उद्धव ने कहा - हमसे कोई नहीं छीन सकता धनुष-बाण

Uddhav said - no one can snatch the bow and arrow from us
उद्धव ने कहा - हमसे कोई नहीं छीन सकता धनुष-बाण
हुंकार उद्धव ने कहा - हमसे कोई नहीं छीन सकता धनुष-बाण

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि शिवसेना के चुनाव चिन्ह धनुष-बाण को कोई हमसे छीन नहीं सकता है। धनुष-बाण चिन्ह शिवसेना के पास ही रहेगा। शुक्रवार को बांद्रा स्थित अपने निजी आवास मातोश्री पर उद्धव ने कहा कि धनुष-बाण को शिवसेना से कोई अलग नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि मैं कानून विशषज्ञों से चर्चा करने के बाद कह रहा है कि ‘धनुष-बाण‘ चुनाव चिन्ह शिवसेना के पास ही रहेगा। इसलिए शिवसेना को नए चुनाव चिन्ह के बारे में विचार करने की आवश्यकता नहीं है।उद्धव ने कहा कि ‘शिवसेना’ असल में किसकी है। इसको लेकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन ‘शिवसेना’ कोई चीज नहीं है जिसे चुराकर ले जाया जा सके। उद्धव ने कहा कि शिवसेना विधानमंडल दल और पंजीकृत दल के रूप में ‘शिवसेना’ अलग-अलग हैं। 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दुनिया की नजर 

उद्धव ने कहा कि मेरा सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है। इसलिए अगले 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट का फैसला न केवल शिवसेना का भविष्य तय करेगा बल्कि देश की दिशा भी तय करेगा। यह साफ होगा कि देश में लोकतंत्र और कानून कब तक रहेगा। उद्धव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भारत नहीं बल्कि पूरे विश्व की निगाहें लगी हुई हैं। पूरा विश्व देखेगा कि लोकतंत्र के चारों स्तंभ बिना किसी दबाव में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं अथवा नहीं। इसलिए मुझे सुप्रीम कोर्ट के फैसले की चिंता नहीं है। उद्धव ने कहा कि किसी पार्टी के एक विधायक हो अथवा 100 विधायक हो। यदि विधायकों ने पार्टी छोड़ दी तो इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी खत्म हो जाएगी। पार्टी से विधायक जा सकते हैं मगर पार्टी का अस्तित्व खत्म नहीं होता है। उद्धव ने कहा कि चुनावों में मतदाता केवल शिवसेना के चुनाव चिन्ह ‘धनुष-बाण’ को देखकर वोट नहीं करते हैं बल्कि धनुष-बाण पकड़ने वाले उम्मीदवारों का लक्षण देखकर भी वोट डालते हैं। 

मैं बागी विधायकों का प्रेम देखकर धन्य हो गया हूं

उद्धव ने शिंदे गुट के बागी विधायकों के बयानों का उल्लेख करते हुए कहा कि कुछ लोग कर रहे हैं कि अगर मातोश्री में सम्मान के साथ वापस बुलाया जाएगा और भाजपा के साथ समझौता होगा तो हम दोबारा मातोश्री में जाएंगे। उन विधायकों को मेरे, मातोश्री और आदित्य ठाकरे के प्रति प्रेम हैं। मैं ऐसे बागी विधायकों का प्रेम देखकर सचमूच धन्य हो गया हूं। उद्धव ने कहा कि पहले ठाकरे परिवार के खिलाफ किसी को बोलने की हिम्मत नहीं पड़ती थी। पर पिछले ढाई सालों में जब भाजपा के नेता ठाकरे परिवार और मातोश्री के खिलाफ विकृत शब्दों में टिप्पणी कर रहे थे। उस समय उन बागी विधायकों में से किसी ने भी भाजपा के खिलाफ नहीं बोला था। अब ठाकरे परिवार का अपमान करने भाजपा के नेताओं से बागी विधायक गले मिल रहे हैं और स्वागत स्वीकार रहे हैं। उद्धव ने कहा कि यह जनता को  पता चलना चाहिए कि ठाकरे परिवार के प्रति उनका प्रेम सच्चा है या दिखावटी है। 

दोबारा विधानसभा का चुनाव कराएं 

उद्धव ने कहा कि सत्ता के लिए खेल खेलने की बजाय विधानसभा का चुनाव दोबारा कराया जाए। भाजपा ने शिवसेना के साथ घात किया। इस कारण शिवसेना ने महाविकास आघाड़ी को जन्म दिया। यदि मतदाता शिवसेना के फैसले को गलत मानते होंगे तो वह हमें घर पर बिठा देंगे। उद्धव ने कहा कि सत्ता पलटने के खेल में 3 हजार करोड़ रुपए खर्च होने के आंकड़े आ रहे हैं। मुझे नहीं मालूम है कि इसमें क्या सच्चाई है। यदि भाजपा ने जो अब किया है यही ढाई साल पहले सम्मान से करती तो  इतने पैसे खर्च नहीं करने पड़ते। जो बात सम्मान से हो सकती है उसके लिए साजिश क्यों रची गई?

राष्ट्रपति पद के चुनाव में समर्थन का फैसला सांसदों से चर्चा के बाद होगा

उद्धव ने कहा कि मैं राष्ट्रपति पद के चुनाव में किस उम्मीदवार को समर्थन करना है। इसका फैसला मैं शिवसेना के सांसदों और नेताओं से चर्चा करने के बाद लूंगा। उल्लेखनीय है कि इसके पहले शिवसेना के दो सांसद राहुल शेवाले और राजेंद्र गावित ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की मांग उद्धव से की थी। 

जो पूर्व नगरसेवक गए वह उनके ही थे। 

उद्धव ने कहा कि ठाणे में शिवसेना के पूर्व नगरसेवकों के शिंदे गुट में शामिल होने की तस्वीरें सामने आ रही हैं। लेकिन जो पूर्व नगरसेवक गए हैं वे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ही कार्यकर्ता थे। शिंदे के आग्रह के कारण मैंने इनको टिकट दिया था। शिवसेना के मूल कार्यकर्ता पार्टी में बने हुए हैं। 
 

Created On :   8 July 2022 7:42 PM IST

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