मानसून में देरी की वजह बन सकता है निसर्ग चक्रवात, विदर्भ में बारिश के बाद मौसम हुआ सुहाना

Weather in Vidarbha is pleasant after rain
मानसून में देरी की वजह बन सकता है निसर्ग चक्रवात, विदर्भ में बारिश के बाद मौसम हुआ सुहाना
मानसून में देरी की वजह बन सकता है निसर्ग चक्रवात, विदर्भ में बारिश के बाद मौसम हुआ सुहाना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। निसर्ग चक्रवात का असर नागपुर में दिखने लगा है और रात में बारिश के साथ ही तेज हवाओं के चलने की आशंका है। नागपुर की अपेक्षा चक्रवात का अधिक असर पश्चिम विदर्भ में देखने को मिलेगा। मौसम विभाग का अनुमान है कि चक्रवात की वजह से मानसून में देरी हो सकती है। हालांकि यदि मानसून को समय मिल गया तो वह समय पर भी पहुंच सकता है। उपमहानिदेशक मौसम विभाग एम.एल.साहू के मुताबिक चक्रवात को समुंदर से बल मिलता है और मानसून को भी समुंदर से बल मिलता है। इन दोनों के समय के पास-पास होने से मानसून में देरी की आशंका रहती है लेकिन मानसून का प्रभाव कमजोर या अधिकता का संकट नहीं रहता है।

एक तरफ जहां अरब सागर से उठे चक्रवर्ती तूफान निसर्ग ने राज्य के तटीय इलाकों में कहर बरपाया, वहीं उपराजधानी में बुधवार सुबह से ही बारिश होने लगी। जिसने मौसम ठंडा कर दिया, गर्मी से लगातार राहत मिल रही है। गुरुवार को तेज हवाओं के साथ तेज बारिश की संभावना है। बुधवार को दिनभर आसमान में बादल छाए रहे और कुछ देर के लिए सूर्यदेव निकने, लेकिन बादलों की वजह से फिर छुप गए।

सुबह के बाद शाम को भी झमाझम बारिश हुई जिसने मौसम सुहाना बना दिया। पारा भी 32 पर बना हुआ है, सुबह में आसमान में बादल की वजह से शाम जैसे मौसम लग रहा था। बुधवार को 22.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

मंगलवार को अधिकतम तापमान 32.7 डिग्री सेल्सियस था। न्यूनतम तापमान 22.4 डिग्री सेल्सियस था। बुधवार को न्यूनतम तापमान में 1.1 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की वजह से न्यूनतम तापमान 21.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया जो औसत तापमान से 7.4 डिग्री सेल्सियस कम है। अधिकतम और न्यूनतम दोनों ही तापमान में औसत 7 डिग्री से अधिक कम है। जिसकी वजह से गर्मी से अच्छी राहत मिल रही है।

बुधवार को बारिश की संभावना होने के साथ ही गुरुवार को अच्छी बारिश की संभावना है जो अगले कुछ दिनों से गर्मी से बड़ी राहत देख सकता है। बुधवार के बाद गुरुवार को उपराजधानी के साथ ही विदर्भ में अच्छी बारिश की संभावना है। बुधवार को 22.8 डिग्री सेल्सियस बारिश दर्ज की गई है। इसके साथ ही अकोला, अमरावती, चंद्रपुर, ब्रह्मपुरी, गोंदिया, वर्धा और यवतमाल में भी अच्छी बारिश हुई है।

विदर्भ में बारिश

विदर्भ में कुछ हिस्सों में रविवार शाम झमाझम वर्षा होने की जानकारी मिली है। यवतमाल, वर्धा, चंद्रपुर, गड़चिरोली, भंडारा तथा गोंदिया में शाम ढलते ही आसमान पर काली घटाओं ने डेरा जमाया। देखते ही देखते जोरदार वर्षा शुरू हो गई। चंद्रपुर जिले में सुबह से ही आसमान बादलों से पटा हुआ था। कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हुई। शाम होते-होते जोरदार बारिश शुरू हो गई। मौसम में आए बदलाव के कारण गर्मी और उमस से परेशान नागरिकों को कुछ हद तक राहत मिली। 

धरती से टकराया चक्रवर्ती तूफान निसर्ग

अरब सागर से उठा चक्रवर्ती तूफान निसर्ग अलीबाग के पास बुधवार दोपहर 12:30 बजे के करीब धरती से टकराया। पहले आशंका थी कि मुंबई में चक्रवात के दौरान 100 से 120 किलोमीटर की तेजी गति से हवाएं चलेंगी, लेकिन जोर कम होने के चलते महानगर में 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही हवाएं चलीं। जानकारों के मुताबिक अगर निसर्ग ने दिशा नहीं बदली होती तो मुंबई में बड़ा नुकसान हो सकता था। मुंबई महानगर पालिका द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मुंबई में पेड़ गिरने की 196 घटनाएं सामने आई। कई पेड़ वाहनों पर गिरे। इसके अलावा 9 घरों की दीवारें गिरी है। शॉर्ट सर्किट की 39 घटनाएं हुई। लेकिन इन घटनाओं में कोई हताहत नहीं हुआ। शाम 5:30 बजे तक कोलाबा में 46 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी जबकि सांताक्रुज में करीब 23 मिलीमीटर बारिश हुई। चक्रवात के मद्देनजर मुंबई महानगर पालिका ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए 35 सुरक्षित ठिकाने बनाए थे जहां 18887 लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था की गई। जिन लोगों में कोरोना के लक्षण थे उनके लिए अलग रहने की व्यवस्था की गई थी। चक्रवात मुंबई से उत्तर की ओर नासिक और अहमदनगर जिलों की ओर बढ़ गया जिसके चलते मुंबईकरो ने राहत की सांस ली है। हालांकि मुंबई में गुरुवार सुबह भी तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश का अनुमान है।

नुकसान का लिया जा रहा जायजा-थोरात

चक्रवात में सबसे सबसे ज्यादा नुकसान रायगढ़ जिले के मुरुड और श्रीवर्धन  में हुआ है। नुकसान का पंचनामा किया जा रहा है और जनजीवन सामान्य बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। राज्य के  राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने बुधवार को यह जानकारी दी। थोरात ने बताया कि चक्रवात के चलते कई जगहों पर पेड़ और बिजली के खंभे गिरे है जिसके चलते बिजली आपूर्ति पर असर पड़ा है। प्रशासन स्थिति पूर्ववत करने के लिए जी-जान से कोशिश कर रहा है। थोरात ने कहा कि चक्रवात की दिशा को देखते हुए पुणे नासिक और अहमदनगर जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है। लोगों से भी प्रशासन के सुझाव के मुताबिक एहतियात बरतने को कहा गया है।  

 

Created On :   3 Jun 2020 6:11 PM IST

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