दो रिश्वतखोर प्राध्यापकों को चार वर्ष की सजा, मामले में एक बरी

डिजिटल डेस्क, भंडारा। परीक्षा में नंबर बढ़ाने के नाम पर 30 हजार रूपए की रिश्वत मांगने वाले दो प्राध्यापकों को चार वर्ष की सजा सुनाई गई है। वहीं एक को मामले में बरी कर दिया गया। बतौर एडवांस दस हजार रूपए स्वीकार करने वाले दो प्राध्यापकों को जिला व सत्र न्यायाधिश अंजु शेंडे ने मंगलवार को चार वर्ष सश्रम कारावास और दस व पंद्रहा हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं अन्य प्राध्यापक को बरी किया गया है। शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय नागपुर के तत्कालीन प्राध्यापक राजेंद्र पांडुरंग बहाडे (65) तथा ईश्वर देशमुख को सजा सुनाई गई, जब्कि साकेत शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय गोंदिया के प्राध्यापक हितेश डायाभाई राठोड उम्रर 48 साल को बरी किया गया।
शिकायतकर्ता विद्यार्थी तुमसर के शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय में बीपीई के अंतिम वर्ष में पढ़ रहे थे। प्रात्याक्षिक परीक्षा में अंक बढाने के लिए प्राध्यापकों ने तीस हजार रूपए रिश्वत मांगी थी। इसे लेकर विद्यार्थियों ने तुमसर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की। इस प्रकरण में मंगलवार 19 जुलाई को भंडारा की जिला न्यायाधिश तथा सत्र न्यायाधिश श्रीमती अंजु शेंडे ने भ्रष्टाचार प्रतिबंध अधिनियम 1988 के तहत लोकसेवक प्राध्यापक राजेंद्र बहाडे (65), ईश्वर देशमुख को धारा 7 के तहत तीन वर्ष तथा दस हजार रूपए जुर्माना तथा धारा 13 (1) (ड) के तहत चार वर्ष की शिक्षा व पंद्रहा हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। इस प्रकरण में सरकारी पक्ष एड. विनोद भोले ने रखा। मामले में रिश्वत प्रतिबंधक भंडारा विभाग के पुलिस उप अधीक्षक महेश चाटे के मार्गदर्शन में पैरवी अधिकारी का कार्य रविंद्र गभने, पुलिस हवालदार ने संभाला।
Created On :   19 July 2022 7:28 PM IST