मुख्यमंत्री होने के बावजूद इंटरनेशनल स्कूल में मेरे पोते का दाखिला नहीं करा सके थे उद्धव ठाकरे- केसरकर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना के बागी शिंदे गुट के मुख्य प्रवक्ता व विधायक दीपक केसरकर शिवसेना प्रवक्ता तथा मुंबई की पूर्व महापौर किशोर पेडणेकर के उस बयान से आहत हो गए हैं जिसमें पेडणेकर ने कहा था कि केसरकर के पोते का दाखिला तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने करवाया था। गुरुवार को केसरकर ने कहा कि मैंने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव से मेरे पोते का दाखिला मुंबई के एक अंतराष्ट्रीय स्कूल में कराने के लिए आग्रह किया था। लेकिन उद्धव मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए भी अंतराष्ट्रीय स्कूल में मेरे पोते का दाखिला नहीं करवा पाए थे। केसरकर ने कहा कि उन्होंने मेरे पोते का दाखिला अंतराष्ट्रीय स्कूल की बजाय दूसरे एक स्कूल में करवाया था। जिसके लिए मैंने उनका आभार व्यक्त किया था।
दो दिनों में बताऊंगा मातोश्री के लिए क्या-क्या किया
केसरकर ने कहा कि मेरे पोते के दाखिले की छोटी सी बात को सार्वजनिक किया जा रहा है तो मेरी भी ठाकरे परिवार को चुनौती है कि उन्हें बताना चाहिए कि मैंने मातोश्री (ठाकरे परिवार) लिए क्या किया है? मैंने पोते के दाखिले की तुलना में मातोश्री के लिए 100 गुना बड़ा काम किया है। यदि वह नहीं बताएंगे तो मैं अगले दो दिनों में इसका खुलासा करूंगा कि मैंने मातोश्री के लिए क्या-क्या किया है। केसरकर ने कहा कि मैं साईंबाबा का भक्त हूं। मेरे हाथ से बड़े-बड़े काम होते हैं। लेकिन मैंने आदर के नाते मीडिया में कभी उसका उल्लेख नहीं किया था। लेकिन मैं अगले दो दिनों में बताऊंगा कि जब शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे थे, उस समय मैंने उनके लिए क्या किया था?
केसरकर ने कहा कि मेरा पोता एक साल बाद दोबारा अंतराष्ट्रीय स्कूल में दाखिले के लिए आवेदन करेगा। लेकिन मैं उसको प्रवेश दिलाने के लिए उद्धव से आग्रह नहीं करूंगा। केसरकर ने कहा कि शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे मेरे निर्वाचन क्षेत्र सिंधुदुर्ग के सावंतवाडी में जाने वाले हैं। लेकिन उन्होंने मेरे विधानसभा क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया है।
इसके पहले बुधवार को पेडणेकर ने कहा था कि केसरकर के पोते का दाखिला उद्धव ने करावाया था। लेकिन अब केसरकर हमें ज्ञान पिला रहे हैं। जबकि केसरकर दो दल छोड़कर शिवसेना में साल 2014 में आए थे। इसके बावजूद वे हमें शिवसेना की रीति-नीति समझा रहे हैं।
उद्धव को शिंदे को विश्वासघाती कहने का अधिकार नहीं
केसरकर ने कहा कि हम लोगों ने आपत्ति जताई थी कि हमें गद्दार क्यों कहा जा रहा है क्योंकि हमने तो शिवसेना छोड़ी नहीं है। इसके बाद शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिए ‘विश्वासघाती’ शब्द का इस्तेमाल किया। लेकिन विश्वासघाती उसे कहा जाता है जिसने विश्वास को तोड़ा हो। केसरकर ने कहा कि जब उद्धव का ऑपरेशन हुआ था तो उन्होंने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद का प्रभार भी नहीं सौंपा था। उद्धव शिंदे को प्रभारी मुख्यमंत्री बना सकते थे लेकिन उनका एकनाथ शिंदे पर विश्वास नहीं था। यदि उनका शिंदे पर विश्वास नहीं था तो तत्कालीन उद्योग मंत्री सुभाष देसाई को मुख्यमंत्री पद का प्रभार दे सकते थे। लेकिन उन्होंने किसी पर विश्वास नहीं किया। यदि उद्धव शिंदे पर विश्वास करते तो वे अब कह सकते थे उन्होंने विश्वासघात किया है। लेकिन उद्धव को शिंदे को विश्वासघाती करने का अधिकार नहीं है।
सिर्फ भाजपा के साथ सरकार चाहते थे शिंदे
केसरकर ने कहा कि उद्धव ने जब शिंदे से मुख्यमंत्री बनने के बारे में पूछा था तब भी उन्होंने मना कर दिया था कि मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनना है। आप (उद्धव) केवल भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाइए और मुख्यमंत्री पद पर कायम रहिए।
Created On :   28 July 2022 9:16 PM IST