उद्धव ने कहा - एकनाथ शिंदे नहीं हैं शिवसेना के मुख्यमंत्री, अमित शाह मान लेते मेरी तो यह नौबत नहीं आती

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूर्व मुख्यमंत्री तथा शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना का मुख्यमंत्री मानने से इंकार कर दिया है। ठाकरे ने कहा कि शिंदे शिवसेना के मुख्यमंत्री नहीं हैं। भाजपा का नाम लिए बिना ठाकरे ने कहा कि मेरे पीठ में छूरा घोंपकर जनता में भ्रम पैदा करने के लिए शिंदे को शिवसेना का मुख्यमंत्री बताया जा रहा है। लेकिन कोई शिवसेना को किनारे करके शिवसेना का मुख्यमंत्री नहीं हो सकता है। महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के एक दिन बाद शुक्रवार को दादर स्थित शिवसेना भवन में पत्रकारों से बातचीत में ठाकरे ने शिंदे को तथाकथित शिवसैनिक करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने तथाकथित शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाया है। लेकिन मैं तो ढाई साल पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुए समझौते के तहत भाजपा से शिवसेना को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद देने की मांग की थी लेकिन भाजपा ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद के बंटवारे के लिए तैयार नहीं हुई। यदि उस समय भाजपा तैयार हो गई होती तो प्रदेश में सम्मान के साथ नई सरकार बनती। शाह ने वादा निभाया होता तो महाराष्ट्र में शानदार तरीके से नई सरकार का गठन होता। ठाकरे ने कहा कि यदि शाह ने वादा निभाया होता तो कम से कम ढाई साल तक भाजपा को मुख्यमंत्री पद मिलता। अब तो पांच साल तक भाजपा को मुख्यमंत्री पद नहीं मिलेगा। मुझे पता नहीं कि ऐसा करके भाजपा को क्या खुशी मिली है?
सीएम पद न छोड़ने वाली भाजपा अब कैसे हो गई तैयार
ठाकरे ने कहा कि ढाई साल पहले शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने से मना करके अब भाजपा शिवसेना से बगावत करने वाले को मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार कैसे हो गई? यह मेरे सहित महाराष्ट्र की जनता के मन में सवाल है। यदि भाजपा को यही करना था तो मुझे मुख्यमंत्री बनने की नौबत क्यों लाई गई? यदि ढाई साल पहले भाजपा तैयार हो गई होती तो तीन दलों की महाविकास आघाड़ी का जन्म ही नहीं हुआ होता।
जनता तय करें शिंदे ने मुझे कुर्सी से उतारकर सही किया या गलत
ठाकरे ने कहा कि शिंदे ने शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहब ठाकरे के बेटे को मुख्यमंत्री पद से उतारकर खुद मुख्यमंत्री बनने की जिद पूरी की है। यह जनता तय करें कि उन्होंने सही किया या फिर गलत किया। लेकिन यह छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र है। यह बिना आंख वाला धृतराष्ट्र प्रदेश नहीं है।
विधायकों की टूट के बाद ठाकरे को याद आया ‘राइट टू रिकॉल’
शिवसेना के दो-तिहाई से अधिक विधायकों के टूटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में हैं। उन्होंने कहा कि जनता को लोकतंत्र पर से विश्वास खत्म होता जा रहा है। ठाकरे ने कहा कि मतदाताओं को जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार (राइट टू रिकॉल) होना चाहिए। ठाकरे ने शिवसेना के बागी विधायक सदा सरवणकर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि माहिम सीट के मतदताओं को पता ही नहीं है कि उन्होंने जिसको वोट दिया है वह सूरत, गुवाहाटी और गोवा में घुम रहे हैं। ठाकरे ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार मतदाताओं को मिलना चाहिए।
Created On :   1 July 2022 8:18 PM IST