जिप सदस्यों को 3 साल से नहीं मिला यातायात भत्ता

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद में ग्रामीण क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले जिप सदस्य 3 साल से यातायात भत्ते से वंचित हैं। साल 2020 में जिला परिषद सदस्य निर्वाचित होने के बाद से उन्हें यातायात भत्ते की फूटी कौड़ी नहीं मिलने की जानकारी सामने आई है। आमसभा तथा विषय समितियों की सभा में आने-जाने का सदस्यों को निवास स्थल से जिला परिषद मुख्यालय यातायात भत्ता दिया जाता है।
जिप के 58 निर्वाचन क्षेत्र
जिला परिषद सदस्य अपने निर्वाचन क्षेत्र का जिला परिषद में प्रतिनिधित्व करते हैं। जिला परिषद के 58 निर्वाचन क्षेत्रों की जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है। जिला परिषद की स्थायी समिति, शिक्षण व िवत्त समिति, समाज कल्याण समिति, महिला व बाल कल्याण समिति, कृषि व दुग्ध विकास समिति, लोकनिर्माण व स्वास्थ्य समिति में संख्या के अनुसार सदस्य नियुक्त किए गए हैं। कमोबेश सभी सदस्य किसी न किसी समिति के सदस्य हैं। विषय समितियों की हर महीने बैठक होती है। तीन महीने में एक बार आमसभा बुलाई जाती है। सभी बैठकों में आने पर नियम के अनुसार सदस्य यातायात भत्ते के हकदार हैं।
ईंधन के दाम बढ़े पर भत्ते के रेट वही : साल 2010 के शासनादेश के अनुसार उसी रेट से जिप सदस्यों को यातायात भत्ता देय है। डीजल वाहन के लिए प्रति किमी ~ 7 और पेट्रोल वाहन के लिए ~ 9 रेट है। साल 2010 के मुकाबले पेट्रोल, डीजल के दाम में काफी वृद्धि हुई है। जिप सदस्यों के यातायात भत्ते का रेट वही है। महंगाई दर के अनुसार यातायात भत्ते के रेट में संशोधन नहीं होने से सदस्यों में नाराजगी है।
जेब से हो रहा खर्च : जिला परिषद की विषय समिति तथा आमसभा में आने-जाने का खर्च सदस्यों को अपनी जेब से करना पड़ रहा है। एक सदस्य ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मैं पहली बार निर्वाचित हुआ हूं। जबसे चुनकर आया हूं, तब से यातायात भत्ता कभी नहीं मिला। नागरिकों की समस्या लेकर बैठक में आते हैं। आने-जाने का खर्च भी नहीं मिलने से आर्थिक परेशानी होती है।
Created On :   8 Jan 2023 8:59 PM IST