हाईकोर्ट की पुलिस को फटकार, पूछा- ध्वनि प्रदूषण पर हुई FIR में सांसद का नाम दर्ज क्यों नहीं?

Why not enter MPs name on FIR in noise of pollution - High Court
हाईकोर्ट की पुलिस को फटकार, पूछा- ध्वनि प्रदूषण पर हुई FIR में सांसद का नाम दर्ज क्यों नहीं?
हाईकोर्ट की पुलिस को फटकार, पूछा- ध्वनि प्रदूषण पर हुई FIR में सांसद का नाम दर्ज क्यों नहीं?

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण से जुड़ी एफआईआर में सांसद को नामजद न किए जाने को लेकर पुलिस को फटकार लगाई है। कल्याण के शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ध्वनि प्रदूषण से जुड़े नियमों के उल्लंघन का आरोप है। कोर्ट ने सवाल किया कि अगर शिंदे कार्यक्रम के आयोजक थे तो एफआईआर में उनका नाम क्यों नहीं है। साथ ही अदालत ने शिंदे से भी अपना पक्ष रखने को कहा है।

ठाणे के अंबरनाथ इलाके में पिछले साल मई महीने में आयोजित एक कार्यक्रम में ध्वनि प्रदूषण से जुड़े नियमों का उल्लंघन किया गया था। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। लेकिन इसमें पर्यावरण संरक्षण कानून की संबंधित धाराएं नहीं लगाईं गईं थीं जिसके तहत कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। यही नहीं आयोजक शिंदे का नाम भी इस एफआईआर में नहीं था। मामले में पुलिस ने कुछ लोगों के खिलाफ ध्वनि प्रदूषण से जुड़े कानून के तहत शिकायत दर्ज की थी जिसमें 200 रुपए जुर्माने का प्रावधान है। न्यायमूर्ति एएस ओक और न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने कहा कि ऐसे मामलों को किस तरह संभाला जाए पुलिस के पास इसकी बुनियादी जानकारी ही नहीं है। हम लगातार आदेश और निर्देश दे रहे हैं लेकिन पुलिस जानबूझ कर ऐसे लोगों को बचा रही है जो असली गुनहगार हैं।

कोर्ट ने सवाल किया कि सार्वजनिक रूप से बांटे गए पर्चे में साफ लिखा था कि कार्यक्रम के आयोजक श्रीकांत एकनाथ शिंदे हैं फिर उनका नाम एफआईआर में क्यों नहीं डाला गया। हमें लगता है कि राज्य सरकार ध्वनि प्रदूषण से जुड़े नियमों को कड़ाई से लागू ही नहीं करना चाहती। अदालत ने शिंदे को मामले में हलफनामा दाखिल करने को कहा। साथ ही जानना चाहा कि क्या ऐसे मामलों में किसी निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होता है।

न्यायमूर्ति ओक ने सवाल किया कि अगर सांसद कार्यक्रम के आयोजक थे तो उन्होंने इतनी रात को लाउड स्पीकर बजाने की इजाजत कैसे दी। अगर आपका आयोजन से लेना देना नहीं था तो हलफनामें में इसकी जानकारी दें। मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। बता दें कि श्रीकांत शिंदे कल्याण से शिवसेना सांसद हैं और उनके पिता एकनाथ शिंदे राज्य में कैबिनेट मंत्री हैं। 

 

Created On :   27 Jun 2018 3:39 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story