विस चुनाव के मद्देनजर राज्य सरकार ने अतिरिक्त बजट में कई लोकलुभावनी घोषणाएं की हैं। अब तक धनगर आरक्षण देने में असमर्थ रही फडणवीस सरकार ने धनगर समाज की नाराजगी दूर करने के लिए एक हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इस राशि से धनगर समाज के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जाएंगी। राज्य की 50 तहसीलों में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों के लिए औद्योगिक पार्क बनाए जाएंगे। परंपरागत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने लिए खादी ग्रामोद्योग मंडल को 100 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा। जबकि नक्सलग्रस्त इलाकों में रोजगार विकसित करने तीन वर्षों के लिए 500 करोड़ का कार्यक्रम तैयार किया गया है। इस साल इसके लिए 150 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। विधवा, तलाकशुदा व बेसहारा महिलाओं को स्वरोजगार के लिए नई योजना शुरु करने 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है। अल्पसंख्यक महिलाओं व युवाओं के रोजगार के लिए 100 करोड़ दिए गए हैं। बजट में पुलिस महकमें में 4 हजार 649 सिपाहियों की भर्ती का भी एलान किया गया है। विकलांगों के आवास योजना के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया। 80 फीसदी विकलांग लोगों को सरकार घर मुहैया कराएगी। ओबीसी वर्ग के छात्रों के लिए राज्यभर में 36 छात्रावास बनाने के लिए 200 करोड़ रुपए दिए गए हैं। राज्य के 5.5 करोड़ लोगों को गोपीनाथ मुंडे दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा। इसके लिए 210 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
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दैनिक भास्कर हिंदी: फडणवीस सरकार के अंतिम बजट में किसानों को खुश करने की कोशिश, जानिए कहां से आएगा पैसा, कहां होगा खर्च
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य की फडणवीस सरकार के अंतिम बजट में वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सभी को खुश करने की कोशिश की है। विधानसभा चुनाव से चार महीने पहले पेश बजट में किसानों पर विशेष ध्यान दिया गया है। बजट में सूखे से निपटने पर भी खास जोर दिया गया है। मंगलवार को राज्य के वित्तमंत्री मुनगंटीवार ने विधानसभा और वित्त राज्य मंत्री दीपक केसरकर ने विधान परिषद में राज्य का अतिरिक्त बजट पेश किया। इसके पहले लोकसभा चुनाव से पूर्व फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया गया था। वित्तमंत्री ने 20,292.94 करोड़ के घाटे का बजट पेश किया। सरकार की अनुमानित राजस्व प्राप्ति 3,14,640.12 करोड़ और खर्च 3.34,933.94 करोड़ रहने का अनुमान है। राज्य सरकार पर वर्ष 2019-20 के दौरान कर्ज का बोझ बढ़ कर 4,71, 642 करोड़ पहुंचने का अनुमान है। बजट में राज्य सरकार का सर्वाधिक जोर कृषि पर रहा है। सिंचाई सुविधा और पेयजल के जलसंसाधन विभाग के लिए 12 हजार 597 करोड़ 89 हजार रुपए का प्रावधान किया है। साथ ही जलयुक्त शिवार अभियान के लिए 8 हजार 946 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। राज्य में चार कृषि विश्वविद्यालयों के लिए 200 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है।


वित्तमंत्री मुनगंटीवार ने अपने बजट भाषण में कहा कि राज्य सरकार नई दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन में लोकमान्य बालगंगाधर तिलक की प्रतिमा स्थापित करेगी। जबकि यशवंतराव चव्हाण और बाला साहेब ठाकरे स्मारक की तर्ज पर मुंबई में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्मारक बनाया जाएगा।
टैक्स बढ़ाने से परहेज, अभय योजना का दायरा बढ़ाया
आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य सरकार ने किसी तरह का टैक्स बढ़ाने से परहेज किया है। साथ ही अभय योजना के तहत एकमुश्त सेटलमेंट योजना के लिए एक महीने के अवधि बढ़ाई गई है। वित्तमंत्री ने कहा कि प्रथम चरण 31 जुलाई 2019 और द्वितीय चरण 31 अगस्त 2019 को समाप्त होगा।
बढ़ा कर्ज का बोझ
वित्तमंत्री ने बताया कि मार्च 2019 के अंत तक राज्य पर कुल 4 लाख 14 हजार 411 करोड़ रुपए का कर्ज था। उन्होंने कहा कि राज्य की अर्थ व्यवस्था के मद्देनजर कर्ज की यह राशि वाजिब है। 2019-20 में राज्य पर कर्ज का भार 4,71,642 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। यह राज्य के जीडीपी का 15.83 प्रतिशत है।
एक नजर में बजट
- राजस्व जमा (अनुमानित): 3,14,640.12 करोड़
- राजस्व खर्च: 3,34,933.06 करोड़
- राजस्व घाटा: 20,292.94 करोड़
- कर्ज का भार: 4,71,642 करोड़ (अनुमानित)
पैसा आएगा कहां से
52.12 फीसदी राज्य सरकार के कर से
18.93 फीसदी देश के भीतर से लिए गए कर्ज से
11.53 फीसदी केंद्रीय कर से हिस्से के रूप में
9.98 फीसदी केंद्र सरकार से सहायता निधी के रूप में
4.14 फीसदी राज्य सरकार का कर के अलावा अतिरिक्त राजस्व
2.57 फीसदी सार्वजनिक खाता (शुद्ध)
0.57 फीसदी राज्य सरकार द्वारा कर्ज व अग्रिम वसूली
0.16 फीसदी केंद्र सरकार से कर्ज व अग्रिम भुगतान
कहां खर्च होगा पैसा
36.72 फीसदी सामाजिक सेवा
16.76 फीसदी साधारण सेवा
14.13 फीसदी आर्थिक सेवा
10.29 फीसदी पूंजीगत व्यय
9.68 फीसदी ब्याज चुकाने में खर्च
6.46 फीसदी सरकारी कर्ज की वापस
5.46 फीसदी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं को सहायता अनुदान
0.50 फीसदी राज्य सरकार द्वारा दिया गया कर्ज और अग्रिम भुगतान
स्वास्थ्य योजना: आरोग्य संजीवनी पॉलिसी खरीदने के 6 फ़ायदे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आरोग्य संजीवनी नीति का उपयोग निस्संदेह कोई भी व्यक्ति कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बिल्कुल सस्ती है और फिर भी आवेदकों के लिए कई गुण प्रदान करती है। यह रुपये से लेकर चिकित्सा व्यय को कवर करने में सक्षम है। 5 लाख से 10 लाख। साथ ही, आप लचीले तंत्र के साथ अपनी सुविधा के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं। आप ऑफ़लाइन संस्थानों की यात्रा किए बिना पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकते हैं। आरोग्य संजीवनी नीति सामान्य के साथ-साथ नए जमाने की उपचार सेवाओं को भी कवर करने के लिए लागू है। इसलिए, यह निस्संदेह आज की सबसे अच्छी स्वास्थ्य योजनाओं में से एक है।
• लचीला
लचीलापन एक बहुत ही बेहतर पहलू है जिसकी किसी भी प्रकार की बाजार संरचना में मांग की जाती है। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी ग्राहक को अत्यधिक लचीलापन प्रदान करती है। व्यक्ति अपने लचीलेपन के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकता है। इसके अलावा, ग्राहक पॉलिसी के कवरेज को विभिन्न पारिवारिक संबंधों तक बढ़ा सकता है।
• नो-क्लेम बोनस
यदि आप पॉलिसी अवधि के दौरान कोई दावा नहीं करते हैं तो आरोग्य संजीवनी पॉलिसी नो-क्लेम बोनस की सुविधा देती है। उस स्थिति में यह बोनस आपके लिए 5% तक बढ़ा दिया जाता है। आपके द्वारा बनाया गया पॉलिसी प्रीमियम यहां आधार के रूप में कार्य करता है और इसके ऊपर यह बोनस छूट के रूप में उपलब्ध है।
• सादगी
ग्राहक के लिए आरोग्य संजीवनी पॉलिसी को संभालना बहुत आसान है। इसमें समान कवरेज शामिल है और इसमें ग्राहक के अनुकूल विशेषताएं हैं। इस पॉलिसी के नियम और शर्तों को समझने में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। इससे पॉलिसी खरीदना आसान काम हो जाता है।
• अक्षय
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य नीति की वैधता अवधि 1 वर्ष है। इसलिए, यह आपके लिए अपनी पसंद का निर्णय लेने के लिए विभिन्न विकल्प खोलता है। आप या तो प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं या योजना को नवीनीकृत कर सकते हैं। अंत में, आप चाहें तो योजना को बंद भी कर सकते हैं।
• व्यापक कवरेज
यदि कोई व्यक्ति आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के साथ खुद को पंजीकृत करता है तो वह लंबा कवरेज प्राप्त कर सकता है। यह वास्तव में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से संबंधित बहुत सारे खर्चों को कवर करता है। इसमें दंत चिकित्सा उपचार, अस्पताल में भर्ती होने के खर्च आदि शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती होने से पहले से लेकर अस्पताल में भर्ती होने के बाद तक के सभी खर्च इस पॉलिसी द्वारा कवर किए जाते हैं। इसलिए, यह नीति कई प्रकार के चिकित्सा व्ययों के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक समग्र दृष्टिकोण है।
• बजट के अनुकूल
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य योजना एक व्यक्ति के लिए बिल्कुल सस्ती है। यदि आप सीमित कवरेज के लिए आवेदन करते हैं तो कीमत बिल्कुल वाजिब है। इसलिए, जरूरत पड़ने पर आप अपने लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल का विकल्प प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आरोग्य संजीवनी नीति समझने में बहुत ही सरल नीति है और उपरोक्त लाभों के अलावा अन्य लाभ भी प्रदान करती है। सभी सामान्य बीमा कंपनियां ग्राहकों को यह पॉलिसी सुविधा प्रदान करने के लिए बाध्य हैं। हालांकि, यह सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं है और ग्राहक को इस पॉलिसी की सेवाएं प्राप्त करने के लिए भुगतान करना होगा। इसके अलावा, अगर वह स्वस्थ जीवन शैली का पालन करता है और उसे पहले से कोई मेडिकल समस्या नहीं है, तो उसे इस पॉलिसी को खरीदने से पहले मेडिकल टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हालाँकि, इस नीति के लिए आवेदन करते समय केवल नीति निर्माताओं को ही सच्चाई का उत्तर देने का प्रयास करें।
SSC MTS Cut Off 2023: जानें SSC MTS Tier -1 कटऑफ और पिछले वर्ष का कटऑफ
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) भारत में केंद्रीय सरकारी नौकरियों की मुख्य भर्तियों हेतु अधिसूचना तथा भर्तियों हेतु परीक्षा का आयोजन करता रहा है। हाल ही में एसएससी ने SSC MTS और हवलदार के लिए अधिसूचना जारी किया है तथा इस भर्ती हेतु ऑनलाइन आवेदन भी 18 जनवरी 2023 से शुरू हो चुके हैं और यह ऑनलाइन आवेदन 17 फरवरी 2023 तक जारी रहने वाला है। आवेदन के बाद परीक्षा होगी तथा उसके बाद सरकारी रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु परीक्षा दो चरणों (टियर-1 और टियर-2) में आयोग के द्वारा आयोजित की जाती है। इस वर्ष आयोग ने Sarkari Job एसएससी एमटीएस भर्ती के तहत कुल 12523 पदों (हवलदार हेतु 529 पद) पर अधिसूचना जारी किया है लेकिन आयोग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार भर्ती संख्या अभी अनिश्चित मानी जा सकती है। आयोग के द्वारा एसएससी एमटीएस भर्ती टियर -1 परीक्षा अप्रैल 2023 में आयोजित की जा सकती है और इस भर्ती परीक्षा हेतु SSC MTS Syllabus भी जारी कर दिया गया है।
SSC MTS Tier 1 Cut Off 2023 क्या रह सकता है?
एसएससी एमटीएस कटऑफ को पदों की संख्या तथा आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या प्रभवित करती रही है। पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष भर्ती पदों में वृद्धि की गई है और संभवतः इस वर्ष आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है तथा इन कारणों से SSC MTS Cut Off 2023 बढ़ सकता है लेकिन यह उम्मीदवार के वर्ग तथा प्रदेश के ऊपर निर्भर करता है। हालांकि आयोग के द्वारा भर्ती पदों की संख्या अभी तक सुनिश्चित नहीं कि गई है।
SSC MTS Tier 1 Expected Cut Off 2023
हम आपको नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से वर्ग के अनुसार SSC MTS Expected Cut Off 2023 के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 100-110
• ओबीसी 95 -100
• एससी 90-100
• एससी 80-87
• पुर्व सैनिक 40-50
• विकलांग 91-95
• श्रवण विकलांग 45-50
• नेत्रहीन 75-80
SSC MTS Cut Off 2023 – वर्ग के अनुसार पिछले वर्ष का कटऑफ
उम्मीदवार एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु पिछले वर्षों के कटऑफ को देखकर SSC MTS Cut Off 2023 का अनुमान लगा सकते हैं। इसलिए हम आपको उम्मीदवार के वर्गों के अनुसार SSC MTS Previous Year cutoff के बारे में निम्नलिखित टेबल के माध्यम से बताने जा रहे हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 110.50
• ओबीसी 101
• एससी 100.50
• एससी 87
• पुर्व सैनिक 49.50
• विकलांग 93
• श्रवण विकलांग 49
• नेत्रहीन 76
SSC MTS के पदों का विवरण
इस भर्ती अभियान के तहत कुल 11994 मल्टीटास्किंग और 529 हवलदार के पदों को भरा जाएगा। योग्यता की बात करें तो MTS के लिए उम्मीदवार को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके अलावा हवलदार के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता यही है।
ऐसे में परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए यह बेहद ही जरूरी है, कि परीक्षा की तैयारी बेहतर ढंग से करें और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करें।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।
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