OMG - थर्माकॉल की शीट पर सवार दुल्हन को ब्याहने जान हथेली पर रखकर निकले दूल्हे राजा

डिजिटल डेस्क, व्यंकटेश पेंशनवार, उमरखेड। थर्माकॉल की शीट पर सवार एक दूल्हा सात जन्मों के बंधन में बंधने सात किलोमीटर का सफर तय करता हुआ नांदेड जिले के अपने गांव करोडी से निकला, बारातियों में दूल्हे का मामा और कुछ दोस्त-रिश्तेदार शामिल थे, सभी नदी पार करने एक-एक कर अपनी-अपनी थर्माकॉल की शीट पर सवार हो गए। सात दिनों से झमाझम बारिश का दौर शुरु था, शादी की तारीक फिक्स थी, उधर यवतमाल की चिंचोली तहसील के संगम चिंचोली गांव में बधू के परिजन बेसब्री से बारातियों का इंतजार कर रहे थे।
जोरदार बारिश के इस मौसम में न ढोल, न बैंड बाजा, थर्माकॉल की शीट पर सवार दुल्हन को ब्याहने जान हथेली पर रखकर निकले दूल्हे राजा...बरसात के दिनो में अक्सर यहां गांवों का आपस में संपर्क टूट जाता है, ऐसे में थर्माकॉल की शीट ही पैनगंगा नदी को पार करने का एक मात्र पारंपरिक साधन होती है। बारिश के दिनों में लोग मजबूरन थर्माकॉल की खतरनाक सवारी करते हैं।
वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है
महाराष्ट्र की उमरखेड तहसील के करोड़ी गांव में कुछ बाराती शादी के लिए थर्माकॉल पर सवार होकर निकले। जिसमें दूल्हा और कुछ रिश्तेदार शामिल थे। चिंचोली संगम के लिए लगभग 7 किलोमीटर का सफर तय किया और दिए वक्त पर शादी सम्पन्न की pic.twitter.com/x9hNWxBBdW
— jasprit singh (@Jaspritsinghtut) July 15, 2022
सड़क मार्ग बंद होने के कारण गुरुवार सुबह बाराती अपने गांव करोडी से बारात लेकर निकले थे, जो अपनी जान जोखिम में डाल देढ़ घंटे बाद दुल्हन के गांव संगम चिंचोली पहुंचे, गनीमत रही कि नदी पार करते वक्त बारिश नहीं हुई।
दुल्हन पक्ष को लग रहा था कि बाढ़ जैसे हालात देखकर बाराती शायद आएंगे ही नहीं, लेकिन जैसे ही सूचना मिली, तो दुल्हन के रिश्तेदार बारातियों के स्वागत में नदी किनारे पहुंच गए, बारात को देखकर इनकी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था।
शुक्रवार सुबह दोनो की शादी हो गई। दूल्हे के नाम शहाजी माधव राकडे उम्र 25 साल है। जिसकी शादी संगम चिंचोली के रहने वाले बालु वामन गोंधले की बेटी गायत्री से हुई। शहाजी का कहना था कि उन्होंने दुल्हन पक्ष को दिया वादा निभाया है। शादी की तैयारियां पूरी हो चुकी थी, पत्रिका दोनों परिवारों की ओर से बांटी गई थी। ऐसे समय शादी की तारीक आगे बढ़ानी ठीक नहीं थी।
इसके बाद अब जब रास्ता खुला, तो दुल्हा-दुल्हन और रिश्तेदार बस में बैठकर अपने-अपने गांव लौट आए।


Created On :   15 July 2022 8:04 PM IST