बाढ़ व बिजली के कारण जान-माल के नुकसान के कई मामले

Total of 2,900 cases of loss of life and property due to heavy rains
बाढ़ व बिजली के कारण जान-माल के नुकसान के कई मामले
पांच साल में अतिवृष्टि बाढ़ व बिजली के कारण जान-माल के नुकसान के कई मामले

डिजिटल डेस्क, वर्धा, नरेशकुमार मानेश्वर| जिले में सन 2017 से 2021 तक अतिवृष्टि, बाढ़ व बिजली के कारण हुए जीवित हानि व वित्तहानि जिसमें घरों का नुकसान, व्यक्ति की मृत्यु, जानवरों की मृत्यु, घायल व्यक्ति और तबेले का नुकसान इस प्रकार के कुल 2 हजार 900 मामले दर्ज किए गए हैं। जिसमें से 2 हजार 876 मामलों में शासन की ओर से जान-माल का नुकसान हुए लोगों को कुल 29 करोड़ 61 लाख 4 हजार 570 रुपए की राशि वितरित की गई। वहीं बचे हुए 24 मृत जानवरों के मामले की राशि अनुदान शासन के पास नहीं होने से शासन के द्वारा वितरित नहीं की गई। बता दंे कि, हर साल अतिवृष्टि, बाढ़ और बिजली के कारण हजारों लोगों की जान जाती है। 

जिसके चलते इस प्रकार के हुए प्राकृतक आपदा  में नुकसानग्रस्त लोगों को प्रशासन की ओर से मुआवजा दिया जाता है। जिसके चलते आपदा हुई जगह उसका पंचनामा कर उसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय के आपदा विभाग में दी जाती है। शासन द्वारा उस रिपोर्ट की जांच पड़ताल कर उसका मुआवजा 15 दिन से 1 महीने के भीतर उस व्यक्ति को दिया जाता है। पिछले पांच साल में ऐसे कुल 2 हजार 900 मामले जिलाधिकारी कार्यालय के आपदा विभाग में आए हंै। जिसमें शासन द्वारा हुए नुकसान का तय किया गया मुआवजा किसानों और नागरिकों को दिया गया है। कुछ मामलों में मुआवजा मिलने में समस्याएं आती है जिसके कारण किसानों और नागरिकों को मुश्किलांे का सामना करना पड़ता है। लेकिन शासन द्वारा कई मामलों में लोगों को मुआवजा नहीं मिलने की शिकायतें आती है। जिसके चलते उन मामलों की शिकायत करने पर उनकी समस्याओं को हल किया गया जाता है।  हर साल किसी न किसी प्रकार की आपदाएं आती रहती है। ऐसे में इन आपदाओं से बचने के लिए प्रशासन नागरिकों को हमेशा सूचित करता है परंतु लोगों की लापरवाही और प्राकृतिक आपदा में कई लोगों को अपनी जान के साथ-साथ बहुत सी चीजों को खोना पड़ता है। इसलिए नैसर्गिक आपदा आने पर लोगों को सतर्कता बरतते हुए अपना कार्य करना चाहिए। 

दीपक पं. जगताप, सीनियर क्लर्क, नैसर्गिक आपत्ति शाखा, कलेक्ट्रेट ने बताया कि, 34 हजार 460.4 हेक्टेयर आर फसल का नुकसान हुआ है। बारिश और गर्मी के दिनों में खेत में लगाए गए फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान होता है। नैसर्गिक आपदा के कारण नुकसान होने से किसान को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। 5 साल में जिले के कुल 34 हजार 460 हेक्टेयर फसल का नुकसान हुआ है। इसमें से 4 हजार 35 हेक्टेयर आर फसल का नुकसान 2021 में हुआ है। जिसके चलते अनुदान नहीं होने से इसकी भरपाई नहीं की गई है। 

 
समस्या को सुलझाने की कोशिश

अतिवृष्टि, बाढ़ और बिजली इस प्रकार की आपदाओं से बचने के लिए बहुत से उपाय हंै। लेकिन इस प्रकार की दुर्घटना घटने पर स्वयं पर विश्वास रखते हुए निडरता से उस समस्या को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए।

 - के. डब्ल्यू. सोनटक्के, आपदा प्रबंधन अधिकारी, कलेक्ट्रेट,वर्धा।

Created On :   1 July 2022 7:54 PM IST

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