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2 लाख रुपए में बेची गई महिला, 14 माह बाद अपनों से मिली

डिजिटल डेस्क, नागपुर। 2 लाख रुपए में सउदी अरब में बेेची गई महिला अंतत:14 महीने बाद सउदी अरब से वापस लौट आई है। वहां मिली यातनाओं को याद कर आज भी शबनम सिहर जाती है। शबनम (परिवर्तित नाम) को करीब 2 लाख रुपए में सउदी अरब में बेचा गया था। उसे सउदी अरब में 500 रियाल हर माह मिलने का लालच देकर शहर की एक महिला ने अपने दोस्त के साथ मिल कर उसे मुंबई में दलालों तक पहुंचाया। उन दलालों ने दो और महिलाओं के साथ उसे सउदी अरब में रियाद क्षेत्र में बेच दिया। शबनम को एक रसूखदार के हाथों बेचा गया। वहां दिन-रात काम कराने के बाद शबनम को भोजन की जगह तरह-तरह की यातनाएं दी जाती थीं। रसूखदार को जब यह बात तब पता चली कि शबनम वापस नागपुर आना चाहती है, तो उसने कहा िक दो लाख रुपए वापस दे दे और अपने घर चली जा। शबनम भाग न सके, इसलिए उसका पासपोर्ट और पहचान पत्र छीन लिया गया था।
कैसे पता चला
शबनम ने अपनी कहानी सउदी अरब में किसी मददगार से बयां की, तो वह चोरी-छिपे शबनम को उसकी बड़ी बहन से फोन पर बात करवाई। तब शबनम की बड़ी बहन ने सक्कदरा थाने में बहन को सउदी अरब में बेचे जाने की शिकायत दर्ज कराई। शबनम की बहन ने समाजसेवी उमेश चौबे से मुलाकात कर उन्हें भी जानकारी दी। तब चौबे ने अपने कार्यकर्ता सविता पांडे और सुनीता ठाकरे को सक्करदरा थाने में भेजकर पूरी हकीकत जानने को कहा। सविता और सुनीता ने इस बारे में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से पत्र व्यवहार शुरू िकया। इस बीच सक्करदरा पुलिस शबनम को लालच देने वाली महिला शमा बेगम तक पहुंच गई। शमा बेगम और उसके दोस्त हाजी शेख अब्दुल उर रहमान को पुलिस ने िगरफ्तार कर लिया।
सउदी अरब के दलाल को 2 लाख देकर छुड़वाया
पुलिस मुंबई के दलाल सईद अंसारी और मुस्तफा को पकड़ने का प्रयास करने लगी। नागपुर पुलिस के पास शबनम का मामला पहुंच चुका है। यह बात इन दलालों ने सउदी अरब के दलाल को बताया और उसे दो लाख रुपए भेजकर शबनम को आजाद करने को कहा। तब शबनम को आजाद कर दिया गया। उसे दुबई से मुंबई आने वाले विमान में बैठा दिया गया। शबनम मुंबई से ट्रेन से सोमवार की सुबह नागपुर पहुंच गई। परिवार से मिलने के बाद वह सक्करदरा थाने पहुंची। उस समय शबनम के साथ समाजसेविका सविता पांडे, सुनीता ठाकरे और उसके परिवार के लोग मौजूद थे।
शबनम ऐसे पहुंची सउदी अरब
सूत्रों के अनुसार शबनम का पति दिव्यांग है। दो बेटे और एक बेटी के परवरिश की जिम्मेदारी शबनम पर है। शबनम दूसरों के घरों में बर्तन मांज कर जीवन यापन करती थी। इसी दौरान उसकी मुलाकाम शमा बेगम से हुई, तो शमा ने उसे सउदी अरब में हर महीने 500 रियाल मिलने का लालच दिया। उससे कहा गया कि वहां पर हज पर जाने वालों की उसे खिदमत करनी होगी और 3-4 महीने में वह वापस आ सकती है। शबनम को सक्करदरा निवासी शमा बेगम ने अपने दोस्त हाजी शेख अब्दुल उर रहमान से मिलवाया। हाजी शेख ने सईद अंसारी से मुलाकात करवा कर मुंबई के दलाल मुस्तफा के पास लेकर गया। शबनम को इस बात की जरा भी भनक नहीं लगी कि उसे बेचा जा रहा है। शबनम आर्थिक लालच में फंस कर जून 2016 में पति, बच्चों से कुछ पैसा कमाने की बात कह कर सउदी अरब चली गई। शबनम के मामले में सक्करदरा थाने में जून 2017 में शिकायत दर्ज कराई गई। तब पुलिस ने छानबीन कर आरोपी शमा बेगम और हाजी शेख को गिरफ्तार किया। दोनों करीब 4 माह बाद नागपुर की सेंट्रल जेल से जमानत पर रिहा कर दिए गए। अभी तक अन्य दो महिलाओं का कुछ भी पता नहीं चला है।
Created On :   9 Jan 2018 4:01 PM IST