फिलहाल समय कठिन है, लेकिन बीत जाएगा

Times are tough at the moment, but it will pass
फिलहाल समय कठिन है, लेकिन बीत जाएगा
सामना फिलहाल समय कठिन है, लेकिन बीत जाएगा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में बागी विधायकों और भाजपा की सरकार को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए तंज कसते हुए कहा है कि भाजपा में शिवसेना को हराने की ताकत नहीं है इसलिए शिवसेना के ही लोगों को तोड़कर उसके खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है। सामना के मुताबिक बागी विधायकों ने बालासाहेब की प्रतिमा को प्रणाम कर निष्ठा का नाटक किया लेकिन उनके चेहरे गिरे हुए थे और उनका मन कचोट रहा था। पार्टी ने कहा है कि अभी समय बहुत मुश्किल भरा है लेकिन अंधकार का समय बीत जाएगा। 

पार्टी की ओर से विधायकों की कड़ी सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं और कहा गया कि वायुसेना और फौज को छोड़कर पूरी ताकत इस्तेमाल कर ली गई। विधायकों को कसाब से भी ज्यादा सुरक्षा मुहैया कराई गई। मुखपत्र में प्रकाशित संपादकीय में दावा किया गया है कि विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव अवैध और गैरकानूनी तरीके से हुआ है। यह लोकतंत्र और नैतिकता के अनुरूप नहीं है। पार्टी के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव गुप्त मतदान के जरिए किया जाना चाहिए था। 

शिवसेना की सरकार गिरने पर खुश हुए राज्यपाल 

पार्टी ने विधानसभा के अध्यक्ष के चुनाव को लेकर राज्यपाल पर भी तंज कसा और लिखा कि राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के चेहरे पर शिवसेना की सरकार गिरने की वैसी ही खुशी दिख रही थी जैसी क्रांतिकारी भगत सिंग को लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी देने के बाद अंग्रेजों को हुई होगी। राज्यपाल ने भी उसी उत्साह के साथ नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बधाई दी। शिवसेना ने सवाल उठाए हैं कि इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष चुनाव रोकने के लिए जो नियम लगाए गए थे वे इस बार क्यों नहीं लागू किए गए। 

सामना में राकांपा प्रमुख शरद पवार के उस बयान का जिक्र किया गया है जिसमें उन्होंने कहा कि मैं चार बार मुख्यमंत्री बना लेकिन राज्यपाल ने पेड़े नहीं खिलाए। राज्यपाल द्वारा 12 मनोनीत विधायकों के नामों को मंजूरी न देने, ठाकरे सरकार के शपथ ग्रहण के दौरान शाहू, फुले, आंबेडकर का नाम लेने पर आपत्ति जताने को लेकर भी राज्यपाल की तटस्थता सवालों के घेरे में खड़ी की गई है। साथ ही शिंदे समूह के 16 विधायकों को अयोग्य करार न दिए जाने पर भी पार्टी ने सवाल उठाया है और व्हिप का पालन न करने वाले विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को लेकर भी शिवसेना ने सवाल उठाते हुए कहा है कि वे शिवसेना, राकांपा और अब भाजपा में पहुंच गए। उन्हें पता है कि कब कहां पैर रखना है। 

 

Created On :   4 July 2022 8:00 PM IST

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