दलीय राजनीति से हटकर क्यों नहीं होता स्नातक चुनाव - अणे

Why graduate elections do not go beyond party politics: Anne
दलीय राजनीति से हटकर क्यों नहीं होता स्नातक चुनाव - अणे
दलीय राजनीति से हटकर क्यों नहीं होता स्नातक चुनाव - अणे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ राज्य आघाड़ी के संस्थापक व राज्य के पूर्व महा अधिवक्ता श्रीहरि अणे ने विधान परिषद की स्नातक निर्वाचन सीट के चुनाव को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि स्नातक निर्वाचन का उद्देश्य ही पूरा होते नहीं दिख रहा है। स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव अन्य चुनाव से अलग होता है। इसमें राजनीतिक दल की भूमिका अपेक्षित नहीं रहती है, लेकिन केवल अपना एजेंडा चलाने के लिए राजनीतिक दल उम्मीदवार खड़े करते हैं। श्री अणे ने सवाल किया है कि स्नातक चुनाव दलीय राजनीति से हटकर क्यों नहीं होता है। 

विदर्भ को भूल गए

विदर्भ राज्य की मांग को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि स्थापित दल विदर्भ को भूल गए हैं। विदर्भवादी संगठन के समर्थक उम्मीदवार के समर्थन में श्री अणे ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में ऑनलाइन संवाद किया। उन्होंने कहा कि स्नातक चुनाव में भी राजनीतिक दल अपनी सुविधा के अनुसार उम्मीदवार रखते हैं। ऐसे ही रहा तो इन सीटों के लिए अलग से चुनाव कराने की क्या आवश्यकता है। इस सीट से चुने जाने वाले विधायक से अपेक्षा की जा सकती है कि वह किसी राजनीति दल से बंधकर न रहेे। 

काउंटिंग प्रक्रिया पारदर्शी व निष्पक्ष रखें : डॉ. संजीव कुमार

उधर विभागीय आयुक्त व चुनाव निर्णय अधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने नागपुर विभाग स्नातक निर्वाचन क्षेत्र चुनाव की काउंटिंग प्रक्रिया पारदर्शी, अनुशासित व निष्पक्ष तरीके से पूर्ण करने के निर्देश प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों को दिए। चुनाव निरीक्षक एस.आर वी. श्री निवासन ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को भेंट दी। 1 दिसंबर को मतदान होगा आैर 2 दिसंबर को मतगणना का प्रात्यक्षिक (मॉकड्रिल) होगा। 3 दिसंबर को काउंटिंग होगी। डॉ. संजीव कुमार कविवर्य सुरेश भट सभागृह में नागपुर विभाग स्नातक निर्वाचन क्षेत्र चुनाव प्रक्रिया के मतगणना के तीसरे प्रशिक्षण कार्यक्रम  में बोल रहे थे। इस दौरान नागपुर विभाग के सभी जिलाधीश, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उपजिलाधीश, उपविभागीय अधिकारी उपस्थित थे।  उपजिलाधीश  निशिकांत सुके ने 3 दिसंबर को होने वाली मतगणना प्रक्रिया की जानकारी  संबंधितों को दी। मतगणना में 28 टेबल लगेंगे। पहले पोस्टल बैलेट खोले जाएंगे। डिक्लेरेशन व पोस्टल बैलेट अलग-अलग किए जाएंगे।  डिक्लेरेशन नहीं होने, फटे होने, संदिग्ध रहे,  तो अलग पेटी में रखे जाएंगे। इसके बाद उसकी जांच की जाएगी। मतगणना सेंटर में मोबाइल या टैब ले जाना मना है। हर टेबल पर बैलेट पेटी रहेगी।  मतगणना प्रक्रिया सुबह 7.30 बजे शुरू होगी। उम्मीदवारों के  प्रतिनिधियों के साथ चर्चा या मत प्रदर्शन करना मना है। कोई विवाद खड़ा न हो, इसका िवशेष ख्याल रख जाएगा। चुनाव में कुल  19 उम्मीदवार होने से  19 पेटियां रहेंगी आैर संदिग्ध बैलेट के लिए 1 ऐसी कुल 20 बॉक्स होंगे। पहली पसंद के वोट को काउंटिंग में प्राथमिकता दी जाएगी। पसंद के एक ही उम्मीदवार के आगे 1, 2, 3 लिखा तो वोट  अवैध समझा जाएगा। जामुनी स्याही के पेन से ही लिखना होगा। पहली पसंद नहीं दिखाई, तो वोट अवैध होगा। पोस्टल बैलेट से वोट करने पर वोटर किसी भी पेन से पहली पंसद का मत दे सकता है। 
 

Created On :   28 Nov 2020 3:25 PM IST

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