थर्ड जेंडर समुदाय का दर्द : हमसे कोई बात करना पसंद नहीं करता, हम भी समाज का हिस्सा हैं

We do not like to talk to us, we are also part of society
थर्ड जेंडर समुदाय का दर्द : हमसे कोई बात करना पसंद नहीं करता, हम भी समाज का हिस्सा हैं
थर्ड जेंडर समुदाय का दर्द : हमसे कोई बात करना पसंद नहीं करता, हम भी समाज का हिस्सा हैं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सभी इस बात को भूल जाते हैं कि समाज में थर्ड जेंडर समुदाय भी है, जिसे समाज में उतने ही अधिकार दिए जाने चाहिए, जितने कि आम आदमी को है।  Supreme Court के मुताबिक थर्ड जेंडर हमारे ही समाज का हिस्सा हैं और सरकार को इन्हें मुख्यधारा में जोड़ने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए। ये बातें सारथी ट्रस्ट के डायरेक्टर आनंद चन्द्रानी ने एचआईवी एवं मानवाधिकार कार्यशाला में बोली।

कार्यक्रम में थर्ड जेंडर कीी अगुवाई करते हुए प्रतिनिधियों ने अपना दर्द यूं बया किया, "हमसे कोई बात करना पसंद नहीं करता है। हमेशा हमें समाज से अलग रखा गया, इसमें हमारी क्या गलती। हमें भी भगवान ने ही बनाया है। हम एक नॉर्मल व्यक्ति की तरह सांस लेते हैं, पर हमें बचपन से इतना दबाकर कर रखा जाता है कि हमारी आवाज तेज हो जाती है। कुछ लोग ऐसे हैं, जो हमसे डरते हैं। मेरी समाज के लोगों से विनती है कि हमारा मजाक न बनाएं और हमें भी समाज में सिर उठा कर जीने की आजादी दें।" 

प्रोजेक्ट दीवा ऑफ ग्लोबल एचआईवी प्रोग्राम 

कार्यक्रम कें मुख्य अतिथि आर. के. शिवाजी रीजनल मैनेजर ऑफ़ वीएसएस-एमएसए दीवा ने बताया कि समाज में थर्ड जेंडर समुदाय को बहुत सी परेशानियों से जूझना पड़ता है। उनके पास पेट पालने के लिए कमाई का कोई साधन नहीं है, इसलिए वे शुभ अवसरों पर घर-घर जाकर कमाई करते हैं। समाज के कुछ लोग इनका मजाक बनाते हैं, पर ये उनका काम है। उन्हें भी समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने एचआईवी के बारे में भी जानकारी दी।

पुलिस का महत्वपूर्ण योगदान 

सारथी के निकुंज जोशी ने बताया कि इस कार्यशाला के दौरान पुलिस अधिकारियों को बुलाया गया, क्योंकि अगर किसी व्यक्ति को कोई परेशानी होती है, तो वह सबसे पहले पुलिस के पास ही जाता है। पुलिस अधिकारी तुरंत उस पर कार्रवाई करते हैं। इस तरह वे थर्ड जेंडर लोगों की शिकायतों पर जागरूक रहें, ताकि उन्हें कोई भी परेशानी न हो और थर्ड जेंडर को उसकी शिकायत  पर जल्द से जल्द इंसाफ मिले। कार्यशाला के दौरान एडवोकेट पी. फिलोमीना जोसेफ नागपुर बेंच ऑफ बॉम्बे हाईकोर्ट एंड डीएलएसए मेम्बर और अमित टेंभूरे टेक्नीकल सपोर्ट यूनिट मौजूद रहे।

                                                

Created On :   31 July 2017 7:40 PM IST

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