56 वर्षों से मुंबई में रह रही युगांडा की जन्मी महिला चाहती है भारत की नागरिकता

डिजिटल डेस्क, मुंबई। युगांडा में जन्म लेने के बाद भारत में 56 वर्षों से रह रही एक महिला ने भारतीय नागरिकता की मांग को लेकर बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। पिछले दिनों मुंबई के उपजिलाधिकारी ने महिला के भारतीय नागरिकता देने से जुड़े आवेदन को खारिज करते हुए महिला का राज्यविहिन घोषित किया है। इसलिए 1966 से भारत में रह रही महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका के मुताबिक महिला का जन्म युगांडा में हुआ है। उसके माता-पिता भारतीय मूल के थे। महिला के माता-पिता के पास ब्रिटिश पासपोर्ट था। 1966 में जब वह नाबालिग थी, तो अपनी मां के साथ युंगाडा से भारत आयी थीं, तब से वह यहां रह रही है। याचिका में महिला ने कहा है कि उसने जब भारत की नागरिकता के लिए आवेदन किया था तो उसने गलती से आवेदन में लिख दिया था कि उसका वीजा 2019 तक वैध है। इसके चलते उसके नागरिकता के आवेदन को खारिज कर दिया गया है। याचिका के अनुसार महिला तीन बार भारतीय पासपोर्ट के लिए आवेदन कर चुकी है, लेकिन उसके आवेदन को खारिज कर दिया गया। पासपोर्ट कार्यालय ने महिला को अपने भारत पहुंचने से जुड़े दस्तावेज पेश करने को कहा है। इसलिए महिला ने नागरिकता के लिए आवेदन किया था, जो अस्वीकृत हो गया।
न्यायमूर्ति एसवी गंगापुरवाला व न्यायमूर्ति एसएम मोडक की खंडपीठ के सामने महिला की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय की ओर से पैरवी कर रहे वकील अद्वैत सेठना ने कहा कि यदि महिला अपना विदेश का पासपोर्ट पेश कर दे तो उसे नागरिकता प्रदान कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि महिला ने ब्रिटिश दूतावास से पासपोर्ट के लिए संपर्क किया था लेकिन महिला के पास दस्तावेज नहीं थे। इसलिए दूतावास ने पासपोर्ट जारी करने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता को नागरिकता प्रदान करने में आपत्ति नहीं लेकिन उसे इसके लिए तय प्रक्रिया व नियमों का पालन करना होगा। यदि महिला चाहे तो वह दस्तावेजों के लिए युगांडा दूतावास से भी संपर्क कर सकती है। इस पर महिला के वकील आदित्य चितले ने निर्देश लेने के लिए समय की देने की मांग की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने केंद्र सरकार को याचिका पर अपना जवाब देने को कहा और याचिका पर सुनवाई 22 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।
Created On :   8 July 2022 7:12 PM IST