आज निकलेगी देवी लक्ष्मी जी की सवारी 

Today the ride of Goddess Laxmi ji will come out
आज निकलेगी देवी लक्ष्मी जी की सवारी 
रथ यात्रा महोत्सव आज निकलेगी देवी लक्ष्मी जी की सवारी 

डिजिटल डेस्क,पन्ना। जिले में उत्साह पूर्वक रथ महोत्सव के कार्यक्रम संपन्न हो रहे है। पन्ना शहर स्थित जगदीश स्वामी मंदिर बड़ा दिवाला से 01 जुलाई को अलग-अलग रथों में सवार होकर निकले भगवान बलभद्र,देवी सुभद्रा और जगत के नाथ भगवान जगदीश स्वामी 3 जुलाई को चौथ तिथी की शाम को जनकपुर पहुँच गये। जहां पर भगवान की बारात का हजारो की संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा टीका करते हुए स्वागत किया गया और 04 जुलाई को जनकपुर में स्थित जगदीश स्वामी मंदिर में दूल्हे के रूप में भगवान जगन्नाथ स्वामी बड़े भाई बलभद्र तथा बहिन सुभद्रा के विग्रहो को अंदर ले जाया गया जहां पर लगातार दर्शनों के लिये हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे है साथ ही साथ रथ यात्रा महोत्सव पर जनकपुर में लगे मेले का आनंद उठा रहे है।

आज छठी को जनकपुर में भण्डारे का आयोजन किया गया जिसमें हजारो की संख्या में श्रद्धालुओ ने प्रसाद प्राप्त किया। कल दिनांक 06 जुलाई को रथ यात्रा के निर्धारित कार्यक्रम अनुसार पन्ना स्थित जगदीश स्वामी मंदिर बड़ा दिवाला से देवी लक्ष्मी जू की सवारी निकलेगी चांदी की बनी दिव्य पालकी में देवी लक्ष्मी जी के विग्रह को सवार कराकर कहार शाम लगभग 5 बजे जनकपुर के लिये रवाना होगी तेज गति के साथ लगभग 05 किलामीटर की दूरी तय कर पालकी में सवार लक्ष्मी जू को लेकर कहार जनकपुर पहुँचेगें जहां देवी लक्ष्मी जी की मंदिर में आरती उतारी जायेगी और पारंपरिक मान्यता अनुसार जिसको लेकर कहा जाता है कि भगवान जगदीश स्वामी दूल्हा बनकर बिना लक्ष्मी जू को जानकारी देकर ब्याह रचाने के लिये निकले थे इससे लेकर नाराज लक्ष्मी जी जनकपुर पहुँचकर अपना गुस्सा प्रकट करते हुये भगवान के दोनो हाथ बाँधते हुये वापस डोली मे सवार होकर लौटत आती है।

उसी परम्परा कार्यक्रम के अनुसार देवी लक्ष्मी जी जनकपुर स्थित जगदीश स्वामी मंदिर में विराजमान हुए दूल्हा बने जगदीश स्वामी के हाथ बांधकर वापस पालकी में सवार होकर पन्ना शहर स्थित मंदिर में वापस लौट आयेगें। इसके साथ ही जनकपुर में चल रहे आयोजन रूक जायेगे और अष्टमी दिनांक 7 जुलाई को भगवान की रथ यात्रा की जनकपुर से वापसी होगी।

वापसी का पहला पडाव चौपरन में, दूसरे दिन का पड़ाव लखूरन में होगा। दिनांक 09 जुलाई को दशमी तिथी के दिन भगवान की रथ यात्र नगर में प्रवेश कर बड़ा दिवाला जगदीश स्वामी मंदिर पहुँचेगी और लक्ष्मी जी तथा भगवान जगन्नाथ स्वामी के बीच संवाद होगा रात्रि में भगवान बाहर खड़े रथों में ही विराजमान रहेगें। अगले दिन दिनांक 10 जुलाई को भगवान जगदीश स्वामी,बड़े भाई बलभद्र,तथा देवी सुभद्रा के विग्रह मंदिर में प्रवेश करेगे और 10 जुलाई एकादशी के दिन सात मूर्तियो के दर्शन होगी जो कि वर्ष में एक ही बार होते है।

 

Created On :   5 July 2022 7:02 PM IST

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