Panna News: पन्ना से सुप्रीम कोर्ट तक की प्रेरक यात्रा, सर्वम ऋतम खरे ने सोनम वांगचुक केस में दिखाई न्याय की नई रोशनी

पन्ना से सुप्रीम कोर्ट तक की प्रेरक यात्रा, सर्वम ऋतम खरे ने सोनम वांगचुक केस में दिखाई न्याय की नई रोशनी

Panna News: बुंदेलखंड की मिट्टी हमेशा से ही संघर्ष, समर्पण और साहस की प्रतीक रही है। इसी धरती ने एक बार फिर यह साबित किया है कि बड़े सपने सिर्फ महानगरों में नहीं बल्कि छोटे शहरों के दिलों में भी जन्म लेते हैं। पन्ना जिले के युवा अधिवक्ता सर्वम ऋतम खरे ने सुप्रीम कोर्ट तक अपनी काबिलियत का परचम लहराकर न केवल अपने शहर का नाम रोशन किया है बल्कि पूरे बुंदेलखंड को गौरवान्वित किया है। हाल ही में भारत के सुप्रीम कोर्ट में चल रहे एक महत्वपूर्ण मामले में सर्वम ऋतम खरे वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा के मार्गदर्शन में प्रसिद्ध समाजसेवी और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक की ओर से पैरवी कर रहे हैं। यह वही सोनम वांगचुक हैं जिनके नवाचारों और विचारों ने दुनिया को सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण का नया रास्ता दिखाया है। उन्हें रमन मैगसेसे अवॉर्ड 2018, रॉलेक्स अवॉर्ड 2016, ग्लोबल अवॉर्ड फार सस्टेनेबल आर्किटेक्चर 2017 व इंटरनेशनल टेरे अवॉर्ड जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।

ऐसे व्यक्तित्व के पक्ष में देश के सर्वोच्च न्यायालय में पैरवी करना किसी भी वकील के लिए गर्व की बात होती है और जब यह अवसर पन्ना जैसे छोटे शहर के वकील को मिले तो यह पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणादायक मिसाल बन जाती है। सर्वम ऋतम खरे की यह यात्रा आसान नहीं थी। पन्ना के सामान्य परिवेश से निकलकर दिल्ली की न्यायिक गलियारों तक पहुँचना उनके दृढ़ संकल्प, अथक मेहनत और ईमानदारी का परिणाम है। उन्होंने अपनी शिक्षा के दौरान ही सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों को जीवन का लक्ष्य बनाया। न्याय के प्रति उनके समर्पण और संवेदनशील दृष्टिकोण ने उन्हें युवाओं के बीच प्रेरणा का प्रतीक बना दिया है। उनकी इस उपलब्धि ने पन्ना और आसपास के युवाओं के मन में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास जगाया है। शहर के शिक्षकों और समाजसेवियों का कहना है कि सरवम ऋतम खरे की सफलता ने यह सिद्ध कर दिया है कि अगर इरादा नेक हो और मेहनत सच्ची हो तो कोई भी मुकाम दूर नहीं।

बुंदेलखंड जैसे पिछड़े समझे जाने वाले क्षेत्र से निकलकर देश के सर्वोच्च न्यायालय में अपनी बात रखना इस बात का प्रमाण है कि प्रतिभा किसी संसाधन की मोहताज नहीं होती। पन्ना के लोगों में खुशी का माहौल है। स्थानीय नागरिकों और छात्रों ने इसे पन्ना की जीत बताया है। बुंदेलखंड के युवाओं के लिए यह खबर सोमवार की सुबह एक नई प्रेरणा लेकर आई है कि अब कोई सपना छोटा नहीं होता बस हिम्मत और ईमानदारी चाहिए। सोनम वांगचुक जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के व्यक्तित्व के लिए पैरवी करना न केवल एक पेशेवर उपलब्धि है बल्कि यह भारतीय न्याय व्यवस्था में नई सोच और नई दिशा का प्रतीक भी है। सर्वम ऋतम खरे ने यह साबित कर दिया है कि छोटे शहरों के युवा भी आज देश की सबसे बड़ी अदालतों में अपनी पहचान बना सकते हैं।

Created On :   6 Oct 2025 12:02 PM IST

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