आदिवासी विभाग ने डुबो दिया 2.44 करोड़ का ब्याज !

डिजिटल डेस्क, सिवनी। Tribal development department में एक और बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। विभाग के अफसरों ने बैंकों में जमा राशियों में से मिलने वाले ब्याज में 2.44 करोड़ का नुकसान पहुंचा दिया, जबकि यह राशि विभाग को मिलती तो बड़ा फायदा हो सकता था लेकिन अफसरों ने अपनी मनमानी कर दी। यह खुलासा कैग की रिपोर्ट में हुआ है।
हाल ही में महालेखाकर (General accountant) ने प्रमुख सचिव को इस मामले में पत्र लिखकर जानकारी मांगी है। वहीं दूसरी और आदिवासी विकास विभाग की कमिश्नर दीपाली रस्तोगी ने सभी तथ्य और आंकड़ों का सत्यापन कराने को कहा है। इस स्थिति के बाद विभाग में खलबली मच गई है।
ये है मामला
कैग की रिपोर्ट के अनुसार महालेखाकर की टीम ने मई 2015 से सितंबर 2016 तक का आडिट किया था। इसमें पाया गया कि आदिवासी विकास विभाग ने खर्चों में मनमानी कर दी। इसमें निर्माण कार्यों में अधिक पैसा लगा दिया जबकि बजट अन्य मद में खर्च होना था। बिना अनुमति के यह सब काम होता रहा। ऐसे में अधिक राशि निकलने के कारण ब्याज का फायदा विभाग को नहीं मिल पाया। विभाग ने अपने सरकारी खजाने से मई 2007 से फरवरी 2015 तक 34 बार अलग अलग मदों से मनमाना पैसा निकालते रहे।
अब पूरी जानकारी देने में छूटा पसीना
आयुक्त ने सभी आय व्यय के तथ्य, आंकडों का सत्यापन कराने को कहा है। इसके साथ ही कलेक्टर के Opinion से शासन की टिप्पणी पर जवाब देने को कहा गया है और अधिकारी अब सभी फाइलों को खंगालने बैठ गए हैें। माना जा रहा है कि पिछले 2 से 3 सालों में बड़ी वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं।
Created On :   28 July 2017 10:45 PM IST