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महामंडल व धान खरीदी केंद्र संचालकों के विवाद में पिस रहे आदिवासी किसान
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. आदिवासी विकास महामंडल की ओर से धान खरीदी केंद्र संचालकों के माध्यम से आदिवासी किसानों का समर्थन मूल्य पर धान खरीदा जाता है। लेकिन विगत तीन वर्षों से आदिवासी विकास महामंडल की ओर से धान खरीदी केंद्र संचालकों को कमीशन नहीं मिलने के कारण केंद्र संचालकों ने धान खरीदना बंद कर दिया है। जब तक कमीशन नहीं मिलेगा तब तक खरीदी प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी। इसी मांग को लेकर खरीदी प्रक्रिया बंद है। लेकिन आदिवासी विकास महामंडल व धान खरीदी केंद्र संचालकों के इस विवाद में आदिवासी किसानों का नुकसान हो रहा है। अभी तक 100 क्विंटल भी धान की खरीदी नहीं होने की बात सामने आ रही है।
बता दें कि आदिवासी विकास महामंडल के तहत जिले के सालेकसा, सड़क अर्जुनी, देवरी व अर्जुनी मोरगांव तहसील के आदिवासी धान खरीदी केंद्र संचालकों के माध्यम से धान खरीदा जाता है। इस वर्ष आदिवासी विकास महामंडल के नियंत्रण में 42 धान खरीदी केंद्रों को मंजूरी दे दी गई है। खरीदी के आदेश भी महामंडल की ओर से संचालकों को दिए गए हैं। लेकिन केंद्र संचालकों का कहना है कि पिछले तीन वर्षों से धान खरीदी का कमीशन नहीं मिलने के कारण केंद्र चलाना मुश्किल हो रहा है।
वहीं 3 प्रतिशत से अधिक धान का नुकसान होने पर केंद्र संचालकों को कमिशन न देने के निर्देश भी दिए गए हैं। जिस कारण संचालकों को लाखों रुपयों का नुकसान पहुंच रहा है, लेकिन खरीदी प्रक्रिया शुरू नहीं होने से आदिवासी किसानों को नुकसान पहुंच रहा है। यदि इसी तरह स्थिति बनी रही तो मजबूरन आदिवासी किसानों को अपना कीमती धान व्यापारियों को अल्प दाम में बेचना पड़ेगा।
खरीदी प्रक्रिया बंद
शंकर मडावी, अध्यक्ष, आदिवासी महामंडल सोसायटी के मुताबिक आदिवासी विकास महामंडल भंडारा विभाग द्वारा जिले की देवरी, सालेकसा, सड़क अर्जुनी व अर्जुनी माेरगांव तहसील में 44 केंद्र शुरू किए गए हैं। लेकिन केंद्र संचालकों को पिछले तीन वर्षों से धान का कमीशन नहीं दिया गया। वहीं नुकसान के नाम पर कमीशन न देने का निर्णय लिया गया है। जिस कारण खरीदी प्रक्रिया बंद है।
Created On :   21 Nov 2022 7:37 PM IST