Pune City News: मुर्गियां और बकरियां रोकेंगी तेंदुओं के हमले!

मुर्गियां और बकरियां रोकेंगी तेंदुओं के हमले!
  • पिंजरे में रखेंगे, ताकि मनुष्यों को न मारें
  • वन मंत्री के सुझाव पर होगा प्रयोग
  • एआई कैमरे लगाएंगे, सायरन बजेगा, ड्रोन का भी इस्तेमाल

भास्कर न्यूज, पुणे। तेंदुओं के लगातार हमले रोकने के लिए वन विभाग अब मुर्गियों और बकरियों का सहारा लेगा। भोजन के रूप में उन्हें पिंजरे में रखा जाएगा, ताकि तेंदुए वहां आएं, शिकार करके भूख मिटाएं और इंसानों पर हमले न करें। पुणे, नाशिक और अहिल्यानगर में बढ़ते तेंदुए के हमले रोकने के लिए यह सुझाव वन मंत्री गणेश नाईक ने अफसरों को दिया है और इस पर अमल करने को कहा है।

वन मंत्री का तर्क है कि तेंदुए के हमले में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो सरकार को 25 लाख रुपए देना पड़ते हैं। इसके बजाय अगर बकरियों और मुर्गियों को जंगल में छोड़कर तेंदुए को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा, तो इससे नागरिकों पर होने वाले हमले कम करने में मदद मिलेगी। नाईक सोमवार को पुणे में विभागीय अफसरों के साथ पुणे, नाशिक और अहिल्यानगर क्षेत्र में बढ़ते तेंदुओं के हमले रोकने पर अफसरों के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक के बाद मीडिया से मंत्री ने कहा कि जुन्नर और शिरूर तहसील 1982 के दौरान कुछ हद तक खाली और सूना था। बाद में वहां बांध बनाया गया और बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती शुरू हो गई। इससे वह इलाका जंगल जैसा बन गया है। नाईक ने बताया कि कुछ तेंदुओं को वनतारा भेजा जाएगा, जिसकी प्रक्रिया जारी है। 10 दिन में तेंदुए वनतारा भेजे जाएंगे और कुछ को अफ्रीकी जंगलों में भी भेजे जाएंगे।

जानवर कम हुए, इसलिए बढ़े हमले

मंत्री ने कहा कि पहले पुणे के आसपास खरगोश, भेड़िए और लोमड़ियां मौजूद थे। अब जानवरों की संख्या कम होने से तेंदुए गांवों में मनुष्यों पर हमले करने लगे हैं। तेंदुओं की संख्या भी काफी बढ़ गई है। तेंदुए पकड़ने के लिए 200 पिंजरे उपलब्ध कराए गए थे, जिन्हें अब बढ़ाकर 1000 किया जाएगा। पिंजरों में चारे के रूप में कुछ जानवरों को रखना पड़ता है। पशुप्रेमियों की आपत्ति के कारण यह काम मुश्किल था, फिर भी अब बकरों और मुर्गों को चारे के रूप में रखा जाएगा।

एआई कैमरे लगाएंगे, सायरन बजेगा, ड्रोन का भी इस्तेमाल

इसके अलावा कुछ एआई कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि जैसे ही तेंदुआ आएगा, सायरन बजेंगे और नागरिक सतर्क हो सकेंगे। इसके अलावा ड्रोन से भी तेंदुओं पर नजर रखी जाएगी। इन उपायों के लिए वन विभाग ने पुणे जिले के लिए 11 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है और अब ऐसी व्यवस्था अहिल्यानगर में भी लागू की जाएगी। तेंदुए के हमले रोकने के लिए युद्ध स्तर पर निर्णय लिए जाएंगे और सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई जनहानि न हो।

Created On :   18 Nov 2025 4:08 PM IST

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