विनर्स टॉक- सफलता के लिए प्रयास सही दिशा और ईमानदारी से करें

Winners Talk - Make efforts for success with right direction and honesty
विनर्स टॉक- सफलता के लिए प्रयास सही दिशा और ईमानदारी से करें
बालाघाट के राहुल देशमुख और वारासिवनी के आदित्य पटले ने क्लीयर की यूपीएससी, साझा किए अनुभव विनर्स टॉक- सफलता के लिए प्रयास सही दिशा और ईमानदारी से करें

डिजिटल डेस्क बालाघाट।  कहते हैं अगर मन में कुछ हासिल करने का जÓबा हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। इस वाक्य को सच कर दिखाया है जिले के दो होनहार युवकों ने, जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर सफलता हासिल की है। परिणाम आते ही दोनों परिवारों में जश्न जैसा माहौल है। बालाघाट के गायखुरी में रहने वाले राहुल देशमुख ने 49 वीं रैंक हासिल की है। इसके बाद राहुल के प्रशासनिक अधिकारी बनने की राह आसान हो गई है। राहुल पिछले पांच साल से इस परीक्षा की तैयारी में पूरी मेहनत और शिद्दत के साथ जुटे थे। राहुल ने बताया कि उन्होंने पांचवें अटैम्प्ट में ये सफलता हासिल की है। इससे पहले राहुल तीन बार इंटरव्यू राउंड तक पहुंच चुके थे लेकिन शायद उन्हें सफल होने के लिए इस दिन का इंतजार करना था। आखिरकार राहुल और उनके परिवार का सपना सच हो गया।
फैमिली के हर मेंबर का मिला सपोर्ट
राहुल ने बताया कि इस सफलता के पीछे मेरी मेहनत के अलावा फैमिली के हर मेंबर का हर मोड़ पर सपोर्ट और मोटिवेशन भी है। राहुल ने कहा मैंने 2015 में आईआईटी धनबाद से बीटेक किया और दिल्ली में इंडियन ऑइल कॉर्पोशन में बतौर मार्केटिंग ऑफिसर की जॉब की। अ"छा पैकेज, बेहतर फैसिलिटी के बीच दो साल कंपनी में जॉब की लेकिन मन में यूपीएससी की तैयारी करने का विचार पहले से था। दो साल जॉब करने के बाद 2017 में रिजाइन देकर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। दो साल दिल्ली में भी रहा, लेकिन फुल फ्लैश कोचिंग कहीं नहीं की। सेल्फ स्टडी पर भरोसा रखा और रोज 10 से 12 घंटे रेगुलर स्टडी जारी रखी।
परीक्षा देने मम्मी साथ जाती थीं
49वीं रैंक हासिल करने वाले राहुल देशमुख ने बताया कि बिना फैमिली के सपोर्ट के कभी कोई सफलता हासिल नहीं की जा सकती है। इसमें छोटे भाई लावण्य देशमुख ने मुझे हमेशा मोटिवेट किया। वो मेरी तैयारी को लेकर हमेशा सीरियस रहता था। वहीं, मम्मी विभा देशमुख ने तैयारी के दौरान मेरी सेहत का हमेशा ख्याल रखा। साथ ही जब भी मैं परीक्षा देने बाहर जाता तब मेरी मम्मी हमेशा साथ होती थीं। बता दें कि राहुल के पिता सीबी देशमुख उद्यानिकी विभाग में पदस्थ हैं।
पढ़ाई का तनाव नहीं लिया, सोच पॉजिटिव रखी
राहुल ने कहा कि यूपीएससी की तैयारी के लिए अ"छी जॉब छोडऩा वाकई बड़ा और चुनौतीपूर्ण फैसला था। शुरुआती दिन थोड़े तनावभरे भी रहे। पहले की अटैम्प्ट में सफलता हाथ नहीं लगी तो निराश नहीं हुआ बल्कि अपनी कमियों को दूर किया। मैंने पूरी तैयारी के दौरान कभी तनाव नहीं लिया। मेरा मानना है कि किसी सफलता के लिए अगर आप सही दिशा में तैयारी कर रहे हैं तो सक्सेस जरूरी मिलेगी। यही मेरे साथ हुआ। मैंने पढ़ाई के बाद स्ट्रेस दूर करने के लिए छोटे भाई के साथ वॉक पर जाता था। मोबाइल देखना, टीवी देखना जैसे रूटीन काम पॉजिटिव सोच के साथ करता रहा।
जॉब छोड़कर तैयारी की, मिली 75वीं रैंक
यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर कीर्तिमान रचने वाले जिले के आदित्य पटले की सफलता की राह राहुल देशमुख से मिलती-जुलती है।
आदित्य पटले के पिता ज्ञानीराम पटले वर्ष 2018 में मंडला से जॉइंट कलेक्टर के पद से रिटायर हुए थे। वर्तमान में पटले परिवार वारासिवनी के गंगोत्री कॉलोनी में निवासरत है। आदित्य के पिता ज्ञानीराम पटले ने बताया कि बेटा शुरू से यूपीएससी क्लीयर करना चाहता था। ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद वह पुणे में बजाज कंपनी में जॉब कर रहा था, लेकिन अचानक उसने वर्ष 2018 में नौकरी छोड़ दी और घर आ गया। मैंने उसके फैसला का सम्मान किया और यूपीएससी की तैयारी के लिए प्रेरित किया। अपने तीसरे प्रयास में बेटे की सफलता रंग लाई।

 

Created On :   30 May 2022 11:29 PM IST

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