उईके ने कहा - सरकार गोवारी समाज के साथ, उधर हलबा समाज ने निकासा कैंडल मार्च

Uike said - Government stand with the Govari society
उईके ने कहा - सरकार गोवारी समाज के साथ, उधर हलबा समाज ने निकासा कैंडल मार्च
उईके ने कहा - सरकार गोवारी समाज के साथ, उधर हलबा समाज ने निकासा कैंडल मार्च

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आदिवासी विकास मंत्री डॉ. अशोक उईके ने कहा कि आदिवासी गोवारी शहीदांे का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। सरकार हमेशा गोवारी समाज के साथ है। समाज को न्याय देने के लिए सरकार हरसंभव कोशिश करेगी। समाज हित में काम जारी रहेगा। आदिवासी गोवारी शहीद स्मारक समिति की ओर से  गोवारी स्मारक के नविनीकरण का भूमिपूजन  आदिवासी विकास मंत्री डॉ. अशोक उईके व राज्यमंत्री डॉ. परिणय फुके के हाथों हुआ। इस दौरान समिति के अध्यक्ष शालिक नेवारे, महानगर पालिका निर्माणकार्य सभापति संजय बंगाले, लोक कर्म विभाग के कार्यकारी अभियंता जनार्दन भानुसे आदि उपस्थित थे। विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी गोवारी संस्कृति का दर्शन देनेे वाले  नृत्य व गीत पेश किए गए। विद्यार्थियों ने आदिवासी नृत्य व गीत पेश किए। 114 शहीदों की याद में 11 हजार 400 पेड़ लगाने के स्मारक समिति के संकल्प की राज्यमंत्री डॉ. परिणय फुके ने सराहना की। शहीद स्मारक समिति की आेर से शरद सहारे, एड. मंगेश नेवारे, विलास भोंडे, अरुण बोटरे, झिब्बलजी वाघाड़े सहित बड़ी संख्या में गोवारी बंधु उपस्थित थे।

हलबा समाज का कैंडल मार्च

हलबा समाज ने वादा नहीं निभाने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को सरकार के खिलाफ कैंडल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।  राष्ट्रीय आदिम कृति समिति की एड. नंदा पराते व विधायक विकास कुंभारे के नेतृत्व में गोलीबार चौक से निकले कैंडल मार्च में बड़ी संख्या में हलबा समाज के लोग शामिल हुए। मार्च में शामिल लोगों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हलबा समाज के साथ विश्वासघात करने का आरोप सरकार पर लगाया। भाजपा सरकार ने हलबा, माना, गोवारी व धनगर समेत 33 अन्यायग्रस्त आदिम समाज को न्याय से वंचित रखने का आरोप लगाया। शीघ्र न्याय नहीं मिला तो वादाखिलाफी का बदला लेने की चेतावनी एड. पराते ने दी। जाति प्रमाणपत्र व जाति वैधता प्रमाणपत्र देने की मांग की। गोलीबार चौक से निकला कैंडल मार्च गांधीबाग में रा.बा. कुंभारे के प्रतिमा के पास खत्म हुआ।  कैंडल मार्च  में विधायक विकास कुंभारे के अलावा प्रकाश निमजे, दे.बा नांदकर, विश्वनाथ आसई, धनंजय धापोड़कर आदि प्रमुखता से उपस्थित थे।  सफलतार्थ ओमप्रकाश पाठराबे, मनोहर घोराड़कर, नागोराव पराते, धनराज पखाले, शेखर सेलूकर, रघुनंदन पराते, श्रीकांत धकाते, जितेंद्र बड़वे, ज्ञानेश्वर दाढे, सुभाष भनारकर, लोकेश वट्टीघरे, गीता जलगांवकर, मंदा  शेंडे, कल्पना अड्यालकर आदि ने प्रयास किया। 


 

Created On :   10 Aug 2019 4:27 PM IST

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