नागपुर में बनेंगे अंडरग्राउंड डस्टबिन, हाईटेक तकनीक का होगा इस्तेमाल

underground dustbin will prepare in the nagpur city
नागपुर में बनेंगे अंडरग्राउंड डस्टबिन, हाईटेक तकनीक का होगा इस्तेमाल
नागपुर में बनेंगे अंडरग्राउंड डस्टबिन, हाईटेक तकनीक का होगा इस्तेमाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर में अंडरग्राउंड डस्टबीन बनाने की तैयारी चल रही है। महाराष्ट्र में ऐसा पहली बार होगा। ये डस्टबिन वेट सेंसटिव होंगे। वेट बढ़ने पर कंट्रोल को सिग्नल मिलेगा। जिसके बाद कचरा जमा करने वाली गाड़ी आकर कचरा ले जाएगी। महानगरपालिका वेस्ट कलेक्शन का फाइनल ड्रॉफ्ट तैयार किया है, जो जल्द ही पूरा होने वाला है। अंडरग्राउंड डस्टबिन बनने के बाद प्राइमरी कलेक्शन सेंटर यानी खुले में जमा होने वाले कचरा घर सहित लोहे से बने बड़े डस्टबिन सड़क से हटा लिए जाएंगे। इस मॉडल से उत्तराखंड में कचरा जमा किया जा रहा है।

कोर्ट के नियमों का पालन

बढ़ते प्रदूषण और पर्यावरण की समस्या को ध्यान रखकर सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय के साथ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कई निर्देश दिए हैं, जिसका पालन मनपा को करना है। महानगर का कचरा जमा करने वाली कनक रिसोर्स मैनेजमेंट लिमिटेड का टेंडर खत्म होने के बाद नए नियमों के अनुसार कचरा उठाया जाएगा। कनक रिसोर्स सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (एसडब्ल्यूएम) 2002 के नियमों के आधार पर कचरा जमा करती है। लेकिन अब एसडब्ल्यूएम 2016 के नियमों के आधार पर कचरा जमा किया जाएगा।

क्या फायदा होगा

अंडरग्राउंड डस्टबिन बनने से सड़कों पर न कचरा दिखेगा, न ही फैलेगा। कचरा से उठने वाली बदबू से भी निजात मिलेगी। डस्टबिन में जैसे ही तय वजन से अधिक कचरा होगा, वह कंट्रोल रूम को इसकी सूचना देगा। उसके बाद कचरा ढोने की गाड़ी वहां आएगी और कचरा निकाल कर ले जाएगी। गाड़ी कचरे को कम्प्रेस करेगी, जिससे गाड़ी में ज्यादा कचरा भरा जा सकेगा, फिर कचरे को तय स्थान पर खाली करेगी।

डस्टबिन में खाली करेंगे

घर-घर से निकलने वाले कचरे को संबंधित एजेंसी गाड़ियों में जमा करती है। बाजार से भी इसी तरह से कचरा जमा किया जाता है। सड़क की सफाई के दौरान निकलने वाला कचरा भी सफाईकर्मी अपनी गाड़ी में जमा करते हैं। इसे सफाईकर्मी शहर में बनने वाले अंडरग्राउंड डस्टबिन में ले जाकर खाली करेंगे। महानगर में कचरे के 158 प्रायमरी कलेक्शन सेंटर हैं। कुल 300 से 350 अंडरग्राउंड डस्टबिन बनाने होंगे। हालांकि इसे प्रोजेक्ट को शुरू होने में 6 से 8 माह लग सकते हैं। जब्कि मई 2018 में कनक रिसोर्स का कांट्रैक्ट खत्म होगा।

ग्रीन सिटी बनाए रखने का प्रयास

मनपा आयुक्त अश्विन मुदगल के मुताबिक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट 2016 के नियमानुसार शहर में सफाई और स्वच्छता रखने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया है। आज नागपुर ग्रीन सिटी के नाम से जाना जाता है। आने वाले समय में भी शहर स्वच्छ, सुंदर और ग्रीन सिटी के रूप में पहचाना जाए, इसलिए परिस्थितियों के अनुसार हम शहर को ग्रीन सिटी बनाए रखने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

Created On :   25 Oct 2017 11:00 PM IST

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