दो जून की रोटी और मुश्किलें हजार, नागपुर से मध्यप्रदेश पैदल ही रवाना हो गए मजदूर, एक कामगार भूखा–प्यासा पहुंचा सिंदेवाही  

Workers left on foot from Nagpur, Two days later a worker reached Sindvehi
दो जून की रोटी और मुश्किलें हजार, नागपुर से मध्यप्रदेश पैदल ही रवाना हो गए मजदूर, एक कामगार भूखा–प्यासा पहुंचा सिंदेवाही  
दो जून की रोटी और मुश्किलें हजार, नागपुर से मध्यप्रदेश पैदल ही रवाना हो गए मजदूर, एक कामगार भूखा–प्यासा पहुंचा सिंदेवाही  

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दो जून की रोटी ना जाने कितने पापड़ बेलने को मजबूर कर देती है। एक मजदूर के परिवार का पेट उसका पसीना सूखने के बाद ही पलता है। कुछ इसी आस में संतरानगरी आए मध्य प्रदेश के मजदूरों के सामने लॉक डाउन परेशानी का सबब बनकर आया। घर से दो पैसे कमाने निकले थे, लेकिन यहां आकर रोटी के ही लाले पड़ गए। सदर इलाके में काम कर रहे मजदूरों की व्यथा भावुक करने वाली थी। जिन्हें पांच दिन बाद जब लौटने के लिए कहा गया तो ना ही कोई साधन मौजूद था, और ना ही कोई दर्द सुनने वाला, जब कोई रास्ता नहीं सूझा, तो मध्य प्रदेश के शहर सिवनी पैदल ही लौट गए। परिवहन सेवा पूरी तरह से बंद कर दी गई, मजदूर प्रशांत बोकाड़े नामक शख्स के यहां रुके थे। जहां निर्माण कार्य करने आए थे, लेकिन पांच दिन रुकने के बाद जब 21 दिनों तक बाहर ना निकलने के प्रतिबंध के बारे में पता चला, तो गुजर बसर की चिन्ता सताने लगी। बतादें कोरोना संकट से लोगों को बचाने केन्द्र ने देश में लॉक डाउन किया है।

Created On :   26 March 2020 3:38 PM GMT

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