साल 2022-23 की सर्दी पिछले चार वर्षों में रही सबसे अधिक प्रदूषित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. पश्चिमी राज्यों में महाराष्ट्र और गुजरात के लिए साल 2022-23 की सर्दी पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक प्रदूषित रही है। विज्ञान और पर्यावरण केंद्र (सीएसई) द्वारा प्रदेशों की शीतकालीन वायु गुणवत्ता (पीएम 2.5) के स्तर के किए गए नए विश्लेषण में यह बात सामने आई है। विश्लेषण के अनुसार नागपुर ने पिछली सर्दियों की तुलना में 105 प्रतिशत के साथ प्रदूषण में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है।
सीएसई का यह विश्लेषण दोनों राज्यों के 17 शहरों में कार्यरत 58 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों से उपलब्ध वास्तविक समय के आंकडों पर आधारित है। दोनों राज्यों में 1 अक्टूबर 2022 से 28 फरवरी 2023 की अवधि के लिए सीईसी की अर्बन लैब द्वारा यह विश्लेषण किया गया। विश्लेषण के मुताबिक इन राज्यों में सर्दियों का प्रदूषण आमतौर पर नवंबर के अंत और दिसंबर की शुरुआत में शुरू होता है, जब ठंडी और शांत स्थिति स्थानीय प्रदूषण को पकड़ लेती है।
विश्लेषण बताता है कि इन राज्यों के बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों में भी सर्दियों में पीएम2.5 के स्तर में वृद्धि हुई है, जो इस क्षेत्र में वायु प्रदूषण की समस्या के तेजी से फैलने की ओर इशारा करता है। विश्लेषण के लिए महाराष्ट्र के मुंबई, नवी मुंबई, पुणे, चंद्रपुर, औरंगाबाद, कल्याण, नासिक, सोलापुर और ठाणे को शामिल किया गया था। यहां स्थित निगरानी स्टेशन से प्राप्त आंकडों के मुताबिक यहां प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है।
नागपुर ने पिछली सर्दियों के मुकाबले 105 फीसदी के साथ प्रदूषण में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। सीएसई के अनुसंधान विभाग की कार्यकारी निदेशक अनुमति रॉय चौधरी का कहना है कि क्षेत्र में विभिन्न स्रोतों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तत्काल रोडमैप की दरकार है।
Created On :   11 April 2023 8:42 PM IST