आँख के ऑपरेशन का यूनाइटेड इंडिया ने नहीं दिया क्लेम

United India did not give claim for eye operation
आँख के ऑपरेशन का यूनाइटेड इंडिया ने नहीं दिया क्लेम
जबलपुर आँख के ऑपरेशन का यूनाइटेड इंडिया ने नहीं दिया क्लेम

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमा करते वक्त कंपनियों के एजेंट व अधिकारी सौ फीसदी क्लेम देने का वादा करते हैं पर जब बीमित को लाभ देने की बारी आती है तो बीमा कंपनियाँ अपने हाथ खड़े कर लेती हैं। यह आरोप पॉलिसीधारकों द्वारा बीमा कंपनियों के ऊपर लगाए जा रहे हैं। बीमा कंपनियाँ कैशलेस करने से साफ मना कर देती हैं और जब बीमारी का बिल बीमा कंपनी में सबमिट किए जाते हैं तो तरह-तरह की क्वेरी निकाल ली जाती हैं। यहाँ तक कि बीमा कंपनियों का उद्देश्य बन गया है कि बीमित को हर हाल में हताश करने के बाद क्लेम रिजेक्ट करना है। यहाँ तक कि टोल फ्री नंबर से लेकर जिम्मेदार अधिकारी न तो मेल का जवाब दे रहे हैं और न ही फोन रिसीव करते हैं। अब पॉलिसीधारकों द्वारा बीमा कंपनियों पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया जा रहा है।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

पाँच महीने से लगा रहा पॉलिसीधारक बीमा कंपनी के चक्कर

जबलपुर सिविल लाइन निवासी अभिषेक राणा ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने सालों पहले से यूनाइटेड इंडिया काॅर्पोरेशन से हेल्थ पॉलिसी ले रखी है। उसका प्रीमियम भी प्रतिवर्ष जमा किया जा रहा है। पॉलिसी क्रमांक 19090028पी112283528 का कैशलेस कार्ड भी मिला है। बीमित को अक्टूबर 2022 में आँख में दिक्कत होने के कारण निजी अस्पताल में चैक कराना पड़ा था। आँख से कम दिखने के कारण चिकित्सकों की सलाह पर ऑपरेशन कराना पड़ा।

बीमित के द्वारा बीमा कंपनी को कैशलेस के लिए सूचना दी गई थी पर बीमा कंपनी की टीपीए भोपाल के अधिकारियों ने बिल सबमिट करने पर पूरा भुगतान करने का वादा किया गया था। पॉलिसीधारक के द्वारा अपने खर्च पर पूरा इलाज कराया गया और उसके बाद सारे बिल व चिकित्सकों की रिपोर्ट बीमा कंपनी में सबमिट की गई थी। बीमा कंपनी ने अनेक प्रकार के प्रश्न किए जिसके उत्तर में बीमित के द्वारा चिकित्सक के माध्यम से दोबारा सत्यापित रिपोर्ट दी गई। टीपीए के अधिकारियों ने जल्द क्लेम देने का वादा किया पर जिम्मेदार अधिकारियों ने यह कहते हुए क्लेम निरस्त कर दिया कि आपको हम क्लेम नहीं दे सकते हैं। बीमित का आरोप है कि हमारे साथ टीपीए कंपनी के द्वारा गोलमाल किया जा रहा है।

 

Created On :   23 Feb 2023 6:42 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story