सिंधी खत्री जाति को ओबीसी में शामिल करने का स्पष्टीकरण क्यों नहीं हुआ जारी

Why the explanation for inclusion of Sindhi Khatri caste in OBC was not issued
सिंधी खत्री जाति को ओबीसी में शामिल करने का स्पष्टीकरण क्यों नहीं हुआ जारी
मामले में अगली सुनवाई 13 सितंबर को सिंधी खत्री जाति को ओबीसी में शामिल करने का स्पष्टीकरण क्यों नहीं हुआ जारी



डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से पूछा है कि सिंधी खत्री जाति को ओबीसी की सूची में शामिल करने का स्पष्टीकरण स्टेट सूची में क्यों नहीं जारी किया गया। इस मामले में अगली सुनवाई 13 सितंबर को नियत की गई है।
यह जनहित याचिका गुरुनानक कॉलोनी सागर निवासी डॉ. कोमल सिंधी खत्री ने दायर की है। याचिका में कहा गया कि केन्द्र सरकार ने ओबीसी की जाति के संबंध में वर्ष 1999 में कमीशन का गठन किया था। कमीशन ने अपनी अनुशंसा में कहा था कि सिंधी खत्री ओबीसी में शामिल रंगरेज और छीपा जाति के अंतर्गत आते हैं। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2000 में कमीशन की अनुशंसा के संबंध में केन्द्रीय सूची में स्पष्टीकरण जारी कर दिया। अधिवक्ता अशोक लालवानी ने तर्क दिया कि राज्य सरकार ने स्टेट सूची में स्पष्टीकरण को जारी नहीं किया। वर्ष 2014 में केन्द्रीय कमीशन ने दोबारा सिंधी खत्री जाति के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया, लेकिन दोबारा भी स्पष्टीकरण को स्टेट सूची में शामिल नहीं किया गया। इससे सिंधी खत्री जाति को ओबीसी का लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब माँगा है।

Created On :   12 Aug 2021 11:12 PM IST

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