राजनाथ सिंह ने कहा - बदलते वैश्विक परिदृश्य के बीच सुरक्षा मजबूत करना सर्वोच्च प्राथमिकता

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युद्धपोत मोरमुगाओ भारतीय नौसेना में शामिल राजनाथ सिंह ने कहा - बदलते वैश्विक परिदृश्य के बीच सुरक्षा मजबूत करना सर्वोच्च प्राथमिकता

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दुश्मन के मिसाइल को हवा में ही मार गिराने की क्षमता रखने वाले युद्धपोत आईएनएस मोरमुगाओ को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया है। रविवार को मुंबई डॉकयार्ड में आयोजित कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर पी15बी के दूसरे युद्धपोत को औपचारिक रुप से नौसेना का हिस्सा बनाया गया। मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा तैयार किए गए मोरमुगाओ का डिजाइन पूरी तरह स्वदेशी है। यह विशाखापत्तनम श्रेणी के विध्वंसकों में से दूसरा है। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सबसे शक्तिशाली स्वदेशी युद्धपोतों में से एक मोरमुगाओ के नौसेना में शामिल होने से देश की समुद्री क्षमताएं बढ़ेंगी और यह राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि आईएनएस मोरमुगाओ तकनीकी रुप से विश्व के सबसे उन्नत मिसाइल वाहकों में से एक है। इसके निर्माण में 75 फीसदी से ज्यादा स्वदेशी उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है। यह हमारी बढ़ती स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमताओं का बेहतरीन उदाहरण है। यह युद्धपोत देश के साथ साथ मित्र देशों की भी वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। सिंह ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के हितों की रक्षा करना नौसेना की प्रमुख जिम्मेदारी है। हमारी बढ़ती अर्थव्यवस्था प्रत्यक्ष रुप से बढ़ते व्यापार से जुड़ी है। व्यापार में समुद्री मार्गों की अहम भूमिका है। हमारे हित सीधे तौर पर हिंद महासागर से जुड़े हैं इसलिए नौसेना की भूमिका और अहम हो जाती है। सिंह ने कहा कि सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना मौजूदा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बदलते वैश्विक परिदृष्य के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए देश को तैयार करने का हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि दुनिया की स्थिरता और आर्थिक प्रगति के लिए नौसंचालन की नियम आधारित स्वतंत्रता, समुद्री मार्गों की सुरक्षा आदि पहले से अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं।

क्या है खासियत

मोरमुगाओ 7400 टन वजनी है और इसकी लंबाई 163 जबकि चौंडाई 17 मीटर है। यह युद्धपोत अत्याधुनिक हथियारों से लैस है और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसे सेंसर से सुसज्जित है। इनमें अत्याधुनिक निगरानी रडार लगा हुआ है। इसके अलावा इस पर एंटी सबमरीन, रॉकेट लांचर्स, टॉरपीडो लांचर्स और एएसडब्ल्यू हेलिकॉप्टर भी तैनात हैं। यह युद्धपोत परमाणु, जैविक और रसायनिक युद्ध की स्थितियों में भी लड़ने के लिए सुसज्जित है। यह तीस समुद्री मील प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ सकता है। इस पर 300 कर्मी तैनात हैं।   
 

Created On :   18 Dec 2022 9:50 PM IST

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