संघ के मंच पर जब प्रणब दा ने रखा था नेहरू और पटेल का आदर्श 

When Pranab da laid the ideal of Nehru and Patel on the stage of RSS
संघ के मंच पर जब प्रणब दा ने रखा था नेहरू और पटेल का आदर्श 
संघ के मंच पर जब प्रणब दा ने रखा था नेहरू और पटेल का आदर्श 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारतीय राजनीति में अपने व्यक्तित्व की अमिट छाप छोड़ चुके पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी विचारों व उसूलों के लिए भी याद किए जाएंगे। 2014 से 2018 तक 4 बार वे नागपुर आए। अलग-अलग कार्यक्रमों में पहचान छोड़ गए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय में उका पहुंचना सबसे अधिक चर्चा में रहा। विविध तर्कों-बयानों से अलग उन्होंने संघ के मंच पर जवाहरलाल नेहरू व सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन आदर्श को रखा। 7 जून 2018 को संघ के रेशमबाग मैदान में दीक्षांत समारोह में प्रणब मुखर्जी शामिल हुए थे। सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत के साथ उन्होंने मंच साझा किया था। हालांकि उस समय वे राष्ट्रपति पद पर नहीं थे। कार्यकाल पूरा कर चुके थे। उनके संघ मुख्यालय के दौरे को लेकर विविध राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि आलोचना भरी प्रतिक्रियाएं देने लगे थे। कांग्रेस में भी आलोचकों की कमी नहीं थी। प्रणब मुखर्जी जब राष्ट्रपति थे तब सरसंघचालक डॉ.भागवत ने राष्ट्रपति भवन में जाकर उनसे मुलाकात की थी। लिहाजा कहा जाने लगा था कि राष्ट्रपति रहते हुए ही मुखर्जी का झुकाव संघ की ओर हो गया था। 

संघ के मंच पर कहा-देश की बात करने आया हूं

संघ के दीक्षांत समारोह के लिए मुखर्जी दो दिन नागपुर में थे। समारोह में मुखर्जी की नसीहत सी बेबाकी कईयों की जुबान बंद कर गई। उन्होंने संघ के मंच से कहा-मैं यहां देशभक्ति समझाने आया हूं। देश की बात करने आया हूं। भेदभाव और नफरत में भारत को खतरा है। नेहरू ने कहा था सबका साथ जरूरी है। सरदार वल्लभभाई पटेल का जिक्र करते हुए उन्होंने यह भी कहा था कि संविधान में आस्था ही असली देशभक्ति है। विविधता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हमारा राष्ट्रवाद वसुधैव कुटुम्बकम, सर्वे भवंतु सुखिन: के भाव पर आधारित है। भारत की आत्मा बहुलता व सहिष्णुता में बसती है। 

गोंदिया में कहा-अर्थ व्यवस्था की रीढ़ को न भूलें

प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति रहते हुए 9 फरवरी 2014 को भी यहां आए थे। तब राज्य में पृथ्वीराज चव्हाण मुख्यमंत्री थे। केंद्रीय कपास अनुसंधान नागपुर के वर्धा मार्ग स्थित केंद्र में कृषि वसंत प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। राष्ट्रपति मुखर्जी के साथ तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार उस समारोह में शामिल हुए थे। उसी दिन गोंदिया में प्रफुल पटेल के आमंत्रण पर विद्यार्थियों के सत्कार कार्यक्रम में भी मुखर्जी शामिल हुए थे। कृषि व किसान पर बोलते हुए मुखर्जी ने सरकारों से कहा था कि देश की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ को न भूलें। किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार काम करे। 

विद्यार्थियों से कहा था-अपने ज्ञान को अपग्रेड करें

15 सितंबर 2015 को विश्वेश्वरैया प्रौद्याेगिकी संस्था नागपुर के 13वें दीक्षांत समारोह में प्रणब मुखर्जी शामिल हुए थे। उन्होंने मोटिवेशनल गुरु की तरह युवाओं को विकास व सफलता के मंत्र दिए। जोर देकर कहा था- शिक्षा, विशेषकर तकनीकी शिक्षा समाज में आर्थिक , सामाजिक एवं राजनैतिक बदलाव लाने का जरिया है। शिक्षा प्रणाली में बदलाव का आह्वान करते हुए कहा था कि तकनीकी शिक्षा के अनुरूप पढ़ाई होनी चाहिए। विद्यार्थियों से कहा था-अपने ज्ञान को अपग्रेड करें। विज्ञान तकनीकी व समाज के बीच डोर का काम करें। मनपा में उनके आतिथ्य की तारीख चूकती रही, लेकिन जब वे आए तो अपनी उपस्थिति से विकास की नई राह दिखा गए। 
 

Created On :   31 Aug 2020 10:27 PM IST

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