Panna News: युवाओं ने दिखाई धर्म के प्रति आस्था, जीर्ण-शीर्ण मंदिरों को संवारा

युवाओं ने दिखाई धर्म के प्रति आस्था, जीर्ण-शीर्ण मंदिरों को संवारा
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  • जीर्ण-शीर्ण मंदिरों को संवारा

Panna News: शहर के राज परिसर में स्थित ऐतिहासिक श्री जगन्नाथ स्वामी मंदिर प्रांगण में मौजूद जीर्ण-शीर्ण छोटे मंदिरों के कायाकल्प का बीड़ा कुछ धर्मपरायण युवाओं ने उठाया है। इन युवाओं के सराहनीय प्रयासों से मंदिर परिसर में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है जिसकी हर ओर प्रशंसा हो रही है। सन 1817 में पन्ना नरेश किशोर सिंह द्वारा निर्मित श्री जगन्नाथ स्वामी मंदिर अपनी परंपरागत मध्ययुगीन शैली और विशाल सिंंह प्रवेश द्वार के लिए विख्यात है। इस मंदिर के गर्भगृह में जगन्नाथ पुरी से लाई गई भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा जी की काष्ठ प्रतिमाएं स्थापित हैं। मंदिर का शिखर भी अत्यंत सुंदर है। हालांकि मुख्य मंदिर के प्रांगण में दोनों ओर स्थित विभिन्न देवी-देवताओं के 27 अन्य छोटे मंदिर समय के साथ काफी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में आ गए थे। इन मंदिरों की लगातार बिगड़ती हालत शहर के भक्तों के लिए चिंता का विषय थी। इसी को देखते हुए शहर के कुछ धार्मिक प्रवृत्ति के युवाओं ने अपनी पहल पर इन छोटे मंदिरों के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया।

उनके प्रयासों से अब तक लगभग आठ मंदिरों में टाइल्स लगाने और उनकी छपाई का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है। इन युवा स्वयंसेवकों की योजना शेष बचे मंदिरों का जीर्णोद्धार कार्य भी आगे जारी रखने की है। उनके इस निस्वार्थ और सराहनीय कार्य से भक्तों में हर्ष का माहौल है और वह इन युवाओं की प्रशंसा कर रहे हैं। यह पहल न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करती है बल्कि शहर की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। अब तक श्री जगन्नाथ स्वामी मंदिर में कराए गए कार्य में लाखों रुपये खर्च हो चुके है चूंकि यह मंदिर शासन के धर्मस्य विभाग के अधीन है और उसकी अनुमति के पश्चात यह कार्य शुरू किया गया है जब मंदिरों में कार्य हो जाने के बाद युवाओं से संपर्क स्थापित किया गया तो उनका कहना था की पन्ना जैसे ऐतिहासिक मंदिर देश में बहुत ही कम मिलेंगे और उसमें जो हम लोगों ने सेवाभाव के साथ काम कराया है उसमें वह किसी भी तरीके से अपना नाम ना छपवाकर यह संदेश देना चाहते हैं की जो हमारे शहर की ऐतिहासिक धरोहर हैं उनके संरक्षण के लिए आगे आने की आवश्यकता है।

Created On :   7 July 2025 12:32 PM IST

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