था, जिसके बाद उसने खाना-पीना छोड़ दिया था।
सुबह से ही डॉक्टरों की टीम उसकी देखरेख कर रही थी, लेकिन रात में बाघ की मौत हो गई। इसके बाद टीम ने इसका पोस्टमार्टम किया। वहीं सैंपल भी जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए। बाघ की मौत कैसे हुई, रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा।
Created On :   15 Jan 2023 5:14 PM IST