चौराहों के बीच होने चाहिए ट्रैफिक बूथ, हाईकोर्ट ने मॉडल प्रस्तुत करने के लिए कहा 

Traffic booths should be between intersections, hc asked to present the model
चौराहों के बीच होने चाहिए ट्रैफिक बूथ, हाईकोर्ट ने मॉडल प्रस्तुत करने के लिए कहा 
चौराहों के बीच होने चाहिए ट्रैफिक बूथ, हाईकोर्ट ने मॉडल प्रस्तुत करने के लिए कहा 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने नागपुर महानगरपालिका को शहर के 86 चौराहों के बीच में ट्रैफिक बूथ बनाने के आदेश दिए हैं। ऐसा इसलिए ताकि ट्रैफिक पुलिसकर्मी मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी निभाएं। हाईकोर्ट ने मनपा को इसका एक मॉडल भी कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा है। हाईकोर्ट द्वारा शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की लापरवाही का संज्ञान लेते हुए सू-मोटो जनहित याचिका दायर की गई है। इस पर बुधवार को कोर्ट ने यह आदेश जारी किए। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों को पकड़कर कार्रवाई करने के लिए कोर्ट ने एक विशेष टास्क फोर्स गठित करने के आदेश दिए। कोर्ट ने पुलिस और मनपा को मिल कर एक उड़नदस्ता भी गठित करने को कहा है, जो ट्रैफिक पुलिस कर्मियों पर नजर रखेगा। 

सुधार नजर नहीं आया

इसके पूर्व हुई सुनवाई में  कोर्ट ने टिप्पणी की कि उन्होंने स्वयं कई मौकों पर देखा है कि शहर के ट्रैफिक सिग्नलों पर से यातायात पुलिसकर्मी नदारद रहते हैं। थोड़ा ढूंढने पर यातायात पुलिसकर्मी किसी कोने में अपने अपने मोबाइल फोन पर व्यस्त नजर आते हैं। इधर, ट्रैफिक व्यवस्था भगवान भरोसे होती है। उन्होंने इस संबंध में पुलिस आयुक्त को पत्र भी लिखा था, लेकिन समस्या में सुधार नहीं हुआ। हाईकोर्ट ने यातायात पुलिस विभाग को फौरन अपना रवैया दुरुस्त करके यातायात प्रबंधन पर ध्यान देने के आदेश दिए हैं। मामले में एड.श्रीरंग भंडारकर न्यायालयीन मित्र हैं। मनपा की ओर से एड.सुधीर पुराणिक ने पक्ष रखा।

सीसीटीवी से निगरानी

राज्य सरकार की ओर से दलील दी थी कि शहर यातायात पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है। शहर के 700 चौराहों पर 3912 सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव है। 3682 कैमरे इंस्टॉल भी कर दिए गए हैं। मनपा मुख्यालय से इसकी मॉनिटरिंग की जाती है। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को ई-चालान भेजे जा रहे हैं। इस पर हाईकोर्ट ने यातायात पुलिस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सीसीटीवी कैमरे लगा देने का यह अर्थ नहीं होता कि यातायात पुलिसकर्मी चौराहों को यूं ही भगवान भरोसे छोड़ दें, यदि ऐसा है तो फिर यातायात पुलिस की जरुरत ही क्या है।

Created On :   19 Sept 2019 1:53 PM IST

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