शराब विक्रेता के घर मिले वन्यजीवों के अंग और जीवित मोर

डिजिटल डेस्क, देवरी (गोंदिया). नागझिरा नवेगांव टाइगर रिजर्व के अधिकारियों एवं विशेष बाघ सुरक्षा बल द्वारा पुलिस विभाग की मदद से वन्यजीवों का शिकार और अंगों की तस्करी संबंधी मिली गुप्त सूचना के आधार पर रविवार, 26 फरवरी को देवरी तहसील के ग्राम पालांदुर जमीदारी में रहनेवाले अवैध शराब विक्रेता रवि बोडगेवार के मकान पर संयुक्त रूप से छापामार कार्रवाई कर कुल 22 लाख रुपए की नकद समेत बड़ी मात्रा में संरक्षित वन्यजीवों के अवशेष व अवैध शराब बरामद की गई थी। इसी मामले में जांच के दौरान सोमवार,27 फरवरी को देवरी तहसील के ग्राम मंगेझरी से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों में शामलाल मडावी, दिवास कोल्हारे, माणिक ताराम और अशोक गोटे शामिल होकर सभी ग्राम मंगेझरी निवासी है। इस मामले में अब तक कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जांच के दौरान शिकारियों द्वारा दुर्लभ काले तेंदुए का शिकार करने की जानकारी मिली हंै। पुलिस को संदेह है कि इस गिरोह में कुछ अन्य लोग शामिल हो सकते हैं। मुख्य आरोपी रवि बोडगेवार के घर से मिले लाखों रुपए वन्यजीवों के अंगों की तस्करी द्वारा ही जमा किए जाने का अनुमान जताया जा रहा है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की जा रही हैं। इससे अनेक खुलासे होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। रविवार व सोमवार को की गई कार्रवाई में पुलिस ने 22 पेटी देशी शराब, 22 लाख रुपए की नगद सहित बाघ एवं तेंदुए के 2 दात, 1 नाखून, भालू के 3 नाखून, जंगली सुअर के दात एवं बाल, जंगली बिल्ली के पंजे, तार का फंदा, 1 जीवित मोर एवं मोर पंख का बंडल, बड़ी मात्रा में जानवरों की हड्डियां एवं अन्य अवशेष जब्त किए है। इस मामले में उक्त सभी आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। आगे की छानबीन शुरू है।
देवरी वन क्षेत्र बना शिकार और तस्करी का केंद्र
घने जंगलों से घिरे देवरी तहसील का दक्षिणी हिस्सा नवेगांवबांध-नागझिरा टाइगर रिजर्व है। क्षेत्र के मंगेझरी, पीतांबरटोला रिजर्व फॉरेस्ट में तंेदुआ, भालू, बायसन, चीतल सहित अनेक संरक्षित वन्यजीव बड़ी संख्या में पाए जाते हंै। ऐसे में देवरी वन क्षेत्र यह शिकार और तस्करी का केंद्र बना है। आए दिन बिजली का तार लगाकर जंगली सुअरों, चीतल, सांभर जैसे वन्यजीवों के शिकार की घटनाएं अक्सर सामने आते रहती है। लेकिन बड़ी संख्या में संरक्षित वन्यजीवों के अंगों के पकड़े जाने का संभवत: यह पहला मामला है। इस मामले में जांच के दौरान अन्य लोगों के शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। फिलहाल वन विभाग एवं पुलिस के अधिकारी भी कार्रवाई से संबंधित अधिक जानकारी देने से इसलिए बचते दिखाई पड़ रहे है, ताकि इसका जांच कार्य पर कोई विपरीत प्रभाव न पड़े।
Created On :   28 Feb 2023 6:58 PM IST