Panna News: जान हथेली पर रखकर पढ रहे नौंनिहाल, चितारबरा स्कूल भवन बना मौत का कुआं, प्रशासन बेखबर

जान हथेली पर रखकर पढ रहे नौंनिहाल, चितारबरा स्कूल भवन बना मौत का कुआं, प्रशासन बेखबर
  • जान हथेली पर रखकर पढ रहे नौंनिहाल
  • चितारबरा स्कूल भवन बना मौत का कुआं, प्रशासन बेखबर

Panna News: जिले के शाहनगर विकासखंड स्थित शासकीय एकीकृत माध्यमिक शाला चितारबरा के लगभग 200 छात्र-छात्राएँ हर दिन अपनी जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। स्कूल की बदहाली का आलम यह है कि एक ओर जहाँ विद्यालय तक पहुँचने के लिए कोई उचित मार्ग नहीं है वहीं दूसरी ओर इसका भवन कभी भी धराशायी हो सकता है। यह स्थिति शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन की घोर लापरवाही को दर्शाती है।

खतरनाक रास्ते और जर्जर भवन का दोहरा संकट

बारिश के दिनों में चितारबरा स्कूल तक पहुँचना किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होता। रास्ता कीचड़ और गहरे पानी से लबालब गढ्ढों से भरा रहता है जिससे बच्चों को भारी मशक्कत करनी पड़ती है। कई बार तो यह मासूम स्कूल तक पहुँच ही नहीं पाते। हाल ही में ग्रामीणों और अभिभावकों की मांगों को उजागर करने के लिए कांग्रेस नेता अनिल तिवारी द्वारा कीचड़ भरे रास्ते पर दंडवत यात्रा भी की गई थी जिसने इस मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया। मीडिया टीम द्वारा मौके पर की गई पड़ताल में सामने आया कि स्कूल भवन की हालत पहुँच मार्ग से भी बदतर है। प्राथमिक और माध्यमिक खंड एक ही परिसर में संचालित हो रहे हैं परंतु कक्षाओं की कमी के कारण बच्चों को प्राथमिक खंड की पुरानी और बेहद जर्जर इमारत में बैठाया जा रहा है। इस भवन की छत इतनी क्षतिग्रस्त हो चुकी है कि वह लगातार टपकती रहती है और किसी कमान की तरह झुक चुकी है जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। जिस कमरे में बच्चों को बिठाया जाता है उसकी दीवारें भी सीलन भरी और दरारों से पटी हुई हैं। कोई वैकल्पिक व्यवस्था न होने के कारण इन नौनिहालों को इसी जानलेवा माहौल में पढऩे को विवश होना पड़ रहा है।

शिकायतों के बाद भी मरम्मत नहीं, हादसे का इंतजार

स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने कई बार विभागीय अधिकारियों को भवन की जर्जर स्थिति से अवगत कराते हुए लिखित शिकायतें भेजी हैं लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। यह साफ संकेत है कि शिक्षा विभाग और जिम्मेदार अधिकारी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं। एक तरफ सरकार शासकीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास डिजिटल शिक्षा और बेहतर अधोसंरचना की बात करती है वहीं चितारबरा जैसे ग्रामीण स्कूलों की यह दयनीय स्थिति उन सभी दावों की पोल खोल रही है। बच्चों के भविष्य और जीवन से किया जा रहा यह खिलवाड़ प्रशासनिक उदासीनता और लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण है। ग्रामीणों और पालकों ने प्रशासन से पुरजोर मांग की है कि स्कूल भवन की तत्काल मरम्मत कराई जाए अथवा नया भवन स्वीकृत कर उसका शीघ्र निर्माण कराया जाए जिससे बच्चों को सुरक्षित और सम्मानजनक शैक्षिक वातावरण मिल सके। क्या प्रशासन किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है या फिर इन बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा यह सवाल अब भी अनुत्तरित है।

इनका कहना है

हमारे द्वारा पूरे जिले के स्कूलों की जानकारी मांगी गई है साथ ही सभी सीएसी एवं प्रधान अध्यापकों को इस संबंध के निर्देश जारी किए हैं कि बारिश के समय में जिस स्कूल की छतों से पानी टपक रह हैं उन कमरों में किसी भी स्थिति में कक्षाएं संचालित नहीं करें इसके साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि वह संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच से बात करके दूसरे स्थान पर बारिश के समय कक्षाएं लगाएं अभी तो रिपेयरिंंग तत्काल में नहीं हो सकती है लेकिन प्रयास जारी है कि बजट उपलब्ध होते ही ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर उनकी रिपेयिरिंग कराई जायेगी।

अजय गुप्ता, जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केन्द्र पन्ना

Created On :   28 July 2025 12:44 PM IST

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