Panna News: पन्ना में अनुकंपा नियुक्ति की मिशाल, कार्यपालन यंत्री जे.पी. सोनकर के प्रयासों से चार दिन में मिली नियुक्ति

पन्ना में अनुकंपा नियुक्ति की मिशाल, कार्यपालन यंत्री जे.पी. सोनकर के प्रयासों से चार दिन में मिली नियुक्ति
  • पन्ना में अनुकंपा नियुक्ति की मिशाल
  • कार्यपालन यंत्री जे.पी. सोनकर के प्रयासों से चार दिन में मिली नियुक्ति

Panna News: जहाँ एक ओर कई सरकारी कार्यालयों में अनुकंपा नियुक्ति के मामले वर्षों से लंबित पड़े रहते हैं वहीं लोक निर्माण विभाग पन्ना के कार्यपालन यंत्री जे.पी. सोनकर ने एक प्रशंसनीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनके सक्रिय और त्वरित प्रयासों के परिणामस्वरूप स्वर्गीय के.के. श्रीवास्तव के पुत्र सागर श्रीवास्तव को मात्र चार दिनों के भीतर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान कर दी गई।

जानकारी के अनुसार के.के. श्रीवास्तव उपयंत्री के पद पर लोक निर्माण विभाग के शाहनगर सेक्शन में कार्यरत थे साथ ही रेस्ट हाउस शाहनगर के अतिरिक्त प्रभार में भी थे और उप संभाग पन्ना के प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी का पदभार भी संभाल रहे थे। ०1 अगस्त 2024 से वह इन पदों पर कार्यरत थे। दुर्भाग्यवश 27 जनवरी को उनका स्वास्थ्य खराब हो गया। परिजनों ने पहले उन्हें जिला चिकित्सालय पन्ना में भर्ती कराया लेकिन हालत में सुधार न होने पर 29 जनवरी को उन्हें रीवा ले जाया गया जहाँ 5 फरवरी को उनका निधन हो गया। इसके बाद उनके पुत्र सागर श्रीवास्तव ने 25 मार्च को कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग के कार्यालय में अनुकंपा नियुक्ति के लिए अपना आवेदन प्रस्तुत किया। आवेदन के परीक्षण के दौरान कार्यपालन यंत्री जे.पी. सोनकर ने पाया कि उसमें समग्र आईडी संलग्न नहीं थी।

उन्होंने तत्काल इसकी सूचना स्वर्गीय श्रीवास्तव के पुत्र को दी। सागर श्रीवास्तव ने भी तत्परता दिखाते हुए 27 अप्रैल को समग्र आईडी बनवाकर प्रस्तुत की। जे.पी. सोनकर के सराहनीय प्रयासों का ही यह परिणाम था कि ०2 मई 2025 को मुख्य अभियंता सागर द्वारा पन्ना लोक निर्माण विभाग के कार्यालय में सहायक ग्रेड-3 के पद पर सागर श्रीवास्तव को नियुक्ति आदेश प्रदान कर दिया गया। यह निश्चित रूप से अनुकरणीय है कि जहाँ अन्यत्र अनुकंपा नियुक्ति में लंबा समय लगता है वहीं श्री सोनकर की सक्रियता से मात्र चार दिनों के भीतर यह प्रक्रिया पूरी हो गई। कार्यपालन यंत्री जे.पी. सोनकर का यह कदम अन्य विभागों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत है और यह दर्शाता है कि प्रशासनिक इच्छाशक्ति से सरकारी प्रक्रियाओं को भी गति प्रदान की जा सकती है।

Created On :   30 Jun 2025 12:29 PM IST

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