पीसीएम की पढ़ाई के बल पर डिफेंस में बना सकते हैं कॅरियर

With the help of PCM studies, you can build a career in defence
पीसीएम की पढ़ाई के बल पर डिफेंस में बना सकते हैं कॅरियर
पीसीएम की पढ़ाई के बल पर डिफेंस में बना सकते हैं कॅरियर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। 10वीं और 12वीं के नतीजे आ चुके हैं, और आपको अच्छे नंबर भी मिल गए होंगे। अब एक सवाल जरूर आपको परेशान कर रहा होगा कि कौन से विभाग को चुनें। और क्या आपका चुनाव सही होगा, कोर्स के बाद आपके पास नौकरी के कितने विकल्प मौजूद होंगे? विज्ञान के अंतर्गत आने वाले फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी यानि पीसीबी की पढ़ाई से आपको माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, फार्माकॉलोजी, फिजियोथेरपी, फूड टेक्नोलॉजी, न्यूट्रीशन और एन्वायरमेंट साइंस जैसे क्षेत्रों में करियर बनाने का विकल्प होता है। वहीं फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथेमैटिक्स यानि पीसीएम की पढ़ाई के दौरान इंफोर्मेशनल टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर एप्लिकेशंस, आर्किटेक्चर, नॉटिकल साइंस, डेटा एनालिटिक्स और न्यूक्लियर फिजिक्स जैसे क्षेत्रों में करियर बनाने का विकल्प होता है।

पीसीएम
पीसीएम की पढ़ाई के बल पर आप डिफेंस में भी करियर बना सकते हैं। विज्ञान शाखा से 12वीं के बाद ज्यादातर विद्यार्थी इंजीनियरिंग और MBBS की ओर रुख करने का सपना संजोते हैं। इंजीनियरिंग कोर्स की भारी मांग है, लेकिन इंजीनियरिंग के बाद नौकरी मिले ऐसा जरूरी नहीं है। डिग्री के साथ आपके पास कम्युनिकेशन स्किल, विषय का साइंस ज्ञान और न्यूमेरिकल एबिलिटी का होना भी जरूरी है। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एनर्जी सेक्टर, डेटा एनालिटिक्स, मैन्युफैक्चरिंग और ऑटो सेक्टर में करियर का विकल्प होता है।

ध्यान रखें कि डिग्री के साथ प्रोजेक्ट और इंटर्नशिप भी करें। साथ ही अपने विषयों से जुड़े दूसरे कोर्स भी करें।वहीं बायोलॉजी के छात्रों का MBBS डॉक्टर बनने का सपना पूरा नहीं हो तो वे आयुर्वेदिक, यूनानी या होम्योपैथिक डॉक्टर बनने का विकल्प भी चुन सकते हैं। ऑडियोलॉजी या स्पीच थेरेपी जैसे क्षेत्रों में भी करियर बनाया जा सकता है। फिजियोथेरेपी और ऑक्यूपेशनल थेरेपी की भी काफी डिमांड है। समुद्री विज्ञान में भी करियर बनाने के मौके हैं, जहां नर्सिंग, डेंटिस्ट्री और वेटनरी साइंस के विकल्प हैं। फार्मोकोलॉजी, फोरेंसिक साइंस, एन्वायरमेंटल साइंस, एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर, फ्लोरीकल्चर, फूड टेक और न्यूट्रीशन साइंस में भी करियर बनाया जा सकता है।

फाइन आर्ट्स में बनाएं कॅरियर
फाइन आर्ट्स सेक्टर में अपनी पहचान बनाने की संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं। नदी, झरने हों या फिर पहाड़, जंगल आदि के प्राकृतिक खूबसूरत दृश्य, एक कलाकार अपनी कूची से इन्हें जीवंत बना देता है। अक्सर इन कलाकृतियों को देखकर हर किसी का चेहरा खिल जाता है। लोग चकित होकर इन्हें करीब से निहारते हैं और कलाकारों को उनकी हुनरमंदी की दाद देते हैं। दरअसल, यह सब फाइन आर्ट्स का कमाल है। फाइन आर्ट्स की विभिन्न विधाओं, जैसे ड्रॉइंग, पेंटिंग, डिजाइनिंग, स्कल्पटिंग, इंस्टॉलेशन, एनिमेशन, गेमिंग आदि में लोग अपना हुनर दिखाकर दौलत और शोहरत दोनों कमा रहे हैं। फाइन आर्ट्स सेक्टर में अपनी पहचान बनाने की संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

कहां है मांग?
फाइन आर्ट्स ग्रेजुएट की देश में आजकल सबसे ज्यादा मांग सॉफ्टवेयर कंपनीज, डिजाइन फर्म्स, टेक्सटाइल इंडस्ट्री, एडवरटाइजिंग कंपनीज, डिजिटल मीडिया, पब्लिशिंग हाउसेज और आर्ट स्टूडियो में है। अगर हम फील्ड की बात करें, तो फाइन आर्ट्स का कोर्स करने के बाद आप ऐड डिपार्टमेंट, अखबार या पत्रिका में इलस्ट्रेटर, कार्टूनिस्ट, एनिमेटर आदि के तौर पर अपना करियर बना सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, टेलीविजन, फिल्म/ थिएटर प्रोडक्शन, प्रोडक्ट डिजाइन, एनिमेशन स्टूडियो, टेक्सटाइल डिजाइनिंग आदि में भी ऐसे लोगों के लिए तमाम अवसर हैं। आप विजुअल आर्टिस्ट, एनिमेटर या ग्राफिक डिजाइनर जैसे पदों पर भी अपनी सेवाएं दे सकते हैं। शिक्षण संस्थानों में आपके सामने आर्ट टीचर बनने का अवसर है। आप चाहें, तो फ्रीलांस भी कर सकते हैं। ऐसे प्रोफेशनल कला समीक्षक, आर्ट स्पेशलिस्ट, आर्ट डीलर, आर्ट थैरेपिस्ट, पेंटर आदि के रूप में फुल-टाइम और पार्ट-टाइम सेवाएं दे सकते हैं। अगर आप अपनी क्रिएटिविटी डिजाइनिंग में दिखाना चाहते हैं, तो प्रोडक्ट डिजाइनिंग, ऑटोमोबाइल डिजाइनिंग या फिर इसी तरह के अन्य क्षेत्रों में हुनर दिखाकर नाम और पैसा कमा सकते हैं।

जॉब प्रोफाइल
फाइन आर्ट्स कोर्स और स्पेशलाइजेशन के बाद ऐसे प्रोफेशनल विभिन्न कंपनियों में इलस्ट्रेटर, एनिमेटर, ग्राफिक डिजाइनर, विजुअल डिजाइनर, डिजिटल डिजाइनर, क्रिएटिव मार्केटिंग प्रोफेशनल, फ्लैश प्रोग्रामर, 2डी/ 3डी आर्टिस्ट, वेब डेवलपर, क्राफ्ट आर्टिस्ट, लेक्चरार, आर्ट टीचर, कार्टूनिस्ट, आर्ट म्यूजियम टेक्निशियन, आर्ट कंजर्वेटर, आर्ट डायरेक्टर, क्रिएटिव डायरेक्टर, एडवरटाइजिंग एग्जिक्यूटिव/ सुपरवाइजर/ हैड, प्रोजेक्ट ऑफिसर आदि जैसे पदों पर काम कर सकते हैं।

पर्सनल स्किल
फाइन आर्ट्स की पढ़ाई किसी दूसरे विषय से पूरी तरह अलग है। इस तरह का कोर्स करने के लिए आपमें क्रिएटिव टैलेंट और स्किल होनी जरूरी है। इसलिए इस फील्ड में कलात्मक और सृजनात्मक प्रतिभा रखने वाले युवाओं को ही आना चाहिए क्योंकि फाइन आर्ट्स का फोकस एरिया मुख्य रूप से अप्लाइड आर्ट, ग्राफिक डिजाइन, पेंटिंग और स्कल्पचरिंग के इर्द-गिर्द ही होता है। यदि पेंटिंग के बजाए मॉडर्न डिजाइनिंग में नाम करना चाहते हैं, तो आपको बदलते वक्त के अनुसार प्रोडक्ट की डिजाइन को विजुअलाइज करना होगा।

एथिकल हैकर बनने के लिए चाहिए ये स्किल्स
फाइन आर्ट्स के प्रति युवाओं का आकर्षण बीते कुछ वर्षों में काफी बढ़ा है। देश और समाज में ऐसे हुनरमंद आर्टिस्ट्स की स्वीकार्यता भी बढ़ी है। यही कारण है कि आजकल तमाम सरकारी और निजी संस्थान अलग-अलग तरह के कई कोर्स ऑफर कर रहे हैं। इनमें प्रमुख हैं:

दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली
कॉलेज ऑफ आर्ट, दिल्ली
जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
टीजीसी एनिमेशन एंड मल्टीमीडिया, दिल्ली
सर जेजे इंस्टीट्यूट ऑफ अप्लाइड आर्ट्स, मुंबई
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइन आर्ट्स, मोदीनगर (उप्र)

Created On :   3 Jun 2018 5:36 PM IST

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