भेंट में मिली ट्रायसिकल के पहिये थमे, दिव्यांगों की बढ़ी मुसीबत

Wheels of the tricycle found in the gift stopped, the problems of the disabled increased
भेंट में मिली ट्रायसिकल के पहिये थमे, दिव्यांगों की बढ़ी मुसीबत
गोंदिया भेंट में मिली ट्रायसिकल के पहिये थमे, दिव्यांगों की बढ़ी मुसीबत

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. जिले के 34 दिव्यांगों को बैटरी चलित ट्रायसिकल भेंट के स्वरूप में वितिरत की गई थी। जिससे दिव्यांग अपना काम करने के लिए गांव से मुख्यालय तथा विभिन्न कामों से अपने गतंव्य तक पहुंचने के लिए ट्रायसिकल से यात्रा कर रहे थे। लेेकिन कुछ माह में ही बैटरी चलित ट्रायसिकल के चार्जरों में तकनीकी खराबी आ गई। गोंदिया में चार्जरों को दुरुस्त करने की सुविधा उपलब्ध नहीं होने से ट्रायसिकल के पहिये थम गए हैं। जिस कारण दिव्यांगों को अब दूसरों का सहारा लेना पड़ रहा है। दिव्यांगों ने मांग की है कि बैटरी चलित ट्रायसिकल दुरुस्ती की सुविधा एक तो शासन के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए या मुख्यालय में दुरुस्ती की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। बता दें कि जून 2022 माह में जिले के लगभग 34 दिव्यांगों को एक आयोजित कार्यक्रम में बैटरी चलित ट्रायसिकल का वितरण किया गया था। दिव्यांगों को ट्रायसिकल मिलने से उनके चेहरों पर खुशियां झलक उठी और उनमंे उत्साह निर्माण हो गया कि ट्रायसिकल के माध्यम से अपना काम करने के लिए 40 से 50 किमी. का सफर तय कर आत्मनिर्भर बन गए। लेकिन कुछ ही दिनों में अधिकांश ट्रायसिकलों में लगे चार्जर में तकनीकी गड़बड़ी आने से ट्रायसिकल चार्ज होना बंद हो गई। चार्जिंग नहीं होने के कारण संबंधित दिव्यांगों ने चार्जर दुरुस्त कराने के लिए गोंदिया, नागपुर तक दौड़ लगाई लेकिन कहीं पर भी दुरुस्ती की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई। अब यह दिव्यांग अपना काम करने के लिए दूसरों पर निर्भर हो गए हैं।

मांग की गई है कि चार्जर दुरुस्ती की सुविधा एक तो शासन उपलब्ध कराए या जिले के मुख्यालय में दुरुस्ती की दुकान उपलब्ध कराए ताकि बैटरी चलित ट्रायसिकलों की दुरुस्ती हो सके। 

दुरुस्ती की सुविधा उपलब्ध नहीं

सुनील ठाकुर, ट्रायसिकल, लाभार्थी के मुताबिक मुझे विगत जून माह में एक आयोजित कार्यक्रम में बैटरी चलित ट्रायसिकल भेंट स्वरूप दी गई। इस ट्रायसिकल के माध्यम से समय पर अपने काम पूरे किए गए, लेकिन ट्रायसिकल की बैटरी चार्जिंग में तकनीकी खराबी आने से ट्रायसिकल पिछले 4 माह से बंद पड़ी है। दुरुस्ती के लिए कानपुर, नागपुर, गोंदिया के दुकानों से संपर्क किए गए, लेकिन सुविधा उपलब्ध नहीं है। गोंदिया में इस तरह की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग दिव्यांग संगठन द्वारा की गई है।


 

 

Created On :   26 Dec 2022 8:05 PM IST

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