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Panna News: शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय पन्ना, मैकेनिकल और सिविल ब्रांच में शिक्षण कार्य के लिए तीन साल बाद भी स्वीकृत नहीं हुए पद

- शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय पन्ना
- मैकेनिकल और सिविल ब्रांच में शिक्षण कार्य के लिए तीन साल बाद भी स्वीकृत नहीं हुए पद
- एआइसीटीई के मापदंड हांसिये पर, शिक्षण स्टाफ में २८ के विरूद्ध मात्र तीन पद स्वीकृत
Panna News: तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला मुख्यालय पन्ना स्थित टेक्नीकल स्कूल को बंद करते हुए वर्ष १९९८ में पॉलीटेक्निक कालेज शुरू हुआ था। पॉलीटेक्निक कालेज की स्वीकृति के साथ ही संस्था में मॉर्डन आफिस मैनेजमेन्ट (एमओएम) डिप्लोमा पाठयक्रम की ब्रांच शुरू की गई थी इसके बाद वर्ष २००९ में कप्यूटर सांइस एण्ड इंजीनियरिंग डिप्लोमा पाठयक्रम की स्वीकृति के साथ शुरूआत हो गई। तत्पश्चात वर्ष २०२२ में इस पॉलीटेक्निक कालेज में सिविल इंजीनियरिंग एवं मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा पाठयक्रम की ब्रांच अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद नई दिल्ली से स्वीकृति के साथ प्रारंभ हुई। मैकेनिकल और सिविल इंजीनियरिंग जैसे महत्वपूर्ण डिप्लोमा पाठयक्रम प्रारंभ होने से पॉलीटेक्निक महाविद्यालय के विकास की उड़ान की नई उम्मीद जागी थी और उम्मीद की जा रही थी कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों को बेहतर सुविधायें मिलेगी परंतु शासकीय पॉलीटेक्निक कालेज पन्ना में शासन स्तर पर एआईसीटी के मापदंड अनुसार शिक्षण कार्य के लिए शैक्षणिक और सर्पोटिंग स्टाफ के पदों की स्वीकृति नहीं होने से पॉलीटेक्निक कालेज में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को समस्याओं का सामना करना पड रहा है। वर्ष २०२२ में जो मैकेनिकल एवं सिविल इंजीनियरिंग की ब्रांच शुरू की गई थी तीन साल गुजर जाने के बाद भी इन दोनों ब्रांचों में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को अध्यापन कार्य कराने हेतु मध्य प्रदेश शासन तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा अभी तक पदों का ही सृजन नहीं किया गया है और आश्र्चयजनक रूप से सिविल इंजीनियरिंग एवं मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचें बगैर शिक्षण स्टाफ एवं सर्पोटिंग स्टाफ के संचालित हो रही है ऐसे में सिविल इंजीनियरिंग एवं मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई कराने वाले विद्यार्थियों को किस तरह से वह भी तकनीकी जैसे पाठयक्रमों में कितना ज्ञान मिल रहा हो यह अपने आप में समझा जा सकता है।
एमओएम तथा कम्प्यूटर सांइस में जो पद स्वीकृत उसमें आधे पडे खाली
पॉलीटेक्निक महाविद्यालय पन्ना में जहां पिछले तीन साल से सिविल इंजीनियरिंग और मैकनिकल ब्रांच की पढ़ाई के लिए एक भी शिक्षक पदस्थ ही नहीं है वहीं मॉर्डन ऑफिस मैनेजमेन्ट तथा कम्प्यूटर सांइस एण्ड इंजीनियरिंग ब्रांच को लेकर स्थिति है शासन से १४ पद सृजित है जिनमें से ०७ पद खाली पडे हुए हैं। दोनों ब्रांचो में विभागध्यक्ष नहीं है इसके साथ ही मॉर्डन ऑफिस मैनेजमेन्ट में व्याख्याता के ०३ पदों में से ०१ एवं कम्प्यूटर सांइस एण्ड इंजीनियरिंग के कुल ०६ पदों में से ०३ पद रिक्त है।
प्राचार्य का पद भी रिक्त, आहरण संवितरण की समस्या
शासकीय पॉलीटेक्निक कालेज पन्ना में प्राचार्य का पद लंबे समय रिक्त है प्रभारी प्राचार्य के रूप में महाविद्यालय की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी डॉ. अरविन्द त्रिपाठी संभाल रहे हैं। जिन्हें आहरण संवितरण के भी अधिकार प्राप्त नहीं है जिस वजह से महाविद्यालय के प्रबंधन के साथ ही कर्मचारियों तथा अन्य होने वाले भुगतानों को लेकर भी महाविद्यालय में लंबे समय से समस्या बनी हुई है।
एआइसीटीई के मानकों के अनुसार पदों का नहीं हो रहा है सृजन
एआइसीटीई के मापदंडों के अनुसार शिक्षण अधिकारियों एवं सपोटिंग अधिकारियों के पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में कुल २८ पद शासन को सृजित करने चाहिए किन्तु २८ पदों के विरूद्ध मात्र ०३ पद ही सृजित हुए है। एआइसीटीई मापदंड संरचना अनुसार विभागध्यक्ष सिविल ०१ पद, विभागध्यक्ष मैकेनिकल ०१ पद, व्याख्याता मॉर्डन आफिस मैनेजमेन्ट के ०६ पद, व्याख्याता सिविल के ०६ पद, व्याख्याता मैकेनिकल के ०६ पद, व्याख्याता भौतिकी का ०१ पद, व्याख्याता रसायन का ०१ पद, व्याख्याता गणित का ०१ पद, व्याख्याता अंग्रेजी का ०१ पद स्वीकृत होकर सृजित होना चाहिए परंतु उक्त सृजित संरचना अनुसार सिर्फ मॉर्डन आफिस मैनेजमेन्ट में ०६ के विरूद्ध तीन पद ही सृजित है। इसी तरह प्रशिक्षण एवं स्थानन अधिकारी टीपीओ, कर्मशाला अधीक्षक, ग्रंथपाल एवं पीटीआई का ०१-०१ पद सृजित होना चाहिए जो कि शासन स्तर पर सृजित नहीं किए गए है जिसके चलते शिक्षण कार्य जैसे तमाम तरह की व्यवस्थायें प्रभावित हो रही हैं।
तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों की स्वीकृति की जरूरत
शिक्षण सपोर्टिंग कार्य सहित महाविद्यालय से संबंधित तथा अन्य कार्याे को लेकर तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के मापदंडो एवं आवश्यकताअनुसार स्वीकृति किए जाने चाहिए। जानकारी अनुसार पॉलीटेक्निक कालेज हेतु तृतीय श्रेणी के कर्मचरियों में कर्मशाला निर्देशक के १२ पद, प्रयोगशाला तकनीशियन के १२ पद, कम्प्यूटर आपरेटर ०४ पद, इन्सटूमेन्ट रिपेयरर के ०२ पद, इलेक्ट्रीशियन के ०२ पद, मैनटिनेंस टेक्नीशियन के ०२ पद तथा छात्रावास अधीक्षक के ०२ पद स्वीकृत किए जाने की जरूरत है। जिससे चारों ब्रांचों के लैब व वर्कशाप का सुचारू रूप संचालन हो सके साथ ही छात्रावास अधीक्षक के ०२ पदो की स्वीकृति से बालक एवं बालिका का छात्रावास का प्रबंधन हो। इस तरह उक्त अनुसार तृतीय श्रेणी के कुल ४० पदों को स्वीकृति किए जाने की आवश्यकता है जो कि अब तक नहीं होने से समस्यायें बनी हुई है इसी तरह से नवीन ब्रांच के लैब वर्कशाप के संचालन बालिका एवं कन्या छात्रावास के संचालन के लिए कुल ३२ पदों जिनमें भृत्य ०४, चौकीदार ०३, माली ०१,वाटरमैन ०३, वर्कशाप को भी ०८, हम्माला ०८, फराश ०३ व स्वीपर ०२ पद शामिल है वह भी स्वीकृत नहीं हैं।
नवीन भवन के लिए १४.७३ करोड़ स्वीकृत मगर नहीं तैयार हुआ डीपीआर
शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय पन्ना जो कि लंबे समय से टेक्निकल स्कूल की पुरानी बिल्डिंग में संचालित हो रहा है इस भवन के अतिरिक्त नवीन भवन के निर्माण के लिए १४ करोड़ ७३ लाख रूपए की स्वीकृति काफी समय पहले प्राप्त हो गई थी इसके साथ ही साथ कार्यशाला भवन के निर्माण हेतु १९० लाख रूपए की भी महाविद्यालय को प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। उक्त दोनों कार्याे के लिए डीपीआर तैयार करने का कार्य लोक निर्माण विभाग (भवन) द्वारा किया जाना है किन्तु उसके द्वारा कार्य हेतु अभी तक डीपीआर ही तैयार नहीं किया गया है ऐसे में नवीन भवन तथा कार्यशाला भवन का निर्माण कार्य की प्रक्रिया ठण्डे बस्ते में पडी हुई है।
६० साल पुराने बालक छात्रावास की हालत दयनीय
शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय का बालक छात्रावास जो कि पूर्व में टेक्नीकल स्कूल का छात्रावास हुआ करता था उपलब्ध है परंतु छात्रावास काफी पुराना हो गया है और क्षतिग्रस्त भी हो चुका है। १०० सीटर बालक छात्रावास में कुल २५ कमरे है लेकिन वर्तमान में केवल १५ कमरें ४५ सीटर का ही उपयोग होता है। शेष कमरों मे वृहद स्तर पर मरम्मत किए जाने की जरूरत है क्योकि छतों के पलास्टर गिरने लगे है। छात्रावास का निर्माण करीब ६० वर्ष पूर्व हुआ था और वर्तमान में पूरे भवन की मरम्मत की आवश्यकता है।
इनका कहना है
शिक्षण व सपोर्टिंग स्टाफ सहित पॉलीटेक्निक कालेज की समस्याओं और आवश्यकताओं की जानकारी समय-समय पर शासन को प्रेषित की गई है। अभी हाल में पन्ना आए प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री को भी महाविद्यालय की समस्याओं से अवगत कराया गया है।
डॉ.अरविन्द त्रिपाठी
प्राचार्य शासकीय पॉलीटेक्निक कालेज पन्ना
Created On :   28 Aug 2025 12:12 PM IST