पन्ना: १०२ वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नन्नाई लाल ड्योढिय़ा का निधन

१०२ वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नन्नाई लाल ड्योढिय़ा का निधन

डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना जिले के १०२ वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नन्नाई लाल ड्योढिय़ा जैन का मंगलवार की शाम ०८ बजे पन्ना शहर के टिकुरिया मोहल्ला रामगंज वार्ड स्थित उनके आवास में निधन हो गया। उनके निधन की खबर से शहर में शोक की लहर फैल गई। अपनी बाल्य अवस्था में प्रजामण्डल के साथ जुडकर आजादी के आंदोलन में सक्रियता के साथ भागीदारी करने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का आज दूसरे दिन दिनांक २० सितम्बर २०२३ को पन्ना शहर के इन्द्रपुरी कॉलोनी स्थित मुक्तिधाम में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार सम्पन्न हुआ। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के निधन की सूचना प्राप्त होने पर बडी संख्या में आज सुबह से ही उनके आवास पर पहुंचने वालों का तांता लग गया। जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित प्रोटोकाल के तहत उनके पार्थिव शव को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में लपेटा गया।

जिले के कलेक्टर हरजिंदर सिंह, पुलिस अधीक्षक सांई कृष्ण एस थोटा द्वारा पुष्पचक्र समर्पित कर अपनी भावभीनी श्रृद्धाजंलि अर्पित की गई तथा परिजनों से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त की गई। तत्पश्चात पुलिस के सशस्त्र जवानों द्वारा दिवंगत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के सम्मान मेंं बैण्ड-बाजे के साथ सलामी दी गई और इसके साथ नम हुई आँखो के साथ सम्मानपूर्वक दिवंगत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की अंतिम यात्रा प्रारंभ हुई। मार्ग में जगह-जगह लोगों द्वारा पुष्प वर्षा करते हुए अपनी श्रृद्धाजंलि अर्पित की गई। दोपहर लगभग १२ बजे अंतिम यात्रा इन्द्रपुरी कॉलोनी स्थित मुक्तिधाम पहुंची जहां पर पार्थिव शव पर लिपटे तिरंगे को सम्मानपूर्वक उतारा गया और इसके बाद सशस्त्र जवानों द्वारा पुन: सलामी दी गई और इसके साथ ही दिवंगत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को उनके पुत्र ने मुखाग्नि दी और आजादी के आंदोलन का वीर पंचतत्व में विलीन हो गया। इस दौरान एसडीओपी पन्ना आर.एस. बघेल, टीआई पन्ना रोहित मिश्रा, रक्षित निरीक्षक पन्ना, तहसीलदार पन्ना अखिलेश प्रजापति सहित गणमान्य नागरिकों, जिला कांग्र्रेस कमेटी के अध्यक्ष शिवजीत सिंह ने अंतिम संस्कार में शामिल होकर अपनी श्रृद्धाजंलि अर्पित की।

बडे भाई के साथ आजादी के आंदोलन में रहे सक्रिय

वर्ष १९४२ के बाद देश में आजादी का आंदोलन उबाल पर था बुंदेलखण्ड विध्यांचल की रियासतों का विरोध करते हुए प्रजामण्डल आजादी के आंदोलन में बढ़-चढक़र भागेदारी कर रहा था। आजादी के इस आंदोलन मेंं नन्नाई लाल ड्योढिय़ा अपने बडे भाई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परमलाल ड्योढिय़ा के साथ कार्य कर रहे थे। आंदोलनकारियों के संदेशो पत्रों को एक से दूसरे तक पहँुचाकर वह पूरी तन्मयता के साथ इस काम में लगे रहे। स्वर्गीय ड्योढिय़ा के भतीजे शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता रजनीश चंद्र जैन ने बताया कि इस दौरान तबकी स्टेट पुलिस द्वारा पकड़े गए उम्र कम होने की वजह से वह हर बार छूट जाते थे।

उन्होंने बताया कि उनके पिता तथा चाचा कुल ०६ भाई थे। उस समय में हमारी बसें चलती थीं दो बसें भी आंदोलन के दौरान जला दी गई थी। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विद्यावती चतुर्वेदी, बाबूराम चतुर्वेदी के नेतृत्व में उनके पिता और चाचा ने आजादी के आंदोलन में प्रजामण्डल में सक्रियता के साथ काम किया। जीवन में ईमानदारी के साथ पिता, चाचा और उनके भाईयो ने संघर्ष करके व्यवसाय को आगे बढ़ाया और उनके आर्शीर्वाद से हमार भरापूरा परिवार है। दिवंगत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नन्नाई लाल ड्योढिय़ो अपने पीछे ०६ पुत्र कैलाश चंद्र, प्रकाश चंद्र, रमेश चंद्र, राजीव, बबलू एवं गुड्डन सहित भरापूरा परिवार छोडक़र चले गए है। अपने अंतिम दस वर्ष के दौरान उन्होंने अपना जीवन धर्म एवं भक्तिभाव के कार्यों को समर्पित कर दिया था।

Created On :   21 Sept 2023 3:56 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story