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करोड़ों खर्च कर घाटे में परिवहन विभाग, हर माह होता है नुकसान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर महानगरपालिका ने शहर की परिवहन व्यवस्था वंश निमय कंपनी को दी थी लेकिन वह व्यवस्था संभालने में फैल हो गई। जिसके बाद नए ऑपरेटरों को बस चलाने की व्यवस्था सौंपी गई। सलाहकार पर करोड़ों रुपए खर्च कर डीपीआर (डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार किया गया। इसके बाद भी शहर परिवहन में मनपा को हर महीने 3 करोड़ 70 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। सलाहकार नियुक्त करने पर भी शहर परिवहन नुकसान में है। इसके बाद भी स्थायी समिति ने डीपीआर तैयार करने के लिए दिनेश राठी को सलाहकार हेतु तय राशि को मंजूरी दे दी है।
शहर की बसों को चलाने के लिए वशं निमय कंपनी के साथ अनुबंध किया गया था लेकिन उसने संचालन से हाथ खड़े कर दिए। शहर में ग्रीन बस, स्टॉर बस को चलाने के लिए अलग-अलग कंपनियों की निविदा मंगवाई गई थीं। जिसके अनुसार ग्रीन बस चलाने के लिए ट्रैवल्स टाइम कार रेंटल प्रा.लि.पुणे, श्यामाश्याम सर्विस सेंटर दिल्ली, स्मार्टसिटी बस सेवा नागपुर कंपनी को स्टार बस चलाना है।
नए स्टार बस ऑपरेटर कंपनियों ने खुद की बस खरीद ली हैं और साथ ही पुरानी 250 स्टार बसों को चलाने की जिम्मेदारी इन दिनों दी गई है और उन्होंने ड्राइवर, कंडक्टर की भर्ती की है लेकिन इसके बाद भी अब तक शहर के रास्तों पर पूरे तरीके से बस नहीं चल रहीं हैं। शहर में 487 बसों में से केवल 312 बसें ही चल रहीं हैं। इसमें 125 मिनी बस और 5 ग्रीन बस हैं। स्थायी समिति ने सलाहकार को ग्रीन बस के लिए 47 लाख 43 हजार 750 रुपए और डीजल बस के लिए 62 लाख 96 हजार 250 रुपए की राशि मंजूर की है। यदि मनपा प्रशासन खुद डीपीआर बनाती तो वह अपने करोड़ों रुपए के खर्च को बचा सकती थी।
9 करोड़ का आता है खर्च
शहर परिवहन नुकसान में है, जो बसें चल रहीं है उनसे मनपा को 5 करोड़ 60 लाख मिलते हैं। उनको चलाने के लिए 9 करोड़ 30 लाख रुपए का खर्च आता है। इससे हर माह 3 करोड़ 70 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। सभी बसें चलने लगेंगी तो नुकसान की भरपाई हो जाएगी।
Created On :   24 Aug 2017 9:47 PM IST