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तालाबों के जिलेगोंदिया में गहराया जलसंकट, घटा जलस्तर
डिजिटल डेस्क, गोंदिया । तालाबों के जिले के नाम से पहचाने जाने वाले गोंदिया जिले में इस बार पेयजल संकट गहराने के आसार अभी से नजर आने लगे हैं। अल्प बारिश के चलते भूजल स्तर 1.32 मीटर घटा है जो भीषण जलसंकट का संकेत माना जा रहा है। बता दें कि जिले में अब तक पेयजल की गंभीर समस्या कभी निर्माण नहीं हुई थी।
भूजल सर्वेक्षण विभाग की टीम ने किया निरीक्षण
भूजल सर्वेक्षण विभाग की टीम ने जनवरी माह में जिले के सभी तहसीलों के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर भूजल स्तर का निरीक्षण किया। जिसमें पाया गया कि गत 5 वर्षों की तुलना में जितना भूगर्भ का जलस्तर नहीं गहराया था, उससे भी अधिक भूगर्भ का जलस्तर 1.32 मीटर तक गहराया है। जो भविष्यकालीन जल संकट के संकेत दे रहा है। आमगांव तहसील के 9 कुओं के जलस्तर का सर्वे किया गया। जिसमें गत 5 वर्षों में औसतन भूजलस्तर 6.45 मीटर था। जो इस वर्ष 7.9 मीटर तक गहराया है। 9 में से 6 कुओं का जलस्तर अधिक गहराया है। अर्जुनी मोरगांव तहसील के 13 कुओं के जलस्तर का निरीक्षण किया गया। जिसमें यह बात सामने आयी कि 13 में से 9 कुओं का जलस्तर काफी नीचे जा चुका है। वहां का भूजल स्तर 5.25 मीटर से बढ़कर 5.11 मीटर तक जा पहुंचा है। देवरी तहसील के 17 कुओं के जलस्तर का निरीक्षण किया गया। जिसमें 15 कुओं का जलस्तर अभी से ही कम हो चुका है। वहां का जलस्तर 4.87 मीटर से बढ़कर 5.69 मीटर तक गहराया है। गोंदिया तहसील के 10 कुओं के निरीक्षण में इन सभी कुओं का भूजल स्तर तेजी से घटने की बात सामने आयी है। वहां का जलस्तर भी 5.05 मीटर से बढ़कर 6.69 मीटर तक हो गया है। गोरेगांव तहसील के 3 कुओं का निरीक्षण किया गया। जिसमें पता चला है कि सभी 3 कुओं का जलस्तर तेजी से घट रहा है। चिंता का विषय यह है कि वहां का जलस्तर 5.70 मीटर से बढ़कर 8.77 मीटर तक पहुंच गया है। सड़क अर्जुनी तहसील के 11 कुओं का निरीक्षण किए जाने पर पता चला है कि 10 कुओं का जलस्तर काफी कम होते जा रहा है। वहां का भूजल स्तर 6.55 से बढ़कर 9.14 मीटर तक पहुंच गया है। सालेकसा तहसील के 7 कुओं का निरीक्षण किया गया। जिसमें 4 कुओं का भूजल स्तर बहुत ही कम पाया गया है। यहां का जलस्तर 6.33 से बढ़कर 6.44 तक पहुंच गया है। इसके अलावा तिरोड़ा तहसील में 9 कुओं का निरीक्षण किया गया। जिसमें से 8 कुओं का जलस्तर काफी नीचे जाने की बात बताई गई है। यहां का भूजलस्तर 5.13 से बढ़कर 6.18 मीटर तक हो चुका है। कुल मिलाकर गोंदिया जिले के 79 कुओं का निरीक्षण किए जाने पर जिले का भूजल स्तर औसतन 5.67 मीटर से बढ़कर 6.99 मीटर हो गया है। 79 में से 65 कुओं का भूजलस्तर कम हो गया है। गत 5 वर्ष की तुलना में इस वर्ष 1.32 मीटर जिले का भूजलस्तर कम हुआ है। ऐसे में उल्लेखनीय बात यह कि गत कई वर्षों के इतिहास में यह पहली बार हुआ है।
तालाबों का संवर्धन जरूरी
गोंदिया जिले के मिट्टी एवं पत्थर की गुणवत्ता के कारण कुएं के अंदर पानी के स्रोत (झरे) का प्रमाण अत्यल्प है। एक बार यहां के कुएं खाली हुए तो उन्हें भरने के लिए 3 से 4 दिन का समय लगता है। इसी बात को ध्यान में लेते हुए यहां के पूर्वजों ने जल संकट से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर तालाबों का निर्माण किया था। बावजूद अनदेखी के चलते जिले के सैकड़ों तालाबों का नामोनिशान मिट गया है। जल संकट से निपटने के लिए जिले के मामा तालाबों का संवर्धन करना जरूरी है। बोरवेल का प्रमाण दिनों दिन बढ़ने से भी भूजलस्तर कम होते जा रहा है।
बारिश के पानी का हो सदुपयोग
बारिश का पानी भूगर्भ में प्रवेश कराने के लिए उपाय योजना करना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर लाखों लीटर पानी व्यर्थ बह जाता है। यदि बारिश के पानी को भूगर्भ में प्रवेश कराया जाता है तो भूजलस्तर बढ़ सकता है। गत 5 वर्षों की तुलना में इस वर्ष जिले का भूजलस्तर 1,32 मीटर तक घटा है। भविष्य में जल संकट निर्माण न हो, इसलिए सभी ने सावधानी बरतने की जरूरत है।
- वाय.एस. वालदे, भू वैज्ञानिक, गोंदिया
Created On :   7 Feb 2018 12:40 PM IST