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दैनिक भास्कर हिंदी: नितीन राऊत को नागपुर, केदार को वर्धा की जिम्मेदारी - वडेट्टीवार चंद्रपुर के पालकमंत्री बने

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री डॉ. नितीन राऊत नागपुर के नए पालकमंत्री होंगे। उपमुख्यमंत्री अजित पवार पुणे के पालक मंत्री बनाए गए हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पालकमंत्रियों की नियुक्ति की। वजनदार विभाग नहीं मिलने से नाराज चल रहे ओबीसी विभाग के मंत्री विजय वडेट्टीवार चंद्रपुर के पालक मंत्री होंगे। राज्य के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे दो जिले ठाणे और गडचिरोली के पालक मंत्री बनाए गए हैं। उद्योग मंत्री सुभाष देसाई की औरंगाबाद के पालक मंत्री पद पर नियुक्ति की गई है। गृह मंत्री अनिल देशमुख गोंदिया और पशुपालन मंत्री सुनील केदार वर्धा के पालक मंत्री होंगे। स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री बच्चू कडू अकोला के पालक मंत्री बनाए गए हैं। पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हाण नांदेड़ के पालक मंत्री होंगे।
राऊत, देशमुख के लौटे पुराने दिन, केदार का कद बढ़ा
महाविकास आघाड़ी सरकार के पालकमंत्रियों के नामों की घोषणा हो चुकी है। ऊर्जामंत्री डॉ.नितीन राऊत का नागपुर जिले का पालकमंत्री बनाया गया है। गृहमंत्री अनिल देशमुख को गोंदिया व पशुसंवर्धन मंत्री सुनील केदार को वर्धा का पालकमंत्री बनाया गया है। पालकमंत्री पद के लिहाज से देखें तो राऊत व देशमुख के पुराने दिन लौट आए हैं। केदार का भी कद बढ़ा है। पालकमंत्री की नियुक्ति मुख्यमंत्री करते हैं। संवैधानिक व्यवस्था के तहत यह पद अनिवार्य नहीं है। लेकिन प्रशासनिक कार्यों की निगरानी के उद्देश्य के साथ मुख्यमंत्री इन पदों की नियुक्ति करते हैं। पालकमंत्री जिला स्तर पर मुख्यमंत्री का प्रतिनिधि होता है। वह सभी विभागों की योजनाओं की समीक्षा करता है। अधिकारियों की बैठकें लेता है। डॉ.राऊत दूसरी बार नागपुर के पालकमंत्री बने हैं। इससे पहले 2014 में विधानसभा चुनाव के पहले तत्कालीन कांग्रेस राकांपा आघाडी की सरकार में वे पालकमंत्री बने थे। डा.राऊत यवतमाल व अमरावती के भी पालकमंत्री रह चुके हैं। अनिल देशमुख भी गोंदिया के पालकमंत्री रह चुके हैं। कांग्रेस राकांपा आघाड़ी सरकार में उन्हें भी अमरावती की जिम्मेदारी मिली थी। सुनील केदार पहले राज्यमंत्री रहे हैं। लेकिन पहली बार पालकमंत्री नियुक्त हुए हैं।
जिले के मंत्री को ही मौका
पालकमंत्री की नियुक्ति अक्सर संबंधित जिले के मंत्री को ही दी जाती है। इस बार भी वैसा ही कुछ हुआ है। विदर्भ में ही देखा जाये तो विजय वडेट्टीवार चंद्रपुर, यशोमति ठाकुर अमरावती व संजय राठौड यवतमाल के पालकमंत्री बने है। ये मंत्री उसी जिले से विधानसभा चुनाव भी जीते हैं। गडचिरोली का पालकमंत्री पद चर्चा में रहता है। सार्वजनिक उपक्रम मामलों के मंत्री एकनाथ शिंदे को गडचिरोली का पालकमंत्री बनाया गया है। शिंदे शिवसेना में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सबसे करीबी मंत्री के तौर पर उनका नाम गिनाया जाता है। सरकार गठन के समय शिवसेना विधायक दल के नेता के तौर पर शिंदे का नाम मुख्यमंत्री पद को लेकर भी चर्चा में था। मुख्यमंत्री ठाकरे का गडचिरोली से जुडाव रहा है। इससे पहले उन्होंने गडचिरोली के लिए मुंबई से लाइव उपचार सेवा की योजना लायी थी। कांग्रेस राकांपा गठबंधन की सरकार में गृहमंत्री रहे दिवंगत आर.आर पाटील भी गडचिरोली के पालकमंत्री रहे हैं।
पालक मंत्रियों की सूची
जिला पालक मंत्री
1. पुणे- अजित पवार
2. मुंबई शहर- असलम शेख
3. मुंबई उपनगर- आदित्य ठाकरे
4. ठाणे- एकनाथ शिंदे
5. रायगड - आदिती तटकरे
6. रत्नागिरी- अनिल परब
7. सिंधुदुर्ग- उदय रवींद्र सामंत
8. पालघर- दादाजी भुसे
9. नाशिक-छगन भुजबल
10. धुलिया - अब्दुल सत्तार
11. नंदूरबार- के.सी. पाडवी
12. जलगांव- गुलाबराव पाटील
13. अहमदनगर- हसन मुश्रीफ
14. सातारा- बालासाहब पाटील
15. सांगली- जयंत पाटील
16. सोलापुर- दिलीप वलसे-पाटील
17. कोल्हापुर- बालासाहब थोरात
18. औरंगाबाद- सुभाष देसाई
19. जालना- राजेश अंकुशराव टोपे
20. परभणी- नवाब मलिक
21. हिंगोली- वर्षा गायकवाड
22. बीड़- धनंजय मुंडे
23. नांदेड़- अशोक चव्हाण
24. उस्मानाबाद- शंकरराव गडाख
25. लातूर- अमित देशमुख
26. अमरावती- यशोमती ठाकुर
27. अकोला- बच्चू कडू
28. वाशिम- शंभुराज देसाई
29. बुलढाणा- राजेंद्र शिंगणे
30. यवतमाल- संजय राठोड
31. नागपुर- डॉ. नितीन राऊत
32. वर्धा- सुनील केदार
33. भंडारा- सतेज पाटील
34. गोंदिया- अनिल देशमुख
35. चंद्रपुर- विजय वडेट्टीवार
36. गडचिरोली- एकनाथ शिंदे
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।