जब महिला विधायक की आंखों से छलके आंसू

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नाशिक की देवलाली विधानसभा सीट से राकांपा विधायक सरोज अहिरे सोमवार से शुरू हुए विधानमंडल सत्र में अपने चार महीने के बेटे को लेकर पहुंची। हालांकि विधानमंडल परिसर में साफसुथरा पालनाघर न होने के चलते उन्हें बच्चे को लेकर वापस लौटना पड़ा। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उनके आंसू छलक पड़े। अहिरे ने बताया कि उन्होंने विधानभवन में पालनाघर के लिए संबंधित अधिकारी को पत्र भी दिया था लेकिन इसके बावजूद इसकी व्यवस्था नहीं की गई। अहिरे ने कहा कि मैं पालनाघर कक्ष में मैं गई तो वहां धूल जमी हुई थी। मैं अपने बीमार बच्चे को वहां नहीं छोड़ सकती थी, इसलिए मुझे सत्र छोड़कर वापस जाना पड़ रहा है। अहिरे ने कहा कि मैंने आठ दिन पहले पालनाघर की व्यवस्था के लिए पत्र लिखा था। विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात नहीं हो पाई इसलिए यह पत्र प्रधान सचिव को सौंपा था। पालनाघर की व्यवस्था की गई है, लेकिन अहिरे का आरोप है कि वह साफ सुथरा नहीं है और वहां धूल जमी हुई थी। सिर्फ एक कमरा खाली कर कुर्सी टेबल रख दिया गया है। वहां बच्चे को सुलाने की व्यवस्था नहीं थी।
राकांपा विधायक अहिरे ने कहा कि अगर बीड़ से विधायक नमिता मुंदडा इतना लंबा सफर कर अपने छोटे बच्चे को लेकर विधान भवन पहुंची तो उन्हे भी उसी परेशानी का सामना करना पड़ेगा जिसका मैं कर रही हूं। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा बीमार है उसकी दवाएं चल रहीं हैं फिर भी इलाके के लोगों के सवालों को लेकर मैं सत्र में शामिल होने पहुंची थी। लेकिन एक मां होने के नाते बच्चे को ऐसी गंदी जगह पर छोड़कर मैं काम नहीं कर पाऊंगी।
नागपुर में थी पालनाघर की व्यवस्था
अहिरे ने कहा कि इससे पहले मैं नागपुर अधिवेशन में भी बच्चे को लेकर पहुंची थी उस समय वह ढाई महीने का था। वहां पालनाघर की व्यवस्था थी इसलिए कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जब विधान भवन का यह हाल है तो दूसरी जगहों पर किस तरह की व्यवस्था की उम्मीद सरकार से की जा सकती है। अहिरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत से मांग की कि राज्य के सभी कार्यालयों में महिलाओं के लिए पालनाघर की व्यवस्था की जाए।
Created On :   27 Feb 2023 8:58 PM IST